विश्व बैंक के 3674 करोड़ रू के ऋण से आरयूआईडीपी में होंगे विकास कार्य

० आशा पटेल ० 
जयपुर । विश्व बैंक ने आधारभूत संरचनाओं के विकास एवं उन्नयन हेतु 3674 करोड़ रूपये के ऋण का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में विश्व बैंक के प्रतिनिधि मंडल ने नगरीय एवं स्वायत्त शासन मंत्री  झाबर सिंह खर्रा के साथ विचार विमर्श किया। सचिवालय में आयोजित इस बैठक में शहरी क्षेत्रों के समावेशी विकास की प्राथमिकताओं को मद्देनज़र रखते हुए विश्व बैंक की सहायता से सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट, अरबन मोबिलिटी, हरित ऊर्जा, आजीविका एवं बाजारों को उन्नत करना, नगरीय निकायों की संस्थागत क्षमता बढाकर विकास की संभावनाओं को चिन्हित किया गया। विश्व बैंक ने राजस्थान के चिन्हित 27 शहरों में आधारभूत संरचनाओं के विकास एवं उन्नयन हेतु ऋण प्रस्तावों को बैठक में रखा जिसे स्वीकार कर लिया गया।

प्रतिनिधि मंडल ने अवगत कराया कि चिन्हित शहरों में आधारभूत सुविधाओं में कमी के कारणों के अध्ययन हेतु विषय विशेषज्ञों को शीघ्र ही मोबिलाईज किया जाएगा। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विश्व बैंक द्वारा प्रस्तावित विकास का स्वागत करते हुए कहा कि राजस्थान में नगरीय स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल प्रबंधन प्राथमिकताएं हैं। इसके साथ ही यातायात प्रबंधन, सैटेलाईट शहरों का विकास एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं शहरों की आवश्यकता है। इन सभी क्षेत्रों में नवाचार द्वारा गुणात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। विश्व बैंक अपने सभी प्रस्तावों में विश्व की बेस्ट प्रेक्टिसेज को ध्यान में रखते हुए नवाचार सम्मिलित कर इन क्षेत्रों में कार्य करें।

इस उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्व बैंक की बाह्य सहायता हेतु आरयूआईडीपी, पंचम चरण की कार्य योजना तैयार करें। विश्व बैंक के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व मुख्यालय की वरिष्ठ शहरी विशेषज्ञ डॉ. पूनम पिल्लई ने किया । बैठक में आरयूआईडीपी के परियोजना निदेशक प्रकाश चंद्र शर्मा, अतिरिक्त परियोजना निदेशक-प्रथम देवेन्द्र कुमार मीणा, अतिरिक्त परियोजना निदेशक-द्वितीय, डॉ. हेमन्त कुमार शर्मा, वित्तीय सलाहकार, श्रीमती जिज्ञासा गौड़, उप परियोजना निदेशक (तकनीकी), कपिल गुप्ता एवं अन्य तकनीकी अधिकारी उपस्थित रहे।

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