टैक्स ऑडिट, कंपनी ऑडिट एवं ऑडिट ट्रेल पर सेमिनार

० आशा पटेल ० 
जयपुर : दी इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की कमिटी बोर्ड ऑफ़ इंटरनल ऑडिट एंड मैनेजमेंट एकाउंटिंग के द्वारा जयपुर शाखा में टैक्स ऑडिट और कंपनी ऑडिट एवं ऑडिट ट्रेल पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेंट्रल काउंसिल के सदस्य सीए प्रकाश शर्मा द्वारा बताया गया कि सीए सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण सेमिनार का आयोजन किया गया है। इस सेमिनार के माध्यम से सदस्य ऑडिट रिपोर्टिंग और डॉक्यूमेंटेशन के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। 

यह सेमिनार सदस्यों की तैयारी और प्रक्रिया को अधिक संगठित और सटीक बनाने में सहायक होगा। रीजनल काउंसिल के सदस्य सीए अनिल यादव ने जयपुर शाखा को इस सफल सेमिनार के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि टैक्स ऑडिट न केवल वित्तीय लेनदेन की सटीकता की पुष्टि करता है, बल्कि यह संगठन की समग्र कार्यप्रणाली को भी मजबूत बनाता है। साथ ही सीए प्रकाश शर्मा एवं सीए अनिल यादव ने नेशनल कांफ्रेंस का विमोचन किया, जो 15-16 अक्टूबर को बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित की जाएगी। इस कांफ्रेंस में पूरे भारत से सीए सदस्य भाग लेंगे। यह कांफ्रेंस पेशेवरों को एक मंच प्रदान करेगी, जहाँ वे नवीनतम रुझानों, चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श कर सकेंगे ।

जयपुर शाखा के अध्यक्ष सीए नवीन शर्मा और सचिव सीए विजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस सेमिनार का मुख्य उद्देश्य ऑडिट की प्रक्रियाओं और ऑडिट ट्रेल की महत्वपूर्णता पर प्रकाश डालना था, ताकि संगठन अपने वित्तीय और प्रशासनिक कार्यों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित कर सके। सेमिनार के दौरान उपस्थित सभी सदस्यों को टैक्स ऑडिट के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि जोखिम मूल्यांकन, नियंत्रण नीतियों का मूल्यांकन, और आधुनिक तकनीकों का उपयोग, पर व्यापक ज्ञान प्रदान किया गया।

 वक्ता सीए आर ए शर्मा ने "टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की पेचीदगियां" पर अपना व्याख्यान दिया। इस सत्र में उन्होंने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की जटिलताओं और उनमें आने वाली चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे सही और प्रभावी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जा सकती है, और उन सामान्य समस्याओं और त्रुटियों को उजागर किया जो अक्सर रिपोर्टिंग में सामने आती हैं साथ ही विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से सीए सदस्यो को बेहतर रिपोर्टिंग के तरीकों पर मार्गदर्शन प्रदान किया।

 वक्ता सीए विक्रम सर्राफ ने "ऑडिट ट्रेल" पर व्याख्यान दिया जो की इसी वर्ष 2024-25 के लिए पहली बार लागू हुई । उन्होंने ऑडिट ट्रेल की महत्वपूर्ण भूमिका और उसकी प्रक्रियाओं पर विस्तार से जानकारी दी और समझाया कि ऑडिट ट्रेल कैसे संगठन की वित्तीय रिकॉर्ड की ट्रेसबिलिटी और पारदर्शिता को सुनिश्चित करता है, जिससे ऑडिट प्रक्रियाओं की सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ती है। इसके अलावा, उन्होंने ऑडिट ट्रेल से संबंधित आम समस्याओं और समाधानों पर भी प्रकाश डाला, जिससे सीए सदस्यो को बेहतर और अधिक प्रभावी ऑडिट प्रक्रियाओं को समझने में मदद मिली।

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