दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिंधी उम्मीदवार के लिए एक तरफा वोट करेंगे : विजय इसरानी
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : आने वाले दिल्ली विधान सभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां सिंधी समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए। जिस विधान सभा में सिंधी समाज की संख्या अधिक हो उस विधान सभा में किसी सिंधी को अपना उम्मीदवार बनाए यह बात प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के अध्यक्ष विजय इसरानी ने कही उन्होंने कहा सिंधी समाज की बड़ी 100 से अधिक संस्थाओं ने मिलकर निर्णय लिया है इस बार दिल्ली के विधान सभा चुनाव में किसी भी बडी राजनीतिक पार्टी ने अगर किसी भी सिंधी को अपना उम्मीदवार बनाया तो उसके लिए सभी सिंधी अपना राजनीतिक मतभेद छोड़कर उसको वोट सहित तन-मन-धन से सहयोग करने के लिए सिंधी समाज उस सिंधी उम्मीदवार के लिए एक तरफा वोट करेंगे।
नई दिल्ली : आने वाले दिल्ली विधान सभा चुनाव में सभी राजनीतिक पार्टियां सिंधी समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए। जिस विधान सभा में सिंधी समाज की संख्या अधिक हो उस विधान सभा में किसी सिंधी को अपना उम्मीदवार बनाए यह बात प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के अध्यक्ष विजय इसरानी ने कही उन्होंने कहा सिंधी समाज की बड़ी 100 से अधिक संस्थाओं ने मिलकर निर्णय लिया है इस बार दिल्ली के विधान सभा चुनाव में किसी भी बडी राजनीतिक पार्टी ने अगर किसी भी सिंधी को अपना उम्मीदवार बनाया तो उसके लिए सभी सिंधी अपना राजनीतिक मतभेद छोड़कर उसको वोट सहित तन-मन-धन से सहयोग करने के लिए सिंधी समाज उस सिंधी उम्मीदवार के लिए एक तरफा वोट करेंगे।
इसलिए इस बार दिल्ली के 10 से अधिक ऐसे विधान सभा क्षेत्र हैं जहां सिंधी समाज के कारण राजनीति पार्टियां के उम्मीदवार को जीत हार मिलेगी। प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के उपाध्यक्ष विनोद सचदेवा ने कहा दिल्ली के 10 ऐसे विधान सभा क्षेत्र है जहां अगर सिंधी समाज अपना राजनीतिक मतभेद छोड़कर एक जुट जाए तो उस विधान सभा में जीत हार की भूमिका सिंधी समाज निभाएगा। इसीलिए सिंधी समाज की सभी प्रमुख संस्थाएं अपने राजनीतिक मतभेद छोड़कर सिंधी समाज के उम्मीदवार को जिताने का निर्णय लिया है।
प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के सांस्कृतिक सचिव ओमप्रकाश कुकरेजा ने कहा सिंधी समाज बतवारे के समय सिंध वर्तमान पाकिस्तान से सब कुछ छोड़कर एकदम खाली हाथ भारत आए 75 साल कर्मठ, ईमानदारी के साथ अपने को संभालने में लगा दिया। लेकिन अब राजनीति में भी अपना भागीदारी चाहिए ताकि अभी तक किसी भी सरकारों ने सिंधी समाज की आवश्यकताओं का ध्यान नही दिया उस आवश्यकताओं को अब हम पूरा करेंगे। प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के संयुक्त सचिव नरेंद्र मसंद ने कहा बटवारे के समय विस्थापित होने का सबसे बड़ा दुख पंजाब,
प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के सांस्कृतिक सचिव ओमप्रकाश कुकरेजा ने कहा सिंधी समाज बतवारे के समय सिंध वर्तमान पाकिस्तान से सब कुछ छोड़कर एकदम खाली हाथ भारत आए 75 साल कर्मठ, ईमानदारी के साथ अपने को संभालने में लगा दिया। लेकिन अब राजनीति में भी अपना भागीदारी चाहिए ताकि अभी तक किसी भी सरकारों ने सिंधी समाज की आवश्यकताओं का ध्यान नही दिया उस आवश्यकताओं को अब हम पूरा करेंगे। प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के संयुक्त सचिव नरेंद्र मसंद ने कहा बटवारे के समय विस्थापित होने का सबसे बड़ा दुख पंजाब,
बंगाल और सिंध में रहने वालों का हुआ। अपनी रहन सहन संस्कृति पंजाबियों को भारत में पंजाब बंगालियों को पश्चिम बंगाल पर सिंधियों को क्या मिला। सिंध खोने का दुख सिंधियों को भी है फिर भी सिंधियों को सिंध ना मिलने पर भी अपने बल बूते सिंधी भाषा, संस्कृति, रहन सहन को जिंदा रखा। इसलिए अब जो भी राजनीति पार्टी सिंधी समाज की अधिक भावनाओं का ध्यान रखेगी सभी सिंधी समाज एकजुट होकर उसके साथ खड़ी होगी। इस अवसर पर प्रगतिशील सिंधी समाज समिति के पच्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष गौतम थावनी और संयुक्त कोषाध्यक्ष गोपाल देवनानी उपस्थित थे।
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