'राष्ट्रीय जीवन में इन्दिरा गांधी का योगदान ' विषय पर गोष्ठी
जयपुर । मानसरोवर स्थित राजीव गांधी स्टडी सर्कल के कार्यालय में पूर्व महाधिवक्ता जी.एस.बापना की अध्यक्षता में इन्दिरा गांधी जयन्ती पर "राष्ट्रीय जीवन में इन्दिरा गांधी का योगदान" विषयक गोष्ठी आयोजित की गई। फिजिकल एवं वर्चुअल मोड पर हुई इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि इन्दिरा गांधी विश्व में अधिकतम पहचान वाली जन-नेता थीं। लोह नेत्री के रूप में विख्यात इन्दिरा गांधी ने पाकिस्तान के विभाजन सहित द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1971 में दोहरे मोर्चे पर सबसे बड़ी सामरिक जीत भारत के खाते में दर्ज कराई,
बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर भारत के गांवों का परिचय बैंकिंग से कराकर ग्रामीण एवं कृषि विकास को अपूर्व गति दी, पूर्व नरेशों के प्रिवीपर्स एवं विशेष अधिकार उन्मूलन एवं दूसरे चक्र के भूमि सुधारों के द्वारा सामंतवाद की बची जड़ों पर प्रहार किया और भारत को परमाणु शक्ति बनाने के जैसे कामों को जहां अंजाम दिया, वहीं राष्ट्रीय अखंडता एवं संवैधानिक मूल्यों के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान देने में पीछे नहीं रहीं। अध्यक्षीय सम्बोधन में पूर्व महाधिवक्ता जी एस बापना ने कहा कि इन्दिरा गांधी ने उक्त चर्चित कार्यों के योगदान के अलावा पर्यावरण एवं वन संरक्षण आदि सहित सामाजिक महत्व के अनेक विधिक एवं संवैधानिक सुधारों के मोर्चे पर भी राष्ट्रीय जीवन में बहुमूल्य योगदान दिया।
संगोष्ठी को मुख्य वक्ता के रूप में आरपीएससी के पूर्व चेयरमैन प्रो.बी.एम.शर्मा ने संबोधित किया, वहीं राजीव गांधी स्टडी सर्कल के राष्ट्रीय समन्वयक प्रो.सतीश कुमार राय ने विषय संस्थापना की। संगोष्ठी में मौजूद जयपुर के लोगों में विचार व्यक्त करने वालों में शामिल थे फारूक अफरीदी, प्रो.विनोद शर्मा, प्रो. निमाली सिंह, प्रो. चतुर्भुज यादव, प्रो.राजेश वर्मा, सवाई सिंह, धर्मवीर कटेवा,
डा. ध्यान सिंह गोठवाल, प्रो.सी.एल. मीणा और आनलाइन मोड पर उदयपुर से प्रो.डी.एस.चूडावत, जोधपुर से प्रो.कमलेश माथुर एवं पटना से प्रो.रामायण प्रसाद यादव व डा. प्रमोद पाण्डेय। आभार प्रकट किया जोधपुर से राजस्थान राज्य के सर्कल समन्वयक प्रो.डी.एस. खीची ने। संयोजन राष्ट्रीय समन्वयक प्रो.सतीश कुमार राय ने किया। तकनीकी संयोजन श्री वीरपाल सिंह ने किया। आरंभ में सभी मौजूद लोगों ने इन्दिरा गांधी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धाजली दी।
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