आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स ने हेल्थकेयर स्टार्ट-अप्स के पोषण के लिए सामर्थ्य 2.O: 'एन एक्सक्लूसिव ग्रोथ इनक्यूबेशन प्रोग्राम' लॉन्च किया

० आशा पटेल ० 
जयपुर : आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य देखभाल पर केंद्रित आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स जयपुर, राजस्थान में स्थित आईआईएचएमआर फाउंडेशन की एक इकाई ने सामर्थ्य 2.O: 'एन एक्सक्लूसिव ग्रोथ इनक्यूबेशन प्रोग्राम' लॉन्च किया है। इसका उद्देश्य पोस्ट—एमवीपी के बाद स्टार्ट-अप का समर्थन करने या उनके विकास पथ के साथ राजस्व जुटाने में योगदान करना है। दूसरे संस्करण में 15 अत्यधिक नवीन स्टार्ट-अप को मान्यता दी गई, जो सामर्थ्य 1 की तुलना में लगभग 114% की वृद्धि दर्शाता है।
चयनित स्टार्ट-अप को इनक्यूबेशन कार्यक्रम के पूरा होने के बाद प्रदान की जाने वाली 15 लाख तक की वित्तीय सहायता से लाभ होगा। आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स द्वारा बड़े स्तर पर इनक्यूबेशन समर्थन उपलब्ध करवाया जाता है, जिसमें ध्यान जीतने, स्वास्थ्य सेवा और व्यावसायिक ज्ञान बढ़ाने, क्लाइंट कनेक्ट, फंडिंग और आईआईएचएमआर के सहायक नेटवर्क तक पहुंचने पर मार्गदर्शन शामिल है, जिसे संगठन ने अपने अस्तित्व के 40 वर्षों में हासिल किया है।

उल्लेखनीय रूप से, पूरे भारत से 200 से अधिक महत्वाकांक्षी स्टार्ट-अप ने इनक्यूबेशन समर्थन के लिए आवेदन किया था। कार्यक्रम ने एप्लीकेशन की एक विविध शृंखला को लुभाया, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल में तकनीकी-आधारित नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करने वाले उद्यम, स्वास्थ्य देखभाल के लिए एसएएएस-आधारित समाधान, स्वास्थ्य देखभाल में एआर/वीआर अनुप्रयोग, स्वास्थ्य देखभाल में फिनटेक समाधान, मानसिक स्वास्थ्य के लिए वियरेकबल गैजेट और विभिन्न अन्य डोमेन शामिल हैं।

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी आर सोडानी ने अगली पीढ़ी के स्वास्थ्य सेवा अग्रदूतों को प्रोत्साहित करने में कार्यक्रम के महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'हम सामर्थ्य 2.0 लॉन्च करते हुए इन दूर तक की सोच रखने वाले स्टार्टअप निर्माताओं को सशक्त बनाते हुए रोमांचित हैं। ये ऐसे स्टार्टअप हैं, जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को नया आकार दे रहे हैं। निरंतर बदलते माहौल के बीच ऐसे आविष्कारशील स्टार्ट-अप का समर्थन करने से देश को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में महत्वपूर्ण कमियों से निपटने के लिए सशक्त बनाया जा सकेगा। 

आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स ने अब तक 53 नए उद्यमों को सहायता प्रदान की है, जो स्वास्थ्य देखभाल इकोसिस्टम में नवाचार को बढ़ावा देने और सभी के लिए मजबूत आधार बनाने के लिए आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"स्टार्ट-अप्स ने प्रभावशाली समाधानों की एक विस्तृत शृंखला प्रस्तुत की, जिसमें भारत के दूरदराज के क्षेत्रों के लिए सस्ती डायग्नोस्टिक सेवाओं से लेकर आंखों के उपचार के लिए अत्याधुनिक एआर/वीआर तकनीक और कार्डियोलॉजी में उन्नत एआई-संचालित डायग्नोस्टिक्स, स्मार्ट गर्भावस्था देखभाल और बच्चों में कान से संबंधित समस्याओं का पता लगाने जैसे उपाय शामिल हैं। 

इसलिए, बहुत सोचसमझ कर तैयार की गई चयन प्रक्रिया के बाद, सबसे अधिक उम्मीद जगाने वाले स्टार्ट-अप को फाइनल पिचिंग राउंड में भाग लेने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था। चार दिनों तक चले फाइनल पिचिंग राउंड के दौरान एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल ने स्टार्ट-अप का सख्ती से मूल्यांकन किया। भाग लेने वाले स्टार्ट-अप की क्षमता और विविधता वास्तव में असाधारण थी, जो महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान प्रदर्शित कर रही थी।

आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स के सीईओ पुनीत दत्ता ने दूरदर्शी उद्यमियों का समर्थन करने में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, 'आईआईएचएमआर स्टार्ट-अप्स के माध्यम से इस उभरती शक्ति का समर्थन करने की आईआईएचएमआर फाउंडेशन की यह पहल बहुत महत्वपूर्ण है। यह पहल स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में प्रभावशाली सकारात्मक बदलाव लाने के यूनिवर्सिटी के मिशन के अनुकूल है। मैं डॉ. पी आर सोडानी और आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के पूरे स्टाफ के मजबूत प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करता हूं।'

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