वर्क एनजीओ के 37वें स्थापना दिवस करुणा की एक किरण

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली।– ‘वर्क’ एनजीओ के 37वें स्थापना दिवस पर जिसमें मानवीय कारणों के प्रति साहसिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया गया। श्री सत्य साईं ऑडिटोरियम दिल्ली में आयोजित इस समारोह में एक अग्रणी पहल पर प्रकाश डाला गया, जिसने अंगदान पर अपने साहसिक रुख के लिए सुर्खियाँ बटोरी हैं।
इस कार्यक्रम में आर्ट ऑफ़ लिविंग, गायत्री परिवार, ब्रह्मकुमारी, भारतीय सर्व धर्म संसद, अर्थ-कीपर्स कनेक्ट, द. कोरिया स्थित एच डब्ल्यू पी एल और एहसास जैसे 36 प्रतिष्ठित संगठनों के अतिरिक्त कुछ विशिष्ट महानुभावों को उन के मानवता एवं समाज के प्रति महत्वपूर्ष योगदान के लिये सम्मानित किया गया।
 इन संगठनों ने सामाजिक सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और सामुदायिक कल्याण के लिए अमूल्य योगदान दिया है। सम्मानित व्यक्तियों में इस्लामी विद्वान डॉ. एम. असलम परवेज और आरजे नावेद खान जैसी प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल थीं। अन्य उपस्थित लोगों में गोस्वामी सुशील महाराज , सुनील पांडे, नेहा राजपूत, अब्दुस्समद और तारिक़ इकरामुल्लाह शामिल थे।
अपने संबोधन में, ‘वर्क’ संस्था के अध्यक्ष अल्लामा सैयद अब्दुल्ला तारिक़ ने भारत के लगभग 200 जिलों और विदेश के 14 शहरों में करुणा के 125 से अधिक क्षेत्रों में ‘वर्क’ के समर्पित स्वयंसेवकों की सेवाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘वर्क’ न तो सरकार से किसी अनुदान के लिए आवेदन करता है और न ही आम जनता से चंदे की आपील करता है। स्वयंसेवकों को समाज की सेवा में अपना समय और साथ ही अपना पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

अपने वक्तव्य में, WORK महिला विंग की अध्यक्ष सुमू तारिक़ ने महिला सशक्तीकरण में WORK के योगदान के बारे में बताया और इस क्षेत्र में संस्था की मुस्लिम महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। सुमू तारिक ने कहा, "मुस्लिम महिलाओं द्वारा अंगदान की शपथ मानवीय मूल्यों के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली प्रमाण है।" WORK NGO करुणा की एक किरण बनी हुई है। इस 37वें स्थापना दिवस पर न केवल पिछली उपलब्धियों का जश्न मनाया गया, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ाने और वंचित समुदायों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से भविष्य के प्रयासों का मार्ग भी प्रशस्त किया गया। 

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