महिला समानता दिवस पर द्वारका हाफ मैराथन का आयोजन
० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली- द्वारका स्थित वेगस मॉल में महिला समानता दिवस के अवसर पर 12वें द्वारका हाफ मैराथन और चैरिटी रन का आयोजन किया गया। इस मैराथन में 2000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें उन्होंने परिवार की सेहत और फिटनेस के साथ लैंगिक समानता का संदेश दिया। कोच रविंदर द्वारा आयोजित इस मैराथन में 15, 10 और 5 किलोमीटर की हॉफ मैराथन दौड़ और 5 किलोमीटर के वॉकथॉन की अलग अलग कैटिगरी थी, जिससे हर उम्र और फिटनेस स्तर के लोग इसमें हिस्सा ले सके। यह दौड़ मॉल से शुरू होकर वहीं समाप्त हुई, जिसने पूरे शहर के धावकों को एक साथ जोड़ा।वेगस मॉल के वाइस प्रेसीडेंट रविंदर चौधरी ने कहा कि वेगस मॉल हमेशा से सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र रहा है और इस साल महिलाओं की भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया। यह मैराथन सिर्फ फिटनेस के लिए नहीं, बल्कि समानता और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी आयोजित की गई थी। इस मैराथन का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और सामुदायिक मेलजोल को बढ़ावा देना था। इसमें शामिल लोगों ने दौड़ का आनंद लेने के साथ-साथ चैरिटी के लिए भी योगदान दिया, जिससे महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास के कार्यों में मदद मिलेगी।
नयी दिल्ली- द्वारका स्थित वेगस मॉल में महिला समानता दिवस के अवसर पर 12वें द्वारका हाफ मैराथन और चैरिटी रन का आयोजन किया गया। इस मैराथन में 2000 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिसमें उन्होंने परिवार की सेहत और फिटनेस के साथ लैंगिक समानता का संदेश दिया। कोच रविंदर द्वारा आयोजित इस मैराथन में 15, 10 और 5 किलोमीटर की हॉफ मैराथन दौड़ और 5 किलोमीटर के वॉकथॉन की अलग अलग कैटिगरी थी, जिससे हर उम्र और फिटनेस स्तर के लोग इसमें हिस्सा ले सके। यह दौड़ मॉल से शुरू होकर वहीं समाप्त हुई, जिसने पूरे शहर के धावकों को एक साथ जोड़ा।वेगस मॉल के वाइस प्रेसीडेंट रविंदर चौधरी ने कहा कि वेगस मॉल हमेशा से सामुदायिक गतिविधियों का केंद्र रहा है और इस साल महिलाओं की भूमिका को विशेष रूप से सराहा गया। यह मैराथन सिर्फ फिटनेस के लिए नहीं, बल्कि समानता और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी आयोजित की गई थी। इस मैराथन का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और सामुदायिक मेलजोल को बढ़ावा देना था। इसमें शामिल लोगों ने दौड़ का आनंद लेने के साथ-साथ चैरिटी के लिए भी योगदान दिया, जिससे महिलाओं के सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास के कार्यों में मदद मिलेगी।
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