पीएनबी ने सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा के साथ मनाया सतर्कता जागरूकता सप्ताह

० आशा पटेल ० 
नई दिल्ली । इस वर्ष की थीम “राष्ट्र की समृद्धि के लिए सत्यनिष्ठा की संस्कृति” के अनुरूप पंजाब नैशनल बैंक ने सतर्कता जागरुकता सप्ताह 2024 मनाया। उद्घाटन समारोह दिल्ली के द्वारका स्थित बैंक के कॉर्पोरेट ऑफिस में आयोजित किया गया, जहां पीएनबी के चेयरमैन के.जी. अनंतकृष्णन, पीएनबी एमडी एवं सीईओ अतुल कुमार गोयल, पीएनबी के कार्यपालक निदेशकगण (ईडी)  एम. परमशिवम और बिभु पी. महापात्र, 

बोर्ड के अन्य निदेशक और पीएनबी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ)  राघवेन्द्र कुमार ने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की व उनकी विरासत को एकता और ईमानदारी/सत्यनिष्ठा के प्रणेता के रूप में सम्मानित किया। पीएनबी एमडी और सीईओ अतुल कुमार गोयल ने बैंक की नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं और सत्य़निष्ठा के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कॉर्पोरेट कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा की शपथ दिलाई।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान, पीएनबी ने कई आउटरीच और जागरूकता गतिविधियों का भी आयोजन किया, जिसमें साइक्लोथॉन (साइकिल रैली) और वॉकथॉन सम्मिलित थे, पीएनबी सीवीओ श्री राघवेन्द्र कुमार ने नई दिल्ली स्थित बैंक के कॉर्पोरेट कार्यालय से झंडी दिखाकर दोनों गतिविधियों का शुभारंभ किया, ताकि भ्रष्टाचार के खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसके अतिरिक्त, स्थानीय अस्पताल के सहयोग से स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। कर्मचारियों और उनके परिजनों के लिए निबंध और जिंगल, पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता जैसी इन-हाउस प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।

पीएनबी के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) राघवेन्द्र कुमार ने सतर्कता के विषय और महत्व पर जोर देते हुए कहा: "आयोग द्वारा निर्धारित दिशानिर्देश राष्ट्र के निरंतर विकास के लिए एक आधार के रूप में कार्य करते हैं। इस वर्ष, आयोग ने पांच प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित तीन महीने का एक अभियान शुरू किया जिसमें क्षमता निर्माण कार्यक्रम, व्यवस्थित सुधार के उपायों की पहचान और उनका कार्यान्वयन, 

परिपत्रों, दिशानिर्देशों और नियमावलियों को अपडेट करना, 30 जून 2024 से पहले प्राप्त शिकायतों का समय पर निपटान और हमारी विशिष्ट डिजिटल उपस्थिति को बढ़ाना सम्मिलित है। पीएनबी ने आयोग के उद्देश्यों के साथ अपनी पहल को संरेखित किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह राष्ट्र के टिकाऊ विकास का समर्थन करने वाले और एक पारदर्शी प्रणाली को बढ़ावा देने वाले एक मजबूत ढांचे में योगदान करते हुए ईमानदारी/सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखे।"

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

स्वास्थ्य कल्याण होम्योपैथी व योगा कॉलेजों के दीक्षांत में मिली डिग्रियां

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

वाणी का डिक्टेटर – कबीर