जर्मनी में युवाओं के लिए है बहुत सारे जॉब्स : सैनी

० आशा पटेल ० 
जयपुर. विदेशी भाषा शिक्षण संस्थान ई लैंग्वेज स्टूडियो के संस्थापक देवकरण सैनी ने हाल ही में जर्मनी सहित 5 देशों की यात्रा की। सैनी ने जर्मनी सहित स्विटजरलैंड, हंगरी, ऑस्ट्रिया और लाइसटेन्स्टाइन देशों की यात्रा की। सैनी की यह जर्मनी की तीसरी यात्रा थी जिसके दौरान उन्होंने युवाओं के रोजगार के लिए ऑटोमोबाइल, स्वास्थ्य और नर्सिंग क्षेत्रों की कंपनियों से एमओयू किए। देवकरण सैनी ने बताया कि उन्होंने जर्मनी के म्यूनिख, बर्लिन, बॉन, लाइपत्सिग, न्यूनबर्ग, स्टूटगार्ट, फ्रेंकफर्ट, कोलोन, मागदेबर्ग, हैमबर्ग, केमनिज आदि शहरों की यात्रा की। 
इसके साथ ही स्विटजरलैंड के बासेल और ज्यूरिख, ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना, लाइसटेन्स्टाइन के वोडूत्स और हंगरी की राजधानी बुड़ापेस्ट में विभिन्न क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स से मुलाकात की। इन देशों में जाने का उद्देश्य अपने देश के युवाओं और प्रोफेशनल्स के लिए अच्छे अवसरों की जानकारी जुटाना था। ई लैंग्वेज स्टूडियो के माध्यम से जर्मनी में आऊसबिल्डुंग प्रोग्राम (वोकेशनल ट्रेनिंग) के लिए अब तक 100 से अधिक छात्र भेजे जा चुके है। जर्मनी ऐसा देश है जहां काम करने वाले श्रमिकों और पेशेवरों की कमी है। इसलिए वह भारतीय छात्रों और पेशेवरों को अपने यहां काम करने के लिए आमंत्रित कर रहा है लेकिन इसके लिए जर्मन भाषा का स्तर अच्छा होने की शर्त शामिल है।

अपनी यात्रा के दौरान सैनी ने लगभग 200 से अधिक विद्यार्थियों और प्रोफेशनल्स से मुलाकात की। इनमे उनके इंस्टीट्यूट के एल्युमिनी के छात्र भी शामिल रहे। इस यात्रा के दौरान जर्मनी में बिजनेस की क्या संभावनाएं है और वहां कौनसे बिजनेस प्राथमिकता से किए जा सकते है, यह मालूम किया। साथ ही वहां युवाओं के लिए कौन कौन से जॉब उपलब्ध है और इन जॉब को हासिल करने के लिए क्या किया जा सकता है, यह जानकारी जुटाई। 

सैनी ने बताया कि जर्मनी में हर साल विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 4 लाख लोगों की आवश्यकता है। इसलिए अपने देश के युवाओं के लिए बहुत से जॉब्स उपलब्ध है। जर्मन भाषा शिक्षक देवकरण सैनी युवाओं में जर्मन भाषा की दक्षता बढ़ाने के लिए कार्यरत जर्मन स्पीकर्स क्लब के संयोजक भी है साथ ही जर्मन भाषा का एक मासिक अखबार भी प्रकाशित करते है। 

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