"गौ एवं गौवंश की संवैधानिक कानूनी स्थिति" का विमोचन
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली। गौ वंश देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 'राष्ट्रीय गौधन महासंघ' के संयोजक विजय खुराना द्वारा संकलित एवं प्रकाशित पुस्तक "गौ एवं गौवंश की संवैधानिक कानूनी स्थिति" इस बारे में विस्तृत प्रकाश डालती है। इस पुस्तक का विमोचन एवं आत्म-निर्भर गौशालाओं पर चर्चा का आयोजन विश्व युवक केंद्र पर किया गया। इसका विमोचन विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया।
नई दिल्ली। गौ वंश देश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। 'राष्ट्रीय गौधन महासंघ' के संयोजक विजय खुराना द्वारा संकलित एवं प्रकाशित पुस्तक "गौ एवं गौवंश की संवैधानिक कानूनी स्थिति" इस बारे में विस्तृत प्रकाश डालती है। इस पुस्तक का विमोचन एवं आत्म-निर्भर गौशालाओं पर चर्चा का आयोजन विश्व युवक केंद्र पर किया गया। इसका विमोचन विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार के कर कमलों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्यपाल असम एवं पूर्व उप-राज्यपाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के प्रो जगदीश मुखी थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस शम्भूनाथ श्रीवास्तव मुख्य वक्ता थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संतोष तनेजा ने की। राष्ट्रीय गौधन महासंघ द्वारा देश में गौधन को बढ़ावा देने के लिए गोबर से लकड़ी बनाने वाली मशीन पूर्व में मुफ्त में देने का निर्णय लिया था।
राष्ट्रीय गौधन महासंघ के संयोजक विजय खुराना का कहना है कि गाय इस देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। महासंघ देश में 22 हजार गौशालाएं संचालित कर रहा है। हमारी कोशिश है कि हर गौशाला आत्मनिर्भर बने। हमारी कुछ गौशालाओं आत्मनिर्भर हैं। उनके गोबर से लकड़ी बनाई जा रही है। गौशालाओं ने 20 हजार टन लकड़ी बेची है जिसे लोग होलिका दहन, शमशान, लोहड़ी आदि पर खरीद कर ले जाते हैं।
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