6 अक्टूबर से 360 गांवों के लोग जंतर मंतर पर अनिश्चितकालीन धरना देंगे

० योगेश भट्ट ० 
नयी दिल्ली - दिल्ली देहात से जुड़े समस्याओं और मुद्दों के समाधान को लेकर लगातार चल रहे आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पालम 360 के प्रधान चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं के भयंकर अभाव और चौतरफ़ा बदहाली से लोगों में खासी नाराजगी है। दिल्ली के ग्रामीण कई वर्षों से मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और अब दिल्ली देहात के लोग अपनी सभी समस्याओं का पूर्ण समाधान लेकर ही दम लेने का फैसला कर चुके हैं। हमने अपने हक और अधिकार के लिए हुंकार भरकर जिस लड़ाई का आगाज किया है उसे अंजाम तक पहुंचाकर ही रहेंगे।

 सोलंकी ने कहा कि दिल्ली सरकार दिल्ली के 360 गांवों के लोगों को हल्के में लेने का प्रयास न करें ये वो लोग हैं जिन्होंने इस दिल्ली को सुरक्षित रखने में और दिल्ली के विकास अहम भूमिका निभाई है। सोलंकी ने कहा कि होमगार्ड के 8500 कर्मचारियों अचानक से निकालना दुर्भाग्यपूर्ण है ये सरकार दिल्ली के युवाओं को रोज़गार तो दे नहीं पाई उल्टा बेरोज़गारी के कगार पर लाने का प्रयास कर रही है होम गार्ड में ज़्यादातर जवान दिल्ली देहात के बच्चे हैं और हम इनकी लड़ाई मज़बूती से लड़ेंगे

चौधरी सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि दिल्ली को विकसित करने में यहाँ के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर अपना योगदान दिया, मगर दिल्ली के ग्रामीण इलाके ही बदहाली का शिकार हैं। टूटी सड़कें, जहां तहां भरा पानी, गंदी नालियां और बजबजाते सीवर चारों तरफ फैली गंदगी यही दिल्ली के गांवों की तस्वीर है। आज हालात ये हैं कि दिल्ली के गांव ना शहर रहे ना गांव बल्कि उनकी स्थिति स्लम इलाके जैसी हो गई है। इतनी गंदगी और बदहाली में रह रहे गांव के लोगों को हर समय बीमारियों के फैलने या किसी अनहोनी का डर बना रहता है। इसीलिए अब दिल्ली देहात के लोगों ने मन बना लिया है

 कि इस बार लड़ाई आर पार की है। हम इस बारे किसी के बहकावे में नहीं आने वाले, सिर्फ आश्वासन नहीं लिखित समाधान चाहिए। चौधरी सोलंकी ने कहा कि ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल की तरफ से हमारी दो मांगे मानी गई हैं। जिसके तहत दिल्ली में लंबे समय से बंद पड़े म्यूटेशन की प्रक्रिया को दोबारा बहाल कर दिया गया है और दिल्ली के गांवों में बिजली के मीटर लगवाने पर लगी पाबंदी हटा ली गई है। दिल्ली के ग्रामीणों के हक में हुए इन दोनों फैसलों के लिए हम उपराज्यपाल महोदय को धन्यवाद देते हैं, साथ ही उम्मीद करते हैं कि एलजी साहब और केंद्र सरकार से संबंधित हमारी अन्य समस्याओं का समाधान भी जल्द से जल्द होगा।

 हम दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मुख्यमंत्री आतिशी से भी अपील करते हैं कि उनकी पार्टी की मेयर और डिप्टी मेयर ने स्पष्ट किया था कि दिल्ली के गांवों में कोई हाउस टैक्स नहीं लिया जाएगा, मगर उस घोषणा का नोटिफिकेशन जो आज तक नहीं किया गया है उसे जल्द से जल्द नोटिफाइड कराकर अपना वादा निभाएं। जब तक हमारी सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, ये आंदोलन रुकने वाला नहीं।  हमने 06 अक्टूबर से अनिश्चित क़ालीन धरने पर जाने का फ़ैसला लिया यह धरना जब तक जारी रहेगा जब तक हमारी सभी समस्याओं का लिखित रूप में समाधान नहीं मिल जाता इसके बाद इस आंदोलन का जो स्वरूप होगा 

उसके लिए दिल्ली के एलजी, दिल्ली सरकार और केंद्र की सरकार जिम्मेदार होगी। महापंचायत का यह भी फैसला है कि अगर हमारे मुद्दों के समाधान में लापरवाई की गई तो आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव का भी दिल्ली के ग्रामीण पूर्ण बहिष्कार करेंगे। किसी भी पार्टी के नेता दिल्ली के गांवों में वोट मांगने नहीं घुस पाएंगे। हमारी किसी पार्टी से कोई लड़ाई नहीं है, मगर जो पार्टी हमारी समस्याओं की अनदेखी करेगी उसका डट कर विरोध करेंगे और जो पार्टी हमारे मुद्दों का समाधान करेगी हम उसका स्वागत भी करेंगे।

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