धर्म का काम तोड़ना नहीं जोड़ना है : डॉ सलीम
० आशा पटेल ०
जयपुर । जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान प्रदेश की ओर से ईद मिलन समारोह का आयोजन मोती डूंगरी रोड स्थित इस्लामिक सेंटर में किया गया जिसमें सभी धर्मों के धर्माचार्यों, समाज सेवियों, मीडिया कर्मियों, चिन्तक, लेखक व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। समारोह का प्रारम्भ करते हुए जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने कहा कि देश इस समय गम्भीर रूप से नफ़रत की ओर बढ़ रहा है, यदि आपसी सहयोग और प्रेम बाक़ी नहीं रहा तो देश का वातावरण खराब होगा। उन्होंने कहा कि ईद का पैग़ाम मुहब्बत और भाईचारा है।
जयपुर । जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान प्रदेश की ओर से ईद मिलन समारोह का आयोजन मोती डूंगरी रोड स्थित इस्लामिक सेंटर में किया गया जिसमें सभी धर्मों के धर्माचार्यों, समाज सेवियों, मीडिया कर्मियों, चिन्तक, लेखक व सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया। समारोह का प्रारम्भ करते हुए जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने कहा कि देश इस समय गम्भीर रूप से नफ़रत की ओर बढ़ रहा है, यदि आपसी सहयोग और प्रेम बाक़ी नहीं रहा तो देश का वातावरण खराब होगा। उन्होंने कहा कि ईद का पैग़ाम मुहब्बत और भाईचारा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. मुहम्मद सलीम इंजीनियर कर रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म तोड़ने में नहीं बल्कि जोड़ने में विश्वास रखता है। जो व्यक्ति अद्ल व इंसाफ़ ना करे वह धार्मिक हो ही नहीं सकता। उन्होंने बताया कि इस्लाम व्यक्ति को अच्छा बुरा चुनने की स्वतंत्रता देता है, किसी से जबरन कोई बात नहीं मनवाई जा सकती है। परन्तु कुछ लोग जबरन देश का वातावरण ख़राब करना चाहते हैं। यह हम सब की ज़िम्मेदारी है कि आपस में प्यार मोहब्बत को बढ़ावा देकर देश की एकता बनाए रखें।
इस मौके पर गायत्री परिवार के रामराय शर्मा, कृपाकुंज श्री धाम वृंदावन के महंत हरिदास महाराज, समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह, जमियत उलैमा हिन्द के सदस्य हाफ़िज़ मन्ज़ूर, पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव, डॉ. हबीबुर्रहमान नियाज़ी, ज्ञानविहार विश्वविद्यालय के चैयरमेन सुनील शर्मा, राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम के प्रदेशाध्यक्ष शब्बीर खान,
शिया आलिम मौलाना अली ईमाम नक़वी, दलित नेता मोहनलाल बैरवा, महन्त प्रवीण भैयाजी और अब्दुल लतीफ़ आरको ने आपसी सहिष्णुता बनाए रखने तथा विचारों के आदान-प्रदान करते का आह्वान किया। सभी ने यह स्मरण कराया कि इन्सानियत जाती, धर्म व वर्ग के ऊपर है तथा हमें सभी धर्मों, विचारों व भावनाओं का आदर करना होगा तभी पूरे देश में भाईचारा और प्रेम बढ़ेगा।
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