पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए नागरी लिपि संगोष्ठी
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और केंद्रीय हिंदी संस्थान के हिंदी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए नागरी लिपि परिषद द्वारा नागरी लिपि संगोष्ठी का आयोजन गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के सभागार में किया गया। इस संगोष्ठी का विषय था - मीडिया में नागरी लिपि और भाषा: समकालीन परिदृश्य। समारोह की अध्यक्षता पूर्व कुलपति एवं नागरी लिपि के अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद पातंजलि ने की।
नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और केंद्रीय हिंदी संस्थान के हिंदी पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए नागरी लिपि परिषद द्वारा नागरी लिपि संगोष्ठी का आयोजन गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा के सभागार में किया गया। इस संगोष्ठी का विषय था - मीडिया में नागरी लिपि और भाषा: समकालीन परिदृश्य। समारोह की अध्यक्षता पूर्व कुलपति एवं नागरी लिपि के अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद पातंजलि ने की।
मुख्य अतिथि डॉ विमलेश कांति वर्मा थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में नागरी लिपि परिषद के महामंत्री और संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ हरिसिंह रहे। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ चंद्रदेव यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। संगोष्ठी का संयोजन एवं संचालन जामिया मिल्लिया इस्लामिया के हिंदी एवं पत्रकारिता विभाग के प्राध्यापक डॉ राकेश कुमार दुबे ने किया।
संगोष्ठी का शुभारंभ अमरोहा की कवयित्री शशि त्यागी एवं कवि मोहन द्विवेदी की गाई नागरी वंदना से हुआ । नागरी लिपि परिषद के कार्यालय मंत्री अरुण कुमार पासवान ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा की अध्यक्ष सुश्री कुसुम शाह के वक्तव्य का वाचन विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष अतुल प्रभाकर ने किया।
संगोष्ठी का शुभारंभ अमरोहा की कवयित्री शशि त्यागी एवं कवि मोहन द्विवेदी की गाई नागरी वंदना से हुआ । नागरी लिपि परिषद के कार्यालय मंत्री अरुण कुमार पासवान ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। विशिष्ट अतिथि गांधी हिन्दुस्तानी साहित्य सभा की अध्यक्ष सुश्री कुसुम शाह के वक्तव्य का वाचन विष्णु प्रभाकर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष अतुल प्रभाकर ने किया।
संगोष्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और केंद्रीय हिंदी संस्थान के पत्रकारिता के विद्यार्थियों के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ ओमप्रकाश शर्मा, परिषद के कोषाध्यक्ष आचार्य ओमप्रकाश, भारत सरकार के पूर्व हिंदी अधिकारी देवी प्रसाद मिश्र, युवा किसान नेता कर्मवीर सिंह सहित अनेक प्राध्यापक उपस्थित रहे।
आभासी माध्यम से इस संगोष्ठी में नागालैंड के डॉ बी पी फिलिप, आइजाल के प्राध्यापक डॉ ए के रंजीत,डिब्रूगढ़ की डॉ अदिति सैकिया, ईटानगर की डॉ सोनम वांग्मू, गुवाहाटी की डॉ नूरजहां रहमतुल्लाह, डॉ परीक्षित नाथ, नंदिता राजवंशी, चेन्नई की डॉ गंगा मीनाक्षी, डॉ पद्मिनी,मदुरै के प्रो डेनियल राजेश,आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापट्टनम की डॉ विजया भारती जेल्दी, मैथिली राव,कर्नाटक के डॉ सुनील परीट, गोवा के डॉ शंभू प्रभु देसाई, भुवनेश्वर ओडिशा के हरिराम पंसारी,
आभासी माध्यम से इस संगोष्ठी में नागालैंड के डॉ बी पी फिलिप, आइजाल के प्राध्यापक डॉ ए के रंजीत,डिब्रूगढ़ की डॉ अदिति सैकिया, ईटानगर की डॉ सोनम वांग्मू, गुवाहाटी की डॉ नूरजहां रहमतुल्लाह, डॉ परीक्षित नाथ, नंदिता राजवंशी, चेन्नई की डॉ गंगा मीनाक्षी, डॉ पद्मिनी,मदुरै के प्रो डेनियल राजेश,आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापट्टनम की डॉ विजया भारती जेल्दी, मैथिली राव,कर्नाटक के डॉ सुनील परीट, गोवा के डॉ शंभू प्रभु देसाई, भुवनेश्वर ओडिशा के हरिराम पंसारी,
महाराष्ट्र के डॉ पोपट राव कोटमे, डॉ मधुभंभानी, डॉ सुभाष पाटिल,गुजरात के वी आर ललित, डॉ वर्षा रानी सोलंकी,छत्तीसगढ़ की डॉ सरस्वती वर्मा, रतिराम गढेवाल, बिहार के पत्रकार सोनू कुमार , बनारस के डॉ अमित कुमार गुप्ता, मध्य प्रदेश की फरहत उन्निशां, राजस्थान के डॉ कृष्णाराम चौहान, झारखंड के संतोष कुमार महतो, केंद्रीय हिंदी निदेशालय के पूर्व उपनिदेशक डॉ बी पी निदारिया, कृषि वैज्ञानिक डॉ सतीश कुमार यादव,
ओमान के पूर्व पेट्रो अभियंता गजराज सिंह बघेल, भारत सरकार के हिंदी अधिकारी श्रवण कुमार, केंद्रीय हिंदी संस्थान के डॉ पराक्रम सिंह सहित अनेक नागरी लिपि प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। आभासी मंच का संचालन महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल नागरी लिपि अध्येता डॉ रश्मि चौबे ने किया। उपस्थित पत्रकारिता के सभी छात्र छात्र-छात्राओं को नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष डॉ प्रेमचंद पातंजलि ने प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए। धन्यवाद ज्ञापन रक्षा मंत्रालय के पूर्व हिंदी अधिकारी आचार्य ओमप्रकाश ने प्रस्तुत किया।
टिप्पणियाँ