वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा गहलोत ने ईआरसीपी को लटकाए रखा
० आशा पटेल ०
जयपुर | प्रदेश में ओपीएस लागू करने के मामले को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत सरकार व कांग्रेस को घेरा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि राजस्थान की नई भाजपा सरकार ने 100 दिन की कार्य योजना पर काम कर ईआरसीपी और पीकेसी लिंक योजना का समझौता कर दिखाया है । जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में जल की भारी किल्लत होने के बावजूद इस महत्वपूर्ण योजना को लटकाए रखा। गहलोत पहले ऐसे सीएम हैं जिन्होंने पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से नहीं लिया। सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ चुनाव के लिए वादा करती है और जनता को गुमराह करती है।
इसके अलावा ओपीएस को लेकर कांग्रेस ने राजस्थान में एक माहौल बनाया। इसके बाद झूठा वादा कर हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक का चुनाव जीते। जबकि कांग्रेस के लोगों ने ही ओपीएस के लिए मना किया था। जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ओपीएस का जिक्र तक नहीं | उन्होंने कहा कि एनपीएस का पैसा कर्मचारियों का है, यह सरकार के खाते में नहीं जा सकता है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ओपीएस का जिक्र तक नहीं किया, जबकि ओपीएस कांग्रेस का मुद्दा था। गहलोत सरकार ने ओपीएस के नाम पर भ्रम फैलाने का काम किया। कांग्रेस घोषणा पत्र जारी करने के समय दिल्ली के नेताओं ने ओपीएस पर अशोक गहलोत की राय क्यों नहीं ली l
जयपुर | प्रदेश में ओपीएस लागू करने के मामले को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत सरकार व कांग्रेस को घेरा। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि राजस्थान की नई भाजपा सरकार ने 100 दिन की कार्य योजना पर काम कर ईआरसीपी और पीकेसी लिंक योजना का समझौता कर दिखाया है । जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में जल की भारी किल्लत होने के बावजूद इस महत्वपूर्ण योजना को लटकाए रखा। गहलोत पहले ऐसे सीएम हैं जिन्होंने पानी जैसे महत्वपूर्ण विषय को गंभीरता से नहीं लिया। सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस सिर्फ चुनाव के लिए वादा करती है और जनता को गुमराह करती है।
इसके अलावा ओपीएस को लेकर कांग्रेस ने राजस्थान में एक माहौल बनाया। इसके बाद झूठा वादा कर हिमाचल प्रदेश व कर्नाटक का चुनाव जीते। जबकि कांग्रेस के लोगों ने ही ओपीएस के लिए मना किया था। जबकि कांग्रेस के घोषणा पत्र में ओपीएस का जिक्र तक नहीं | उन्होंने कहा कि एनपीएस का पैसा कर्मचारियों का है, यह सरकार के खाते में नहीं जा सकता है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ओपीएस का जिक्र तक नहीं किया, जबकि ओपीएस कांग्रेस का मुद्दा था। गहलोत सरकार ने ओपीएस के नाम पर भ्रम फैलाने का काम किया। कांग्रेस घोषणा पत्र जारी करने के समय दिल्ली के नेताओं ने ओपीएस पर अशोक गहलोत की राय क्यों नहीं ली l
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