शिक्षा के साथ-साथ राजनीति,व्यापार,उद्योग के क्षेत्र में भी आगे आएं कायस्थ युवा : संजय मयूख

० योगेश भट्ट ० 
गाजियाबाद । उत्तर प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने कहा है कि कायस्थ समाज ने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यह विविध क्षेत्रों में अग्रणी रहा है ।  सक्सेना गाजियाबाद के महाराजा अग्रसेन भवन में आयोजित कायस्थ महासम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कायस्थ समाज को आज राजनीति, शिक्षा , व्यापार, रोजगार आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि एकता में बल है और इस सिद्धांत को अपनाते हुए कायस्थ समाज को भी काम करना होगा ।
वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ऐसे सामाजिक आयोजनों से इस समाज को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह शैक्षणिक,सामाजिक, राजनीतिक ,सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में सहयोगी होगा । इस अवसर पर बिहार के विधान पार्षद एवं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मयूख ने कहा कि कायस्थों ने हमेशा समाज को दिशा दिखाने और शिक्षित करने का काम किया है । सामाजिक जागरूकता में कायस्थों की बड़ी भूमिका रही है और आजादी की लड़ाई में कायस्थों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया एवं स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व भी किया । संपूर्ण क्रांति का शंखनाद इसी समाज के लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने किया था । उन्होंने कहा कि आज इस समाज के सामाजिक , आर्थिक, राजनीतिक , शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास के लिए मिलजुल कर प्रयास करने की जरूरत है ।

 मयूख ने कहा कि कायस्थ के युवा वर्ग को केवल नौकरी के पीछे नहीं भागना चाहिए बल्कि राजनीति , व्यापार, उद्योग , समाजसेवा ,कला संस्कृति आदि के क्षेत्र में बढ़ - चढ़कर भाग लेना चाहिए और नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनना चाहिए । उन्होंने कहा कि कायस्थ समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है और यह समाज के सभी वर्ग के लोगों की तरक्की में सहभागी रहा है । शिक्षा के क्षेत्र में भी हमने अलख जगाया है और अपना सर्वाधिक योगदान दिया है । आज एक बार फिर हम सबों को कायस्थ समाज के गौरवशाली इतिहास को बरकरार रखने के लिए प्रयास करने की जरूरत है ।

 चित्रांश महासभा द्वारा आयोजित कायस्थ महासम्मेलन में कायस्थ परिवार के राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर के कई सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता तथा अन्य समाजसेवी - राजनीतिज्ञ भी शामिल हुए जिनमें राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, आशु वर्मा पूर्व मेयर गाजियाबाद, अजय अम्बष्ट उप आवास आयुक्त मेरठ जोन, महामण्डलेश्वर स्वामी सच्चिदानंद पशुपति चित्रगुप्त पीठ वृन्दावन, संजीव शर्मा अध्यक्ष भाजपा गाजियाबाद महानगर एवं अलीगढ़ भाजपा नेता मनोज सक्सेना हैं।

इस महासम्मेलन के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री ने एक विशेष चित्रांश संसद लगाकर गाजियाबाद जिले के विभिन्न संगठन के पदाधिकारियों के साथ आर्थिक, मानसिक, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं राजनीतिक मजबूती प्रदान करने हेतू विस्तृत चर्चा की। इस दौरान समाज के बिखराव को रोकने और कमजोर कायस्थ परिवार को सम्मानजनक रोजगार उपलब्ध कराने, कमजोर परिवार के बच्चों शिक्षा के क्षेत्रमें भरपूर सहयोग करने का आह्वान किया गया ।

इस महासम्मेलन में गाजियाबाद चित्रांश महासभा के साथ अन्य सहयोगी संगठनों ने भी आगे आकर अपना योगदान दिया जिनमें ग्लोबल कायस्थ कान्फ्रेंस, नंदग्राम चित्रांश वेलफेयर एसोसिएशन, अखिल भारतीय चित्रांश कायस्थ महासभा, निभा फाउंडेशन, चित्रगुप्त सेवा समिति वैशाली, शिप्रा कायस्थ महासभा इन्द्रापुरम, कायस्थ महासभा राजनगर एक्सटेंशन, कायस्थ महासभा नोएडा, कायस्थ महासभा वसुन्धरा, चित्रांश एडवोकेट ग्रुप गाजियाबाद, राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद जयपुर (राजस्थान) चैप्टर दिल्ली एन सी आर, अखिल भारतीय चित्रगुप्त महासभा पंजाब ईकाई, चित्रगुप्त पीठ वृन्दावन और ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की औरंगाबाद (बिहार) इकाई, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा धनबाद (झारखंड) महत्वपूर्ण हैं।

इस आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से चित्रांश महासभा के अध्यक्ष बिनोद कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अश्विनी श्रीवास्तव, संयोजक राजीव कान्त,सचिव प्रभाकर श्रीवास्तव एवं उनके सहयोगियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष श्रीमती नुपूर श्रीवास्तव, महासचिव भारती श्रीवास्तव, संगठन सचिव अनिता श्रीवास्तव के द्वारा महिलाओ को एकजुट करने में महत्वपूर्ण योगदान है। इस बीच ग्लोबल कायस्थ कांफ्रेंस के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कमल किशोर ने इस महासम्मेलन की व्यापक सफलता पर आयोजकों को बधाई दी है।

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