जीवन रेखा हॉस्पिटल में हुई लीवर जागरुकता कार्यशाला

० आशा पटेल ० 
जयपुर - विश्व लिवर दिवस के उपलक्ष में जीवन रेखा हॉस्पिटल में हुई लीवर जागरुकता कार्यशाला 50 से अधिक आमजन व नर्सिग कर्मियों ने लिया भाग सप्ताह में 5 दिन की ब्रिस्ट वॉक आपके लिवर को खराब होने से बचा सकती है। लेकिन यदि लिवर एक बार खराब हो जाये तो दुबारा से स्वस्थ होने में आती है बडी परेशानी कई वायरस तो ऐसे है जो की लिवर को हमेशा के लिए खराब कर देते है। डॉ. साकेत ने बताया की प्रतिदिन की ओपीडी में आने वाले अधिकतर मरीजों में लीवर की बिमारी के सकेंत दिखाई देते हैं

विश्व लिवर दिवस प्रतिवर्ष 19 अप्रेल को मनाया जाता है। ताकि लिवर से सबंधित बीमारियों के बारे में जागरुकता फैलाई जा सके। डॉ. साकेत अग्रवाल, वरिष्ठ विशेषज्ञ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं हीपैटोलॉजी, जीवन रेखा हॉस्पिटल, जयपुर ने लिवर के बारे जागरुकता फैलाने के लिए बताया की लिवर मानव शरीर का अद्वितीय अंग है जो की कुछ हद तक पुनर्जनन की विशेष क्षमता रखता है। लिवर शरीर में पाचन तंत्र का मुख्य अंग है।डॉ. साकेत के अनुसार लीवर के खराब होने के प्रमुख कारण निम्न है

 शराब का सेवन शराब एक ऐसा कारण है जो की लिवर को धिरे-धिरे खराब कर देती है। आजके युग में अगर बात करे तो इससे बचे हयु बहुत कम लोग है। मोटापा आम जन को एक हैल्दी वनज के मापदण्ड को मैनटेन करना चाहिये जैसे की कितनी लम्बाई पर कितना वजन होना चाहिये यह सब ध्यान में रखते हुये अपने वनज पर नियत्रंण रखना चाहिये। 

 वायरल इन्फेक्शन दैनीक दिनचर्या में आदमी कई ऐसे लोगों के साथ ही कई प्रकार के वायरस के भी संपर्क में आता है। जो की लिवर को खराब करने का बहुत बडा कारण है। हैपेटाईटिस बी व सी दोनों ही वायरल इन्फेक्शन के कारण होते है। आज के समय में तो हैपेटाईटिस बी का तो वैक्सीन उपलब्ध हो गया है लेकिन सी का वेक्सीन उपलब्ध नही है। अप्रशिक्षित डॉक्टरो से दवाओं का लेना देश में दूर दराज के ईलाकों के अलावा शहरों में भी अप्रशिक्षित डाक्टरों के द्वारा दवायें जो रही जो की रियेक्शन करके लिवर को खराब करती है।

डॉ. साकेत ने बताया की हम कुछ मामुली सावधानियां अपनाकर लिवर को खराब होने से बचा सकते है।
नियमित हैल्दी व बैलेंस डाईट लेवे व बाजार का तला भुना व जंक फूड खाने से बचे। नियमित व्यायाम करें जैसे की सप्ताह में 5 दिन ब्रिस्ट वॉक करे, शराब क सिगरेट से दूर रहे। वजन नियंत्रित रखें व हैपेटाईटिस बी का वैक्सीन जरुर लगवाये व समय - समय पर लिवर की जांच कराकर भी लिवर की बीमारी का जल्द पता लगा सकते हैं। इन सब सावधनियों को अपनाकर आप लिवर को खराब होने से बचा सकते है।

 शुरुआती लक्षणों को पहचानकर उचित उपचार लेवे क्योंकि स्टेज फर्स्ट में लिवर को दवाआें के द्वारा बचा सकते है नही तो बाद में लिवर ट्रांसप्लांट की नौबत भी आ सकती है। इस अवसर पर जीवन रेखा हॉस्पिटल के सीईओ रुपेश माथुर ने बताया की हॉस्प्टिल में पेट की बिमारियों के लिए एक विस्तृत डिपार्टमेंट हैं जो पेट व इससे सबंधित सभी बिमारियों के उपचार की आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जीत है। इस अवसर पर डॉ. सौरभ पेट ऑत व लीवर रोग विशेषज्ञ जीवन रेखा हॉस्पिटल भी उपस्थित रहे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

वाणी का डिक्टेटर – कबीर