अडानी महा घोटाले और सेबी चेयरपर्सन माधवी बुच के इस्तीफे की मांग हेतु कांग्रेस का धरना
० आशा पटेल ०
जयपुर। अडानी महाघोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने तथा सेबी चेयरपर्सन को पद से हटाने की मांग को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के नेतृत्व में जयपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस पार्टी द्वारा धरना देकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस के सांसद व विधायक, सांसद व विधायक प्रत्याशी, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
उन्होंने कहा कि आज राजस्थान में भी भाजपा सरकार की अजीब स्थिति है। मुख्यमंत्री की मंत्री नहीं मानते, मंत्रियों की विधायक नहीं सुन रहे, विधायकों की जनता नहीं मान रही। उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार कौन चला रहा है, सरकार की सर और पांव का पता नहीं। उन्होंने कहा कि अजीब स्थिति है कोई मंत्री इस्तीफा लिए घूम रहा है और डेढ़ माह से मुख्यमंत्री फैसला नहीं कर पा रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता जो 5 साल के लिए सांसद बनने की उम्मीद लिए बैठे थे उन्हें दो वर्ष के लिए शेष रहे कार्यकाल के लिए भी राज्यसभा हेतु नामांकित नहीं किया गया।
जयपुर। अडानी महाघोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से करवाने तथा सेबी चेयरपर्सन को पद से हटाने की मांग को लेकर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के नेतृत्व में जयपुर स्थित ईडी कार्यालय के बाहर कांग्रेस पार्टी द्वारा धरना देकर विरोध-प्रदर्शन किया गया। विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस के सांसद व विधायक, सांसद व विधायक प्रत्याशी, प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
धरने में उपस्थित हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अपने सम्बोधन में स्वागत करते हुए राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि आज का धरना इसलिए हैं क्योंकि मोदी सरकार व भाजपा नेताओं एवं मोदी सरकार के अधिकारियों ने जिसमें संस्था सेबी शामिल है, के साथ मिल कर उद्योगपति अडानी का खजाना भरने का गैरकानूनी कृत्य कर महाघोटाला किया है उसकी जांच संयुक्त संसदीय समिति से होनी चाहिए, क्योंकि मोदी सरकार ने एवं शेयर मार्केट को रेगूलेट करने वाली संस्था सेबी की मिलीभगत से इस देश में महा घोटाला हुआ है।
उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की दिल्ली में आयोजित बैठक में जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित देशभर के तमाम वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे, ने यह निर्णय लिया गया चूंकि कि आमजनता सेबी और इस प्रकार के वित्तीय घोटालों को कठिनाई से समझ पाती है इसलिए इस मुद्दें पर कांग्रेस पार्टी जनता के बीच जाकर घोटाले की बारीकियां एवं केन्द्र सरकार व भाजपा नेताओं की लिप्तता को उजागर करेंगे। उन्होंने कहा कि यह धरना प्रदर्शन समझाने के लिए है कि किस प्रकार केन्द्र सरकार ने चंद उद्योगपति जिसमें अडानी शामिल है को लाभ पहुंचाने के लिए देश की समस्त परिसम्पत्तियों पर उनका कब्जा करवाने के लिए मिलीभगत कर यह महाघोटाला किया है
तथा आम व्यक्ति को प्रताड़ित किया जा रहा है और ठगा जा रहा है बल्कि आम आदमी के हितों पर कुठाराघात किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोटे तौर पर यह समझा जा सकता है कि शेयर मार्केट को नियंत्रित करने वाली संस्था सेबी जिसमें पहली बार निजी क्षेत्र से चेयरमेन बनाया गया है। उन माधवी बुच की नियुक्ति के साथ ही यह महाघोटाला प्रारम्भ हुआ। उन्होंने कहा कि शेयर कम्पनियांें के माध्यम से मनी लॉण्ड्रिंग हुई और अकाउण्टिंग फ्रॉड किये गये। उन्होंने कहा कि विदेश शैल कम्पनियों के माध्यम से अडानी उद्योगपति की कम्पनियों के शेयरों की कीमत को बढ़ाया गया, कम्पनियों की वैल्यू बढ़ायी जाकर उन्हें विश्व के अग्रणी उद्योगपति की श्रेणी में लाया गया।
उन्होंने कहा कि इसके पश्चात् अडानी की कम्पनियों को देश की नवरत्न कम्पनियां, एयरपोर्ट व अन्य सार्वजनिक उपक्रम प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि आज कोयले का व्यापार हो या तेल का व्यापार हो, ऊर्जा का कार्य हो सभी व्यवसाय पर आज उद्योगपति अडानी काबिज है। उन्होंने कहा कि जो 70 वर्ष में कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने देशवासियों की मेहनत के साथ कम्पनियां और उद्योग स्थापित किए थे उन पर अडानी को काबिज करवा कर समस्त मुनाफा अडानी की कम्पनियों को देने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन हमारे नेता श्री राहुल गांधी ने संसद में प्रश्न किया कि अडानी की कम्पनियों में शैल कम्पनियों के माध्यम से 20 हजार करोड़ रुपये आये वो किसके हैं
तो भाजपा ने प्रयत्न कर एक रूका हुआ केस श्री राहुल गांधी के विरूद्ध आनन-फानन में पुनः चालू किया और उनकी सदस्यता को निरस्त कर दिया और इसी मुद्दें पर दोनों सदनों के 150 से अधिक सांसदों को इस मुद्दें पर चर्चा से बचने हेतु निलम्बित कर दिया। उन्होंने कहा कि सबको पता है कि केन्द्र सरकार और अडानी उद्योग समूह की मिलीभगत से देश में महाघोटाला हुआ है, जिसकी तह में जाने पर समझ में आता है कि सर्वप्रथम ऑफ श्योर कम्पनियों ने अडानी उद्योग के शेयर बढ़ाने हेतु शैल कम्पनियों का नेटवर्क बनाया गया। इन कम्पनियों के माध्यम से अडानी उद्योग की कम्पनियों के स्टॉक को मैनुप्लेट किया गया, वैल्यू बढ़ायी गयी। दूसरे देशों की शैल कम्पनियों में पैसे डाले गए,
उन शैल कम्पनियों ने अडानी समूह की कम्पनियों में निवेश कर शेयर की कीमतें छद्म रूप से बढ़ाने का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि इस महाघोटाले में मनी लॉण्ड्रिंग और अकाउण्टिंग फ्रॉड भी किए गए। उन्होंने कहा कि अडानी की कम्पनियों की वैल्यूऐशन इसलिए बढ़ायी गयी ताकि उन कम्पनियों को अधिक कर्ज मिल सके तथा उद्योगपति अडानी हमारे देश की परिसम्पत्तियों पर काबिज हो सके। उन्होंने कहा कि इस सब प्रकरण की माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश से सेबी प्रमुख जांच कर रही थी किन्तु जिस प्रमुख घोटाले की जांच होनी थी उसमें तो हिण्डनबर्ग रिपोर्ट के मुताबिक स्वयं सेबी प्रमुख और उनके पति लिप्त बताएं जा रहे है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जांच से बचने के लिए भले ही पूर्व में 150 सांसदों का निलम्बन कर दिया हो किन्तु अब आमजनता ने विपक्ष को ताकतवर बनाकर बड़ी संख्या में सांसद जीता कर मजबूती प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में संविधान बचाने के लिए 36 कौम के लोग भाजपा के विरूद्ध मतदान करने निकले और राजस्थान में तो प्रदेश की जनता ने बड़ी संख्या में कांग्रेस सांसद जीता कर कमाल किया जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल बना और जनता द्वारा दी गई मजबूती से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी विपक्ष के नेता बने और आज उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों से भाजपा के नेताओं की नींद हराम हो रही है।
उन्होंने कहा कि आज विपक्ष के मजबूत होेने के कारण जो मोदी सरकार और भाजपा नेता घोटालों पर घोटाले कर रहे थे उस पर लगाम लगाने का कार्य होगा। उन्होंने कहा कि सबने देखा है कि पूर्व में राफेल विमान घोटाला, नोटबंदी, इलेक्ट्रॉल बॉण्ड जैसे बड़े घोटाले हुए किन्तु कोई जांच केन्द्र ने नहीं होने दी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एवं भाजपा ने यह सोचा कि पूर्व में किए गए इन सब घोटालों से बच गए तो शायद आज अडानी महाघोटाले से भी बच जाएंगे, किन्तु भाजपा को शायद यह भान नहीं है कि अब लोकसभा में राजस्थान के 11 सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में भाजपा की घोटालेबाज सरकार की ईंट से ईंट बजाने को आतुर है।
उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में आने से कतराते है जबकि उन्होंने ने ही कहा था कि एक अकेला सब पर भारी, किन्तु अब एक ही बार संसद में आये और रूवासे होकर भाषण दिया कि मेरा गला पकड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का कोई गला नहीं पकड़ता लेकिन जो घोटाले भाजपा की केन्द्र सरकार में हुए उन्हें उठाने का कार्य आज मजबूती के साथ विपक्ष में बैठी कांग्रेस पार्टी व इण्डिया गठबंधन कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब हमारे नेता राहुल गांधी और इण्डिया गठबन्धन ने संसद के दोनों सदनों में केन्द्र की मोदी सरकार के घोटाले के विरूद्ध आवाज उठाने का कार्य किया तो प्रधानमंत्री ने संवैधानिक पदों पर बैठे दोनों सदनों के अध्यक्षों के माध्यम से हमारे नेताओं के माईक बंद करवाने जैसा कार्य करवाया।
उन्होंने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि केन्द्र की सरकार में बैठ कर घोटाले करने वाले नेता तैयारी कर लें क्योंकि कांग्रेस पार्टी ना सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा बल्कि सभी प्रदेशों में सदन से लेकर सड़क तक इन घोटालों को लेकर भाजपा से जनता के बीच सवाल करेगी और सारे घोटाले जनता के बीच उजागर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा को जवाब देना चाहिए कि अडानी घोटाले की जांच करवाने हेतु जेपीसी क्यों गठित नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा जांच नहीं करवाना चाहती क्योंकि यदि जेपीसी गठित हुई और जांच हुई तो भाजपा के बड़े-बड़े नेता जो विपक्षी दलों के नेताओं को बेवजह परेशान करने का कार्य करते हैं, जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज देश में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि आज राजस्थान में भी भाजपा सरकार की अजीब स्थिति है। मुख्यमंत्री की मंत्री नहीं मानते, मंत्रियों की विधायक नहीं सुन रहे, विधायकों की जनता नहीं मान रही। उन्होंने कहा कि यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार कौन चला रहा है, सरकार की सर और पांव का पता नहीं। उन्होंने कहा कि अजीब स्थिति है कोई मंत्री इस्तीफा लिए घूम रहा है और डेढ़ माह से मुख्यमंत्री फैसला नहीं कर पा रहे है। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता जो 5 साल के लिए सांसद बनने की उम्मीद लिए बैठे थे उन्हें दो वर्ष के लिए शेष रहे कार्यकाल के लिए भी राज्यसभा हेतु नामांकित नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि अब तो भाजपा द्वारा इन नेताजी को हाजिरी लगाकर प्रताड़ित करने का भी कार्य किया गया, इससे ज्यादा शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता है कि भाजपा में अपने ही वरिष्ठ नेताओं जो अभी हाल ही में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं, को हाजिरी लेकर प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार नाम की चीज नहीं रह गई, एक ही बात कहीं जाती है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेशक सरकार जांच करें गलत कार्य करने वालों को जेल में डाले, किन्तु मात्र भाषण से काम नहीं चलेगा, क्योंकि राजस्थान की जनता ने 5 वर्ष सरकार चलाने का जिम्मा भाजपा के द्वारा किए गए झूठें वादों पर विश्वास कर दिया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के मुख्यमंत्री यमुना जल समझौते की बात करते हैं किन्तु सच्चाई यह है कि वे एक बूंद पानी भी हरियाणा से राजस्थान नहीं ला सकते हैं क्योंकि राजस्थान के अधिकारियों को हरियाणा में घुसने नहीं दिया जा रहा है और डीपीआर की बात करने पर इनका फोन काट दिया जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के दखल से हरियाणा सरकार से भाजपा की राजस्थान सरकार ने केवल इसलिए समझौता किया ताकि भाजपा हरियाणा चुनावों में लाभ ले सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा से यमुना जल समझौता हो या ईआसीपी को लेकर मध्यप्रदेश से समझौता किया गया हो, एक बात तय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के इशारे पर राजस्थान का हित इन दोनों प्रदेशों के समक्ष बेचने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा हरियाणा से किए गए समझौते के पश्चात् प्रदेश को मूल समझौते में वर्णित मात्रा से कम पानी मिलेगा और वो भी वर्ष के 12 महिनों की बजाए मात्र 4 माह जिसमें यदि वर्षा के कारण अतिरिक्त जल हुआ तो ही ऐसा कर मुख्यमंत्री ने हरियाणा प्रदेश को पूर्व निर्धारित मात्रा से अधिक जल उपभोग करने का समझौता कर राजस्थान के हितों पर कुठाराघात किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने ईआरसीपी के नाम पर मध्यप्रदेश से समझौता कर राजस्थान को मिलने वाले पानी में कटौती की है जिसके फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार ने जिस पानी के उपयोग हेतु सुप्रीम कोर्ट से स्टे लिया था वहां राजस्थान से समझौता होने के पश्चात् अपने हित की रक्षा होने की बात बता कर सुप्रीम कोर्ट से स्टे हटवा दिया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा से किया गया नया समझौता एवं मध्यप्रदेश सरकार से जो समझौता भाजपा की राज्य सरकार ने किया है वो राजस्थान की जनता के हितों के विपरीत है तथा इन समझौतों से राजस्थान को मिलने वाला पानी जिस पर प्रदेश की जनता का अधिकार है, में कटौती करने का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि अडानी महाघोटाले की जेपीसी से मांग को लेकर आज हजारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ विरोध-प्रदर्शन किया गया है यह संघर्ष की शुरूआत है तथा आने वाले समय में जिला एवं ब्लॉक स्तर तक इन विरोध-प्रदर्शन को ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिस जोश और खरोश से कांग्रेस कार्यकर्ता नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे है, उन्हें पूर्ण विश्वास है कि केन्द्र की भाजपा सरकार पांच वर्ष का कार्यकाल पूर्ण नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता लोकसभा के मध्यावधि चुनावों के लिए तैयार रहे,
क्योंकि अपने घोटालों के बोझ तले भाजपा सरकार कभी भी गिर सकती है। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता के लिए कार्य करें अन्यथा भाजपा के नेता ही उन्हें कुर्सी से हटा देंगे। उन्होंने कहा कि भ्रमण करना, भाषण करना, झूठ बोलना आरएसएस में रह कर सीख तो लिया किन्तु बिना कार्य किए कोई अपने पद पर नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता पानी, बिजली के लिए तरस रही है, लू से लोग मारे गए, अतिवृष्टि से लोग परेशान है, जनता की सुनवाई नहीं हो रही है और लोग अपने काम करवाने के लिए तरस रहे है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में सरकार नहीं सर्कस चल रहा है और इस पर विराम लगना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज का प्रदर्शन तो अंगड़ाई है आने वाले समय में कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के विरूद्ध निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए कांग्रेस का कार्यकर्ता अपनी कमर कस चुका है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव व प्रवक्ता स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि धरने में मुख्य रूप से सांसद मुरारीलाल मीना, भजनलाल जाटव, राहुल कस्वां, विधायक शंाति धारीवाल, हरीश चौधरी, रफीक खान, रामकेश मीना, इन्दिरा मीना, रीटा चौधरी, अमित चाचाण, कांति प्रसाद मीना, लक्ष्मण मीना, डॉ. विकास चौधरी, जाकिर हुसैन गैसावत, ललित यादव, हरिमोहन शर्मा, अनिल शर्मा, भगवाना राम सैनी,
गीता बरवड़, मोतीराम कोली, संजय जाटव, मनोज मेघवाल, हरेन्द्र मिर्धा, मनीष यादव, रतन देवासी, सुशीला डूडी, अमीन कागजी, भीमराज भाटी, हाकम अली, गणेश घोगरा, पीतराम काला, प्रशान्त शर्मा, अनिता जाटव, पूर्व अध्यक्ष डॉ. बी. डी. कल्ला, पूर्व मंत्री महादेव सिंह खण्डेला, गोविन्द राम मेघवाल, प्रतापसिंह खाचरियावास, ममता भूपेश, शकुन्तला रावत, बाबूलाल नागर, वीरेन्द्र बेनीवाल, नसीम अख्तर, महिला कांग्रेस अध्यक्ष राखी गौतम, एनएसयूआई अध्यक्ष विनोद जाखड़, युवा कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष यशवीर सूरा, डॉ. अर्चना शर्मा, पुष्पेन्द्र भारद्वाज,
धर्मेन्द्र राठौड़, गंगा देवी वर्मा, संगीता बेनीवाल, करण सिंह उचियारड़ा, वैभव गहलोत, ताराचन्द मीना, अभिषेक चौधरी, वेदप्रकाश सोलंकी, गजराज खटाना, जी.एल. चौधरी, लाखन सिंह, जगदीश जांगिड़, जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता गठाला, गोपाल मीना, आर. आर. तिवाड़ी, भैरूलाल चौधरी, रविन्द्र त्यागी, बिशनाराम सियाग, इन्द्राज खीचड़, दिनेश सुण्डा, अक्षय त्रिपाठी, विजय जैन, वीरेन्द्र गुर्जर, दिनेश सूपा, योगेश मिश्रा, गिरिराज गुर्जर, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र यादव, हनुमान बांगडा सहित प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारीगण एवं कार्यकर्ता शामिल हुए।
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