ऐसो रंग लगाओ कान्हा जन्म-जन्म न उतरे
० सुषमा भंडारी ०
प्रेम गुलाल हाथ में लेकर
हो जाऊं बदनाम प्रिय
पोर पोर में नशा तुम्हारा
जन्म जन्म न उतरे -------
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे-------
तन भीगा मन भीगा साजन
सिहर सिहर मैं जाऊं
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म - जन्म न उतरे -----
जन्म - जन्म न उतरे -----
मन को मीत ,तू ही मेरो प्रीतम
तू ही मेरो श्याम प्रिय
तू ही मेरो श्याम प्रिय
प्रेम गुलाल हाथ में लेकर
हो जाऊं बदनाम प्रिय
पोर पोर में नशा तुम्हारा
जन्म जन्म न उतरे -------
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे-------
तन भीगा मन भीगा साजन
सिहर सिहर मैं जाऊं
मस्त बयार के संग बहूँ मैं
गीत खुशी के गाऊं
जन्म जन्म का बंधन है ये
जन्म जन्म न उतरे-------
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे------
गीत खुशी के गाऊं
जन्म जन्म का बंधन है ये
जन्म जन्म न उतरे-------
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे------
बहक रहें हैं नैन मेरे और
खनक रहे हैं कंगन
फागुन की टोली है आई
अद्भुत रंग है तन मन।
उड़ उड़ रंग गुलाल कहे है
जन्म जन्म न उतरे----
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे-----
खनक रहे हैं कंगन
फागुन की टोली है आई
अद्भुत रंग है तन मन।
उड़ उड़ रंग गुलाल कहे है
जन्म जन्म न उतरे----
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे-----
टेसू के रंगों सी महकूँ
दहकूँ मैं होली में
लाड़ और मनुहार भरा है
मेरी तो झोली में
रंग प्रीत का श्यामल- श्यामल
जन्म- जन्म न उतरे------
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे------
दहकूँ मैं होली में
लाड़ और मनुहार भरा है
मेरी तो झोली में
रंग प्रीत का श्यामल- श्यामल
जन्म- जन्म न उतरे------
ऐसो रंग लगाओ कान्हा
जन्म जन्म न उतरे------
दोहा
गाल गुलाबी कर गये,
तेरे वो दो नैन।
दिवस हुए मदमस्त से,
रातें हैं बेचैन।।
खिल- खिल कर कहती कली
तुझसे ये मुस्कान
ओ भ्रमर ओ साँवरे,
मैं बिल्कुल नादान।।
रंग- बिरंगा हो रहा
धरती का हर छोर
मस्त- मस्त फागुन हुआ
नाचे मन का मोर।।
गाल गुलाबी कर गये,
तेरे वो दो नैन।
दिवस हुए मदमस्त से,
रातें हैं बेचैन।।
खिल- खिल कर कहती कली
तुझसे ये मुस्कान
ओ भ्रमर ओ साँवरे,
मैं बिल्कुल नादान।।
रंग- बिरंगा हो रहा
धरती का हर छोर
मस्त- मस्त फागुन हुआ
नाचे मन का मोर।।
हम- सब होली खेलते ,
हंसी - खुशी के संग।
प्यार की आओ पियें
मिलकर सारे भंग।।
हंसी - खुशी के संग।
प्यार की आओ पियें
मिलकर सारे भंग।।
उड़ते रंग गुलाल सब
प्रेम - प्रीत के संग।
मन से बैर मिटाय के
दूर करो सब जंग।
प्रेम - प्रीत के संग।
मन से बैर मिटाय के
दूर करो सब जंग।
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