एन-टाइप TOPcon तकनीक के साथ रेक्टेंगुलर सेल-बेस्ड सोलर मॉड्यूल लॉन्च
० योगेश भट्ट ०
नई दिल्ली : सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड (NSE: SOLEX) ने अपनी विज़न 2030 रणनीति के तहत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की है। यह पहल सोलर टेक्नालॉजी को आगे बढ़ाने और ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए सोलेक्स की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे कंपनी पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सोलर प्लेयर के रूप में स्थापित होगी। सोलेक्स 2 गीगावाट की शुरुआती क्षमता वाली एक नई सेल निर्माण सुविधा के विकास को एक्सप्लोर कर रहा है, जिसे 5 गीगावाट तक बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता भी 1.5 गीगावाट से बढ़ाकर 15 गीगावाट की जाएगी। सोलेक्स का लक्ष्य इस ग्रोथ को पूरा करने के लिये अपनी वर्कफोर्स को 25,000 से अधिक तक बढ़ाना है।सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चेतन शाह ने कहा, "विज़न 2030 एक पूर्णतः एकीकृत सोलर कंपनी बनने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइल-स्टोन है। रेक्टेंगुलर सेल वाली एन-टाइप टॉपकॉन तकनीक की शुरुआत के साथ, सोलेक्स एनर्जी दक्षता और विश्वसनीयता के लिए मानक बढ़ा रही है।" विज़न 2030 का एक प्रमुख घटक तापी-आर श्रृंखला (Tapi-R series) का शुभारंभ है। यह सोलर मॉड्यूल एन-टाइप टॉपकॉन तकनीक और एक रेक्टेंगुलर सेल डिज़ाइन को शामिल करता है, जो भारत में सोलर एनर्जी उत्पादन के लिए एक नया मानक स्थापित करता है। इस श्रृंखला का नाम तापी नदी के नाम पर रखा गया है, जो उस सोलेक्स के हेडक्वार्टर स्थित क्षेत्र में जीवन शक्ति का प्रतीक है और इसके "आर" रेक्टेंगुलर सेल डिज़ाइन के लिए है,जो बिजली दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
तापी-आर श्रृंखला में 182.2 x 210 मिमी का सेल साइज़ और 132 हाफ-कट सेल शामिल हैं, जो 23.14% मॉड्यूल दक्षता के साथ 625 WP तक की शक्ति प्रदान करते हैं। यह रेगिस्तान और बंजर भूमि जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में बड़े पैमाने पर सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है, जिसमें लगभग 80% की बाइफेसिअल रेट और -0.28%/°C का पावर तापमान गुणांक है। इस श्रृंखला में व्यापक 12-वर्ष की प्रोडक्ट वारंटी और 30-वर्ष की लीनिअर परफॉर्मेंस गारंटी भी शामिल है, जिसमें सबसे कम वार्षिक गिरावट है।
शाह ने आगे कहा, "तापी-आर सीरीज़ के लॉन्च के साथ, हमें इस बात पर गर्व है कि हम ऐसी उन्नत तकनीक वाले मॉड्यूल पेश करने वाले पहले भारतीय मैन्युफैक्चरर हैं। हम हाल ही में यूनाइटेड किंगडम एक्रिडिटेशन सर्विस (UKAS) द्वारा मान्यता प्राप्त बीएसआई काइटमार्क के तहत प्रतिष्ठित MCS 005 सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाले पहले भारतीय पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर बन गए हैं। यह उपलब्धि गुणवत्ता, विश्वास और उत्कृष्टता के प्रति हमारे समर्पण की पुष्टि करती है।" तकनीकी प्रगति के अलावा, सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड 2030 तक 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल फ्यूल-आधारित स्थापित बिजली क्षमता हासिल करने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉंसिबिलिटी (CSR) कार्यों के माध्यम से सामुदायिक विकास में भी सक्रिय रूप से कार्यरत है।
नई दिल्ली : सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड (NSE: SOLEX) ने अपनी विज़न 2030 रणनीति के तहत 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की घोषणा की है। यह पहल सोलर टेक्नालॉजी को आगे बढ़ाने और ऑपरेशंस को बढ़ाने के लिए सोलेक्स की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिससे कंपनी पूरी तरह से इंटीग्रेटेड सोलर प्लेयर के रूप में स्थापित होगी। सोलेक्स 2 गीगावाट की शुरुआती क्षमता वाली एक नई सेल निर्माण सुविधा के विकास को एक्सप्लोर कर रहा है, जिसे 5 गीगावाट तक बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता भी 1.5 गीगावाट से बढ़ाकर 15 गीगावाट की जाएगी। सोलेक्स का लक्ष्य इस ग्रोथ को पूरा करने के लिये अपनी वर्कफोर्स को 25,000 से अधिक तक बढ़ाना है।सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर चेतन शाह ने कहा, "विज़न 2030 एक पूर्णतः एकीकृत सोलर कंपनी बनने की हमारी यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइल-स्टोन है। रेक्टेंगुलर सेल वाली एन-टाइप टॉपकॉन तकनीक की शुरुआत के साथ, सोलेक्स एनर्जी दक्षता और विश्वसनीयता के लिए मानक बढ़ा रही है।" विज़न 2030 का एक प्रमुख घटक तापी-आर श्रृंखला (Tapi-R series) का शुभारंभ है। यह सोलर मॉड्यूल एन-टाइप टॉपकॉन तकनीक और एक रेक्टेंगुलर सेल डिज़ाइन को शामिल करता है, जो भारत में सोलर एनर्जी उत्पादन के लिए एक नया मानक स्थापित करता है। इस श्रृंखला का नाम तापी नदी के नाम पर रखा गया है, जो उस सोलेक्स के हेडक्वार्टर स्थित क्षेत्र में जीवन शक्ति का प्रतीक है और इसके "आर" रेक्टेंगुलर सेल डिज़ाइन के लिए है,जो बिजली दक्षता और विश्वसनीयता को बढ़ाता है।
तापी-आर श्रृंखला में 182.2 x 210 मिमी का सेल साइज़ और 132 हाफ-कट सेल शामिल हैं, जो 23.14% मॉड्यूल दक्षता के साथ 625 WP तक की शक्ति प्रदान करते हैं। यह रेगिस्तान और बंजर भूमि जैसे चुनौतीपूर्ण वातावरण में बड़े पैमाने पर सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है, जिसमें लगभग 80% की बाइफेसिअल रेट और -0.28%/°C का पावर तापमान गुणांक है। इस श्रृंखला में व्यापक 12-वर्ष की प्रोडक्ट वारंटी और 30-वर्ष की लीनिअर परफॉर्मेंस गारंटी भी शामिल है, जिसमें सबसे कम वार्षिक गिरावट है।
शाह ने आगे कहा, "तापी-आर सीरीज़ के लॉन्च के साथ, हमें इस बात पर गर्व है कि हम ऐसी उन्नत तकनीक वाले मॉड्यूल पेश करने वाले पहले भारतीय मैन्युफैक्चरर हैं। हम हाल ही में यूनाइटेड किंगडम एक्रिडिटेशन सर्विस (UKAS) द्वारा मान्यता प्राप्त बीएसआई काइटमार्क के तहत प्रतिष्ठित MCS 005 सर्टिफिकेशन प्राप्त करने वाले पहले भारतीय पीवी मॉड्यूल मैन्युफैक्चरर बन गए हैं। यह उपलब्धि गुणवत्ता, विश्वास और उत्कृष्टता के प्रति हमारे समर्पण की पुष्टि करती है।" तकनीकी प्रगति के अलावा, सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड 2030 तक 500 गीगावॉट नॉन-फॉसिल फ्यूल-आधारित स्थापित बिजली क्षमता हासिल करने के भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। कंपनी अपनी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉंसिबिलिटी (CSR) कार्यों के माध्यम से सामुदायिक विकास में भी सक्रिय रूप से कार्यरत है।
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