साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया- गेटवे टू द वर्ल्ड'के साथ मनायेगा 55वीं वर्षगांठ
नई दिल्ली | 'साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया- गेटवे टू द वर्ल्ड' के साथ अपने 55 साल पूरे होने का जश्न 31 अगस्त से 2 सितम्बर तक मनायेगा | द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड ने अपनी 55वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में म्यूज़ीकनेक्ट इंडिया के सहयोग से 'साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया - गेटवे टू द वर्ल्ड' का शुभारंभ किया, जिसका आयोजन 31 अगस्त से 2 सितंबर के दौरान किया जाएगा। इस वैश्विक संगीत शिखर सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में किया जाएगा,
अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी: पोलैंड, हंगरी, फ्रांस, मंगोलिया, मोरक्को, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड और स्लोवाकिया के 13 प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समारोहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 11 महोत्सव निदेशक इस आयोजन में भाग लेंगे। इस आयोजन के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए, द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी के सीईओ, राकेश निगम ने कहा, "IPRS को अलग-अलग जॉनर और भौगोलिक क्षेत्रों से जुड़ी भारत की विविधतापूर्ण प्रतिभाओं के लिए विश्व स्तर पर उपलब्ध अवसरों को सामने लाने में म्यूज़ीकनेक्ट इंडिया के साथ साझेदारी करते हुए बेहद खुशी हो रही है।
चर्चा को आगे बढ़ते हुए कौशिक दत्ता, संस्थापक निदेशक म्यूज़ीकनेक्ट इंडिया, प्रेसिडेंट म्यूज़ीकनेक्ट एशिया, वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल म्यूज़िक मार्केट नेटवर्क ने कहा,"साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बाजार की संभावनाओं को उजागर करके स्थानीय, पारंपरिक और स्वतंत्र म्यूजिक की अहमियत को सबके सामने लाना है। इस पहल का उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जो भारतीय संगीत की बेमिसाल विविधता को प्रदर्शित करे, जिसमें मशहूर कलाकारों के साथ-साथ ऐसे कलाकार भी शामिल हों, जिनका संगीत बहुत कम सुना जाता है।
जिसमें 13 विश्व संगीत समारोहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 11 अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव निदेशकों के अलावा उद्योग जगत के नेतृत्वकर्ता, इस क्षेत्र के विशेषज्ञ तथा म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने माने क्रिएटर्स भाग लेंगे। इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के साथ-साथ भारतीय संगीत और इसके रचनाकारों को दुनिया के मंच पर उभारने की असीमित संभावनाओं की तलाश की जाएगी। हाल के दिनों में IPRS का सफ़र वाकई बेमिसाल रहा है, जिसने म्यूजिक क्रिएटर्स और मालिकाना हक वाले पब्लिशर्स के सबसे बड़े सहारे के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत किया है।
लेखकों, संगीतकारों एवं म्यूजिक पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कॉपीराइट संस्था होने के नाते, हम उनके अधिकारों की हिफाज़त करने से आगे बढ़कर ऐसे अवसर पैदा करने के संकल्प पर कायम है, जो उनके करियर को मजबूत बनाने के साथ-साथ उसके स्तर को ऊँचा उठाते हैं।भारत लगातार पूरी दुनिया में संगीत के केंद्र के रूप में उभर रहा है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है। ऐसे माहौल में वैश्विक शिखर सम्मेलन आकर्षक विचार-विमर्श, नेटवर्किंग तथा अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के लिए एक मंच की भूमिका निभाने वाला है।
यह सम्मेलन वैश्विक अवसरों पर चर्चा को बढ़ावा देगा तथा भारत को दुनिया के संगीत बाजार में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार करेगा। तीन दिनों के इस कार्यक्रम में मुख्य भाषण, पैनल के सदस्यों की ज्ञानवर्धक चर्चा, नेटवर्किंग, कनेक्ट कॉर्नर और म्यूजिक शोकेस का आयोजन होने वाला है। यह आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, नई दिल्ली में होगा | इस सम्मेलन में IPRS के अध्यक्ष जावेद अख़्तर; IPR के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राघवेंद्र .आर.; बिलीव, भारत एवं दक्षिण-पूर्व एशिया के मैनेजिंग डायरेक्टर, विवेक रैना; IEMA, डॉल्बी लैबोरेटरीज के वरिष्ठ निदेशक, करण ग्रोवर; गीतकार, लेखक, फिल्म निर्देशक एवं IPRS बोर्ड के सदस्य, मयूर पुरी; टर्नकी म्यूजिक एंड पब्लिशिंग के एमडी, अतुल चूड़ामणि के साथ-साथ अन्य वक्ता और उद्योग जगत के नेतृत्वकर्ता अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वाले हैं।
अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी: पोलैंड, हंगरी, फ्रांस, मंगोलिया, मोरक्को, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, मलेशिया, थाईलैंड और स्लोवाकिया के 13 प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय समारोहों का प्रतिनिधित्व करने वाले 11 महोत्सव निदेशक इस आयोजन में भाग लेंगे। इस आयोजन के बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए, द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी के सीईओ, राकेश निगम ने कहा, "IPRS को अलग-अलग जॉनर और भौगोलिक क्षेत्रों से जुड़ी भारत की विविधतापूर्ण प्रतिभाओं के लिए विश्व स्तर पर उपलब्ध अवसरों को सामने लाने में म्यूज़ीकनेक्ट इंडिया के साथ साझेदारी करते हुए बेहद खुशी हो रही है।
IPRS की 55वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में 'साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया - गेटवे टू द वर्ल्ड' का शुभारंभ किया गया है, जो हमारे लंबे और प्रभावशाली सफ़र में एक नई उपलब्धि है। यह आयोजन सचमुच ऐतिहासिक होने वाला है, जो म्यूजिक इंडस्ट्री के भविष्य की कल्पना करने के साथ-साथ भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। पहले दिन वैश्विक संगीत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा और इसके बाद दो दिनों के म्यूजिक शोकेस का आयोजन होगा, जहाँ विभिन्न क्षेत्रों के स्वतंत्र कलाकार और म्यूजिक क्रिएटर्स शीर्ष स्तर के अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव निदेशकों के सामने अपनी रचनाओं को प्रस्तुत करेंगे।
IPRS में, हमें मालूम है कि संगीत हमारे देश की रचनात्मक पहचान को आकार देने में बेहद अहम भूमिका निभाता है। यह सम्मेलन हमारी सांस्कृतिक विरासत की विशाल संभावनाओं को उजागर करता है, साथ ही प्रतिभाओं को निखारने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और हमारे रचनाकारों के लिए सार्थक अवसर पैदा करने के लिए IPRS के संकल्प को और मजबूत बनाता है। भारत की संगीत प्रतिभा के लिए शानदार भविष्य की रूपरेखा तैयार करने के लिए, हमें देश-विदेश की म्यूजिक इंडस्ट्री के सभी प्रमुख भागीदारों के साथ जुड़कर बेहद खुशी हो रही है।"
चर्चा को आगे बढ़ते हुए कौशिक दत्ता, संस्थापक निदेशक म्यूज़ीकनेक्ट इंडिया, प्रेसिडेंट म्यूज़ीकनेक्ट एशिया, वाइस प्रेसिडेंट ग्लोबल म्यूज़िक मार्केट नेटवर्क ने कहा,"साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर बाजार की संभावनाओं को उजागर करके स्थानीय, पारंपरिक और स्वतंत्र म्यूजिक की अहमियत को सबके सामने लाना है। इस पहल का उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जो भारतीय संगीत की बेमिसाल विविधता को प्रदर्शित करे, जिसमें मशहूर कलाकारों के साथ-साथ ऐसे कलाकार भी शामिल हों, जिनका संगीत बहुत कम सुना जाता है।
कलाकारों पर आधारित उद्यम होने के नाते, साउंडस्केप्स ऑफ इंडिया भारतीय म्यूजिक क्रिएटर्स को लाभ पहुंचाने वाले अवसर तैयार करने के साथ-साथ उन्हें दुनिया भर के प्रस्तुतकर्ताओं और अवसरों से जोड़ने के इरादे पर अटल है।"संगीत के भविष्य के इस शानदार सफ़र का हिस्सा बनने के बेहतरीन मौके को हाथों से जाने न दें। 31 अगस्त को पेटीएम इनसाइडर पर ग्लोबल म्यूजिक कॉन्फ्रेंस के लिए अपना स्थान सुरक्षित करें - प्रवेश निःशुल्क है।
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