समर्पण संस्था ने की 78 वें स्वतंत्रता दिवस पर “राष्ट्र निर्माण में कौशल विकास का महत्व“ पर सेमिनार

० आशा पटेल ० 
जयपुर । ” कौशल विकास देश की वृद्धि व समृद्धि के लिए बहुत ज़रूरी है ।सरकार इसके लिए प्रमुखता से काम कर रही हैं । ग़ैर सरकारी संगठनों को भी इसके लिए अधिक काम करने की जरूरत है “ उक्त विचार 78 वें स्वतंत्रता दिवस पर समर्पण संस्था की ओर से समर्पण आश्रय केयर भवन, साँभरिया रोड़, जयपुर में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह व "राष्ट्र निर्माण में कौशल विकास का महत्व“ विषयक सेमिनार में मुख्य अतिथि आईएएस डॉ. टीकम चन्द बोहरा 'अनजाना' ने व्यक्त किये । उन्होंने कहा कि “ समर्पण संस्था ज़रूरतमंदों की सेवा के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है ।
इससे पूर्व समर्पण आश्रय केयर भवन प्रांगण में मुख्य अतिथि आईएएस डॉ. टीकम चन्द बोहरा 'अनजाना' ने अन्य अतिथि व संस्था पदाधिकारियों के साथ ध्वजारोहण किया । तत्पश्चात सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ समर्पण प्रार्थना से की गई जिसे कोषाध्यक्ष राम अवतार नागरवाल व सुश्री सुवज्ञा माल्या ने प्रस्तुत किया। संस्था के संस्थापक अध्यक्ष आर्किटेक्ट डॉ. दौलत राम माल्या ने स्वागत भाषण में संस्था के सिद्धांत, विचारधारा व कार्यक्रमों पर अपनें विचार व्यक्त किये । डॉ. माल्या ने "राष्ट्र निर्माण में कौशल विकास का महत्व“ विषय पर एक पीपीटी प्रजेन्टेशन के माध्यम से बताया कि “ कौशल विकास जीवन को बेहतर बनाता है जो कि राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है
प्रजेन्टेशन में कौशल विकास से सम्बन्धित देश विदेश के आँकड़ों की जानकारी देते हुए भारत में क्या प्रयास किये जा सकते है इसके सुझाव प्रस्तुत किये ।”कार्यक्रम में संस्था की डॉक्यूमेंटरी के साथ संस्था द्वारा इस वर्ष में अब तक आयोजित किये गये कार्यक्रमों की झलकियां वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित की गई ।विशिष्ट अतिथि व्यवसायी बलराम चौधरी ने कहा कि “श्रमिकों व तकनीकी कामगारों के लिए कौशल ट्रेनिंग कार्यक्रम अधिक से अधिक होने चाहिये । देश कौशल विकास से ही सशक्त बन सकता है ।”विशिष्ट अतिथि बैंक ऑफ़ बड़ौदा के सेवानिवृत्त महाप्रबंधक पियुष नाग ने कहा कि “ कौशल विकास के लिए बैंक व अन्य कम्पनियों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाते हैं । जिसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को लेना चाहिए ।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. बी. एल. जाटावत ने कहा कि “ हर व्यक्ति में कौशल विद्यमान होता है लेकिन उसके लिए विधिवत प्रशिक्षण व विकास की आवश्यकता होती है । सामाजिक संस्थाओं को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी ।” उल्लेखनीय है कि रिटायरमेंट के काफ़ी साल बाद डा जाटावत ने हालही एल एल बी किया है। सेमिनार में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में संस्था सदस्यों के अलावा अनेक गणमान्य व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने प्रमुखता से भाग लिया। मंच संचालन हॉलिस्टिक लाइफ कोच एवं काउंसलर योगाचार्य योगी मनीष विजयवर्गीय ने किया ।

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