एक दिन में नहीं मिली थी आजादी,देश के असंख्य वीर बलिदानियों के त्याग और सतत प्रयासों से स्वतंत्र हुआ है देश : सीएम योगी

० आनंद चौधरी ० 
लखनऊ । देश के 78वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से पंच प्रण का पालन करने का आह्वान किया। अपने सरकारी आवास में ध्वजारोहण के अवसर पर सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि देश को स्वतंत्रता कोई एक दिन में प्राप्त नहीं हुई थी। वर्षों की गुलामी से मिली आजादी पीढ़ियों के संघर्ष का परिणाम है। सत्य-अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते हुए सीएम योगी ने कहा कि ये वक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ.भीमराव अंबेडकर व डॉ.श्यमा प्रसाद मुखर्जी जैसे महापुरुषों के सपनों को पूरा करने का है, 
उनकी जीवनी से प्रेरणा लेकर हमें देश को निर्धारित लक्ष्यों की ओर बढ़ाना होगा। इस दौरान देश की स्वाधीनता के लिए खुद को न्योछार कर देने वाले क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों व सभी ज्ञात-अज्ञात वीर बलिदानियों को नमन करते हुए उनसे प्रेरणा लेनी होगी। उन्होंने कहा कि पिछले 7 वर्षों में प्रदेश प्रगति, सुरक्षा और खुशहाली की यात्रा पर बढ़ चला है, जिसकी प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रण का पालन व अनुसरण करना होगा।

देश की स्वाधीनता के लिए बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों, वीर सपूतों को नमन करते हुए सीएम योगी ने कहा कि 77 वर्ष पूर्व आज ही के दिन देश स्वतंत्र हुआ था। आज का ये अवसर उन महान सपूतों को स्मरण करने के साथ ही उनके संकल्पों के साथ खुद को जोड़ने का अवसर प्रदान कर रहा है। देश आजादी के अमृत काल के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है। विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बताए गए पंच प्रण से हमें जुड़ना होगा।

 उनके आह्वान पर 25 करोड़ आबादी वाला यह प्रदेश प्रगति, सुरक्षा और खुशहाली की यात्रा पर बढ़ चला है और इसका सकारात्मक परिणाम सामने है। हम साढ़े सात वर्ष में देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और आज देश की जीडीपी में उत्तर प्रदेश का योगदान 9.2 प्रतिशत है। इन साढ़े सात वर्षों में उत्तर प्रदेश ने देश के सुरक्षा एवं सुशासन का एक मॉडल दिया और देश के वीर सपूतों के सपनों को साकार करने की दिशा में सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं।

सीएम योगी ने कहा कि हम सबका कर्तव्य है कि पंच प्रण का पालन करें। इन पंच प्रण में आखिरी प्रण नागरिक कर्तव्यों से जुड़ा हुआ है जिसका हमें निर्वहन प्राथमिकता के आधार पर करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि सब अपने कर्तव्यों का पालन करे तो कोई कारण नहीं कि वर्ष 2047 तक हम विकसित राष्ट्र न बन सकें। यही भाव हमें दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनाएगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

वाणी का डिक्टेटर – कबीर