भारतीय विधायकों ने अमेरिका में एनसीएसएल विधान शिखर सम्मेलन 2024 में की शिरकत
नई दिल्ली | वैश्विक विधायी संवाद और सहयोग हेतु एक ऐतिहासिक आयोजन में देश भर के विधायकों, एम.एल.सी.और राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों सहित 50 भारतीय विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने लुइविल, केंटकी,अमरीका में नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ स्टेट लेजिस्लेचर (एन.सी.एस.एल.) के विधायी शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह दौरा राहुल वी. कराड और एन.सी.एस.एल. की एक पहल, नेशनल लेजिस्लेटर्स कॉन्फ्रेंस भारत के बीच सहयोग का एक हिस्सा थी।
उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्य डॉ. सुरभि ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय संवाद के माध्यम से लोकतंत्र को तटस्थ बनाने का एन.एल.सी. भारत का दृष्टिकोण बहुत प्रभावशाली रहा है। इस शिखर सम्मेलन ने विशेष रूप से डिजिटलिकरण के अत्याधुनिक तौर-तरीक़ों और प्रभावशाली कथाओं के सृजन की रणनीतियों को समझने में एक समृद्ध जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान किया। अमेरिकी सत्रों से प्राप्त ज्ञान सहायक होगा क्योंकि हम भारत में अपनी विधायी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए इन जानकारियों को अपनाते हैं।
एन.सी.एस.एल. विधायी शिखर सम्मेलन 2024 में डॉ. अदिति आर. कराड, डॉ. अशोक जोशी, आशिम पाटिल, विनोद सुब्रमण्यम, लक्ष्मण बदीम, प्रो. गौतम बापट, दिनकर खरात और सुभाष जायसवाल सहित प्रतिष्ठित प्रतिनिधि भी शामिल हुए। उनकी भागीदारी ने शिखर सम्मेलन की चर्चाओं को महत्व प्रदान किया और इस आयोजन की समग्र सफलता में योगदान दिया।
एन.सी.एस.एल. विधान शिखर सम्मेलन 2024 में भारत के प्रमुख विधायकों ने भाग लिया, उल्लेखनीय सहभागियों में ए.एन. शमसीर (केरल के अध्यक्ष), यू.टी. खादर फ़रीद (कर्नाटक के अध्यक्ष), थॉमस ए संगमा (मेघालय के अध्यक्ष), कुलतार सिंह संधवाँ (पंजाब के अध्यक्ष) और रुद्रप्पा मनप्पा लमानी (कर्नाटक के उपाध्यक्ष)शामिल थे। उनके अलावा दिल्ली से जरनैल सिंह, विशेष रवि और राजेश गुप्ता, उत्तर प्रदेश से संजय कुमार शर्मा,
धीरेंद्र सिंह और दिलीप कुमार पांडे और पंजाब से डॉ. रवजोत सिंह, श्रीमती नीना मित्तल, सुखवीर सिंह, अमृतपाल सिंह सिद्धू और श्रीमती जीवन ज्योत कौर सहित अन्य प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए; जो भिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। पंजाब विधान सभा की सदस्य जीवन ज्योत कौर ने कहा, “मैं इस असाधारण मंच प्रदान करने के लिए राहुल कराड की अत्यधिक सराहना करती हूँ। यह शिखर सम्मेलन एक नई जानकारी प्राप्त करने वाला अनुभव रहा है जिसने सहयोगात्मक विधायी संबद्धता के लिए एक नया मानक स्थापित किया है।
विभिन्न राजनीतिक पृष्ठभूमि से आनेवाले विधायकों को एक साथ मिलाकर, यह पहल भारत की प्रगति के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को और भी बेहतर बना देती है। विभिन्न विधायी तौर-तरीक़ों और अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोणों से परिचित होना बहुमूल्य रहा है,जिससे साधारण चुनौतियों का समाधान करने और सार्थक सुधारों को बेहतर बनाने की हमारी क्षमता बढ़ी है।”
उत्तर प्रदेश विधान सभा की सदस्य डॉ. सुरभि ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय संवाद के माध्यम से लोकतंत्र को तटस्थ बनाने का एन.एल.सी. भारत का दृष्टिकोण बहुत प्रभावशाली रहा है। इस शिखर सम्मेलन ने विशेष रूप से डिजिटलिकरण के अत्याधुनिक तौर-तरीक़ों और प्रभावशाली कथाओं के सृजन की रणनीतियों को समझने में एक समृद्ध जानकारीपूर्ण अनुभव प्रदान किया। अमेरिकी सत्रों से प्राप्त ज्ञान सहायक होगा क्योंकि हम भारत में अपनी विधायी प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के लिए इन जानकारियों को अपनाते हैं।
मैं साथी विधायकों को भविष्य के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती हूँ ताकि हमारी सामूहिक उन्नति में योगदान दिया जा सके।” राहुल वी. कराड - कार्यकारी अध्यक्ष, एम.आई.टी.-डब्ल्यू.पी.यू. ने कहा कि एन.सी.एस.एल. विधान शिखर सम्मेलन 2024 पूरे विश्व के विधायी संबंधों को सशक्त बनाने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस शिखर सम्मेलन में हमारी भागीदारी ने न केवल विविध शासन प्रथाओं की हमारी जानकारी को और भी बढ़ाया है, बल्कि भारत में लोकतांत्रिक संस्थानों को और भी बेहतर बनाने के लिए हमारी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की है।
अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ आपसी चर्चाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करके, हमने बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की है जो हमारे विधायकों को अपने राज्यों में प्रभावशाली परिवर्तनों को लागू करने में सक्षम बनायेगी, जिससे हमारे देश में प्रगति और विकास को बढ़ावा मिलेगा। शिखर सम्मेलन का एक मुख्य आकर्षण केंटकी स्टेट कैपिटल बिल्डिंग में प्रतिनिधिमंडल का दौरा था, जहाँ उन्होंने विभिन्न अमेरिकी राज्यों की विधायी संरचनाओं और प्रक्रियाओं के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त की।
एन.सी.एस.एल. विधायी शिखर सम्मेलन 2024 में डॉ. अदिति आर. कराड, डॉ. अशोक जोशी, आशिम पाटिल, विनोद सुब्रमण्यम, लक्ष्मण बदीम, प्रो. गौतम बापट, दिनकर खरात और सुभाष जायसवाल सहित प्रतिष्ठित प्रतिनिधि भी शामिल हुए। उनकी भागीदारी ने शिखर सम्मेलन की चर्चाओं को महत्व प्रदान किया और इस आयोजन की समग्र सफलता में योगदान दिया।
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