लोकनायक जयप्रकाश जयंती समारोह-अनेक लोग जेपी अवार्ड- 2024 से सम्मानित
० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली : लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देश के लोकनायक जयप्रकाश नारायण को एक कार्यक्रम में भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी व उनके विचारों का स्मरण करते हुए उनके विचारों की वर्तमान में भी उतनी प्रासंगिकता होने की बात कही गयी। इस अवसर पर " लोकनायक एवं लोक क्रांति " विषय पर देश के प्रसिद्ध व्यक्ति, राजनेता, साहित्यकार पत्रकार समाज विज्ञानी इत्यादि ने अपनी बात रखीं और समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया । अभय सिन्हा , महासचिव " लोकनायक जयप्रकाश अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विकास केंद्र" ने बताया कि जेपी ने पांच जून, 1975 को पटना के गांधी मैदान में विशाल जनसमूह को संबोधित किया.यहीं उन्हें ‘लोकनायक‘ की उपाधि दी गई. इसके कुछ दिनों बाद ही दिल्ली के रामलीला मैदान में उनका ऐतिहासिक भाषण हुआ. उनके इस भाषण के कुछ ही समय बाद इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लगाया. दो साल बाद लोकनायक के संपूर्ण क्रांति आंदोलन के चलते देश में पहली बार गैर कांग्रेसी सरकार बनी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गजेन्द्र सिंह शेखावत पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि बहुत से नेता मिले जिनके प्रयासों के कारण ही यह देश आज तक टिका हुआ है और उसकी समस्त उपलब्धियां उन्हीं नेताओं की दूरदृष्टि और त्याग का नतीजा है। ऐसे ही नेताओं में जीवन भर संघर्ष करने वाले और इसी संघर्ष की आग में तपकर कुंदन की तरह दमकते हुए समाज के सामने आदर्श बन जाने वाले प्रेरणास्रोत थे लोकनायक जयप्रकाश नारायण, जो अपने त्यागमय जीवन के कारण मृत्यु से पहले ही प्रातः स्मरणीय बन गए थे।
अपने जीवन में संतों जैसा प्रभामंडल केवल दो नेताओं ने प्राप्त किया। एक महात्मा गांधी थे तो दूसरे जयप्रकाश नारायण। जनसंघ एवं बीजेपी के प्रेरक दीन दयाल उपाध्याय का “अंत्योदय “ एवं “एकात्म मानवतावाद” और जेपी के समाजवाद में बहुत साम्यता है । उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने इस अवसर पर भेजे संदेश में कहा कि देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों की मशाल थामने वाले जेपी यानी जयप्रकाश नारायण का नाम देश के ऐसे शख्स के रूप में उभरता है जिन्होंने अपने विचारों, दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश की दिशा तय की थी।
साहित्यकार एवं जन कवि डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि लोकनायक के शब्द को असलियत में चरितार्थ करने वाले जयप्रकाश नारायण अत्यंत समर्पित जननायक और मानवतावादी चिंतक तो थे ही इसके साथ-साथ उनकी छवि अत्यंत शालीन और मर्यादित सार्वजनिक जीवन जीने वाले व्यक्ति की भी है। उनका समाजवाद का नारा आज भी हर तरफ गूंज रहा है। पूर्व सांसद आर के सिन्हा बोले कि भले ही उनके नारे पर राजनीति करने वाले उनके सिद्धान्तों को भूल रहे हों, क्योंकि उन्होंने सम्पूर्ण क्रांति का नारा एवं आन्दोलन जिन उद्देश्यों एवं बुराइयों को समाप्त करने के लिये किया था, वे सारी बुराइयां इन राजनीतिक दलों एवं उनके नेताओं में व्याप्त है।
इसके अतिरिक्त चक्रपाणि महाराज, एच एन शर्मा ने जेपी को स्मरण करते हुए कहा कि जेपी देश के ऐसे अकेले नेता रहे जो कभी किसी पद पर नहीं रहे परंतु उन्होंने 100 से ज्यादा संस्थाओं को स्थापित करने में अपना योगदान दिया, विधायक रश्मि वर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में जेपी के मूल्यों व सिद्धांतों को आगे रखकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले पूर्व व कई अन्य हस्तियों को जेपी अवार्ड- 2024 से सम्मानित किया गया। जिसमें समाजवादी चिंतक थम्मपन थॉमस व विमल कुमार जैन, साहित्यकार ममता कालिया एवं बुद्धिनाथ मिश्र , भजन गायक अनूप जलोटा, शिक्षाविद डॉ प्रकाश विनायक जोशी , वरिष्ठ पत्रकार संदीप चौधरी, नृत्यांगना नलिनी एवं कमलिनी , पर्यावरणविद सुरेश भाई आदि प्रमुख हैं कार्यक्रम का संचालन सुश्री अमृत नीलम ने किया।
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