कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश में 63 फीसदी शेयर के साथ मिलेनियल्स सबसे आगे

० नूरुद्दीन अंसारी ० 
नयी दिल्ली : अच्छा रिटर्न देने वाले ग्रिप इन्वेस्ट ने अपनी प्रॉपराइटरी रिपोर्ट ‘ग्रिपिंग द बूम’ को जारी किया है, इस रिपोर्ट में ‘बॉन्ड में निवेश को लेकर मिलेनियल्स के रूझानों’ पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह रिपोर्ट मिलेनियल्स आज के युवाओं द्वारा निवेश में आ रहे बदलाव पर रोशनी डालती है, क्योंकि वे बचत के पारम्परिक तरीकों जैसे फिक्स्ड डिपोज़िट और कॉर्पोरेट बॉन्ड्स से हटकर सोच-समझ कर नए तरीकों में निवेश कर रहे हैं। 
नियमों में बदलाव जैसे न्यूनतम प्रतिबद्धता को रु 10 लाख से कम कर रु 10,000 पर लाने से इन रूझानों को गति मिली है।

यह क्रिसाइल द्वारा लगाए गए अनुमानों के अनुरूप है, जिसके अनुसार भारत का कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट 2030 तक दोगुना होकर रु 100-120 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा। इसी के मद्देनज़र ग्रिप इन्वेस्ट की रिपोर्ट निवेश के बदलते रूझानों को दर्शाती है। ग्रिप इन्वेस्ट पर मिलेनियल्स सभी कॉर्पोरेट बॉन्ड निवेशकों का 63 फीसदी हिस्सा बनाते हैं, 2023 से 2024 के बीच औसत निवेश 1.8 गुना बढ़ा है। इसके साथ कॉर्पोरेट बॉन्ड निवेश में 200 फीसदी की बढ़ोतरी के चलते ग्रिप इन्वेस्ट इस कैटेगरी में रु 450 करोड़ तक पहुंच गया है। 2024 में निवेश को दोहराने वाले निवेशकों की संख्या चौगुना हो गई है, यह इस बात का संकेत है कि निवेशक कॉर्पोरेट बॉण्ड्स में रूचि ले रहे हैं।

मिलेनियल्स में, कॉर्पोरेट बॉण्ड निवेश में महिलाओं की भागीदारी 2023 से 2024 के बीच 52 फीसदी बढ़ गई है। ये आंकड़े कॉर्पोरेट बॉन्ड्स की तरफ महिला निवेशकों के बढ़ते झुकाव को दर्शाते हैं, जो आमतौर पर विविध, संतुलित और जोखिम प्रबन्धित पोर्टफोलियो बनाती हैं। यह हैरानी की बात नहीं है क्योंकि 2024 में पहली से दूसरी तिमाही के बीच अपने पहले निवेश के रूप में कॉर्पोरेट बॉन्ड को चुनने वाली महिला निवेशकों की संख्या में 54 फीसदी बढ़ोतरी हुई हैं।

कॉर्पोरेट बॉन्ड्स विभिन्न सामाजिक आर्थिक वर्ग के निवेशकों को लुभा रहे हैं, अब ये निवेशक सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं हैं। 3000 से अधिक पिनकोड्स से कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश किया गया है और टॉप 10 शहरों ने कुल निवेश में मात्र 43 फीसदी योगदान दिया है। इसका श्रेय कॉर्पोरेट बॉन्ड पर आकर्षक रिटर्न -टेन्योर-रेटिंग के संयोजन का दिया जा सकता है। ग्रिप इन्वेस्ट के 71फीसदी कॉर्पोरेट बॉन्ड्स को ‘ए’ या अधिक रेटिंग मिली है, आमतौर पर इन्होंने 18 महीनों की अवधि पर 12 फीसदी रिटर्न दिया है।

रिपोर्ट पर बात करते हुए निखिल अग्रवाल, संस्थापक एवं ग्रुप सीईओ, ग्रिप ने कहा, ‘‘हमारी नई रिपोर्ट ‘ग्रिपिंग द बूम-मिलेनियल मोमेंटम इन बॉन्ड इन्वेस्टिंग’ फाइनैंशियल संतुलन को दर्शाती है, जहां कॉर्पोरेट बॉन्ड अब सिर्फ बड़े संस्थानों तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि आम निवेशकों के लिए भी व्यवहारिक और आकर्षक विकल्प बन गए हैं। कॉर्पोरेट बॉण्ड की बढ़ती सुलभता के चलते मिलेनियल्स का झुकाव इनकी तरफ़ बढ़ रहा है, साथ ही डिजिटल-फर्स्ट अनुभव की बढ़ती मांग के साथ कॉर्पोरेट बॉन्ड आज निवेश का प्रमुख विकल्प बन गए हैं। अलावा विनियामक बदलावों ने भी जाखिम और रिटर्न के बीच तालमेल बनाया है, ऐसे में हम अपने यूज़र्स के लिए इस निवेश को सुलभ बनाने में सहयोग दे रहे हैं।’

ग्रिप इन्वेस्ट अपने यूज़र्स को अच्छा रिटर्न देने के लिए नए इनोवेशन लाता रहा है। यह आरएफक्यू-एनएसई को सक्षम बनाने वाला; डेब्ट मार्केट के लिए आफ्टर मार्केट फीचर लॉन्च करने वाला; बास्केट के ज़रिए थीम आधारित निवेष के विकल्प लाने वाला पहला ओबीपीपी था। ग्रिप इन्वेस्ट ने भारत के पहले प्राइवेट इनवेस्टमेन्ट ग्रेड बॉन्ड का लॉन्च रु 10000 के फेस वैल्यू के साथ किया जो अपनी कैटेगरी में नए बेंचमार्क स्थापित करते हुए 36 घण्टे की रिकॉर्ड अविध के अंदर बिक गया।

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