पावरग्रिड, उत्तरी क्षेत्र-I में संरक्षा सप्ताह दिवस को “लाइनमैन दिवस” के तौर पर मनाया

० योगेश भट्ट ० 
फरीदाबाद - पावरग्रिड उत्तरी क्षेत्र – प्रथम द्वारा 53 वें “सुरक्षा दिवस” के अंतर्गत प्रथम दिवस को “लाइनमैन दिवस” के तौर पर उत्साहपूर्वक मनाया गया | लाइनमैन दिवस – विद्युत, देश की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है, जो देश की विकास यात्रा को संचालित करने में सक्षम बनाती है, देश की अग्रणी विद्युत संस्थाओ मे से एक पावरग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, उन लाइनमैनों का आभार व्यक्त करता है जिन्होंने राष्ट्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किया |

 “लाइनमैन दिवस” के चौथे संस्करण एवं 53 वें “सुरक्षा दिवस” के अंतर्गत काम करने वाले संविदा फिटर और तकनीशियनों को विभिन्न सबस्टेशन प्रभारियों द्वारा सर्वश्रेष्ठ लाइनमैन (तकनीशियन और फिटर) को प्रशंसा प्रमाण पत्र के साथ सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया | जिसमें उन साहसिक और समर्पित व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, जो हमें बिजली की सुरक्षित और स्थिर सप्लाई सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।

पावरग्रिड, उत्तरी क्षेत्र – प्रथम के कार्यपालक निदेशक ए.के. मिश्रा ने इस अवसर पर समस्त कर्मचारियो को संबोधित करते हुए यह बताया कि – “लाइनमैन दिवस का उत्सव एक अवसर है, जब हम समस्त समुदाय को इस श्रेणी के वीर और निःस्वार्थ कर्मचारियों का अभिनंदन करते हैं, जो दिन-रात काम करते हैं ताकि हम सभी अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें।“ उनका समर्पण, संघर्ष और सेवा भाव हमारे समुदाय के सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह उत्सव एक संदेश भी है – “हम सभी को इन वीर लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने और मान्यता देने की आवश्यकता है।

 हम सभी के लिए सुरक्षित और सुगम बिजली की आपूर्ति का विश्वास केवल उनके परिश्रम और समर्पण के कारण ही संभव होता है” |इस अवसर पर पावरग्रिड, उत्तरी क्षेत्र – प्रथम के मुख्य महाप्रबंधक (परिसंपत्ति प्रबंधन) रवीन्द्र नाथ गुप्ता ने बताया कि - “हम सभी लोग इन साहसिक कर्मचारियों का समर्थन और आभार व्यक्त करते हैं, और हम सभी एक संकल्प लेते हैं कि हम उनके योगदान की महत्वाकांक्षा को समझेंगे और समर्थन करेंगे, हम उनके अद्भुत कार्यों की सराहना करते हैं।“

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

वाणी का डिक्टेटर – कबीर