सितंबर से उर्दू साक्षरता केंद्रों को शुरू कर दिया जाएगा : प्रोफेसर शहपर रसूल
० शादाब सैफ़ी ०
नयी दिल्ली : उर्दू अकादमी दिल्ली द्वारा संचालित उर्दू साक्षरता केंद्रों के प्रशिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल इरफ़ान राही के नेतृत्व में उर्दू अकादमी पहुंचकर उर्दू अकादमी दिल्ली के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शहपर रसूल को लगातार तीसरी बार अकादमी का वाइस चेयरमैन बनाए जाने पर बधाई दी। उन्होंने प्रोफेसर शहपर रसूल को गुलदस्ता भेंट किया और मिठाई खिलाकर हार्दिक बधाई दी. इस मौक़े पर वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शहपर रसूल ने सभी का स्वागत और धन्यवाद दिया.
प्रोफेसर शहपर रसूल को मुबारकबाद देने वाले उर्दू साक्षरता केंद्र ग्रुप के इस प्रतिनिधिमंडल में इरफ़ान राही, सोफिया खानम, रब्बानी समरीन, मुहम्मद ज़की खान, महफूज आलम, मौलाना रिजवान, इमराना सूरी, मुमताज, सफ़िया इरम, तनवीर सूरी, शमा अंजुम, रूबी कुरेशी, समरीन सैफी, गुल अफशां, वसीमा ,नसीमा, शबीना, शुमाएला नाज़, आयशा बेगम, महज़बीन बेगम, मुमताज जमीला, शमा परवीन, सबा उरूज, अदीबा आदि ने भाग लिया।
नयी दिल्ली : उर्दू अकादमी दिल्ली द्वारा संचालित उर्दू साक्षरता केंद्रों के प्रशिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल इरफ़ान राही के नेतृत्व में उर्दू अकादमी पहुंचकर उर्दू अकादमी दिल्ली के वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शहपर रसूल को लगातार तीसरी बार अकादमी का वाइस चेयरमैन बनाए जाने पर बधाई दी। उन्होंने प्रोफेसर शहपर रसूल को गुलदस्ता भेंट किया और मिठाई खिलाकर हार्दिक बधाई दी. इस मौक़े पर वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शहपर रसूल ने सभी का स्वागत और धन्यवाद दिया.
उर्दू ख़्वांदगी मर्कज़ ग्रुप के एडमिन और सहाफी इरफ़ान राही ने वाइस चेयरमैन से कोरोना वायरस के दौरान 2020 से बंद पड़े उर्दू साक्षरता केंद्रों को इस वर्ष यथाशीघ्र बहाल करने का अनुरोध किया। इस पर उर्दू अकादमी दिल्ली के वाइस चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि सितंबर 2024 से उर्दू साक्षरता केंद्रों को बहाल करने का काम शुरू कर दिया जाएगा, उन्होंने इंस्ट्रक्टर्स को संबोधित करते हुए कहा कि उर्दू ज़बान ओ अदब पर रौशनी डाली कि उर्दू भाषा हर भारतीय की भाषा है उर्दू भारत में पैदा हुई और यहीं पली-बढ़ी और आज उसकी लोकप्रियता पूरी दुनिया में है।
इस मौक़े पर उर्दू साक्षरता केंद्र की महिलाओं ने उपाध्यक्ष को पिछले चार वर्षों में अपने कोरोना काल और मुश्किल भरे दिनों की स्थिति से अवगत कराया और बताया कि इस दौरान कई महिलाओं के पतियों की मृत्यु हो गई, दो-तीन प्रशिक्षकों की भी मौत हो गई, कुछ गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, लेकिन न तो उर्दू अकादमी दिल्ली और न ही दिल्ली सरकार ने पीड़ितों की कोई सुध ली है, जबकि दिल्ली के मज़दूरों तक को भी केजरीवाल सरकार ने बैंक खातों में आर्थिक सहायता के रूप में हज़ारों रुपये भेजे थे, और डेढ़ सौ इंस्ट्रक्टर्स को कुछ भी नहीं।
प्रोफेसर शहपर रसूल को मुबारकबाद देने वाले उर्दू साक्षरता केंद्र ग्रुप के इस प्रतिनिधिमंडल में इरफ़ान राही, सोफिया खानम, रब्बानी समरीन, मुहम्मद ज़की खान, महफूज आलम, मौलाना रिजवान, इमराना सूरी, मुमताज, सफ़िया इरम, तनवीर सूरी, शमा अंजुम, रूबी कुरेशी, समरीन सैफी, गुल अफशां, वसीमा ,नसीमा, शबीना, शुमाएला नाज़, आयशा बेगम, महज़बीन बेगम, मुमताज जमीला, शमा परवीन, सबा उरूज, अदीबा आदि ने भाग लिया।
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