कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने राज्य सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
० आशा पटेल ०
जयपुर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हाइकोर्ट की आरपीएससी को लेकर जो टिप्पणी आई है वह अपने आप में बहुत कुछ कहानी बयां कर देती है आरपीएससी वह संस्था है जहां से नौजवानों का भविष्य तय होता है लंबे समय से मैं खुद भी कहता आया हूं और लोग भी कहते हैं कि आरपीएससी का गठन और चयन प्रक्रिया जवाबदेही हो । लगता है कि सरकार के पास अब कोई कारण बचा नहीं है । कोई बहाना नहीं बचा है। वह परिवर्तन करें नौजवानों का भरोसा अगर आरपीएससी के काम करने के तरीके से उठ जाएगा तो विश्वास खत्म हो जाएगा । चाहे वह चयन प्रक्रिया है या इंटरव्यू है या परीक्षा की कार्य प्रणाली है ।
पायलट ने कहा कि दिल्ली में आपने देखा होगा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को अचानक दिल्ली बुलाकर इस्तीफा लिया गया जब मणिपुर में हिंसा चल रही थी हजारों लोगों पर अत्याचार हुए हत्याएं और बलात्कार हुए उस समय स्थिति को सुधारने के लिए अगर सीएम का इस्तीफा लिया जाता तो अलग बात होती लेकिन अब जब सरकार जाने का खतरा था तब उनका इस्तीफा लिया गया लोगों को बचाने के लिए उनका इस्तीफा नहीं लिया गया बल्कि सत्ता बचाने के लिए इस्तीफा लिया गया । जब सरकार के जाने का खतरा महसूस हुआ तब उनका इस्तीफा लिया गया है भाजपा और प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने का समय नहीं है लेकिन सरकार बचाने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं यह सरकार का दोहरा चेहरा है।
जयपुर, कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हाइकोर्ट की आरपीएससी को लेकर जो टिप्पणी आई है वह अपने आप में बहुत कुछ कहानी बयां कर देती है आरपीएससी वह संस्था है जहां से नौजवानों का भविष्य तय होता है लंबे समय से मैं खुद भी कहता आया हूं और लोग भी कहते हैं कि आरपीएससी का गठन और चयन प्रक्रिया जवाबदेही हो । लगता है कि सरकार के पास अब कोई कारण बचा नहीं है । कोई बहाना नहीं बचा है। वह परिवर्तन करें नौजवानों का भरोसा अगर आरपीएससी के काम करने के तरीके से उठ जाएगा तो विश्वास खत्म हो जाएगा । चाहे वह चयन प्रक्रिया है या इंटरव्यू है या परीक्षा की कार्य प्रणाली है ।
उन सब पर अगर नौजवानों का विश्वास खत्म हो जाएगा तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है आरपीएससी में जो हुआ वह पूरा एक्सपोज हो चुका है। बिना समय जाया करें उसमें मूलभूत परिवर्तन करना होगा। बार-बार यह कहना कि यह संवैधानिक संस्था है और इसके यह बहाने बाजी है । सरकार को 1 साल से ऊपर हो गया सरकार अगर चाहती तो बहुत कुछ परिवर्तन ला सकती थी। लेकिन चुनावी भाषणों में बातें बोलना और सत्ता में बैठने के बाद यह इस बात को दिखाता है कि सरकार दबाव में काम कर रही है। सरकार को अब बदलाव करना चाहिए जो सदस्य चयन होते हैं उनका चयन कौन करता है कैसे होता है उसका एक क्राइटेरिया तय हो ।
धर्म ,जाति , समाज के लोगों को साधने के लिए अगर सदस्यों का चयन हो तो । उससे गुणवत्ता प्रभावित होती है। चोरियां पकड़ी जा रही है लेकिन सरकार ने अभी तक कोई बदलाव के संकेत नहीं दिए हैं। सरकार दबाव में काम कर रही है। अब हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद कोई कारण नहीं बचा की सरकार इस पर कार्रवाई नहीं करें । इस बात को न सिर्फ मैं बल्कि हमारी पार्टी और प्रदेश के लोग सैकड़ो बार कह चुके हैं सरकार के एक मंत्री जिन्होंने आरोप लगाया है कि उनका फोन टैप हो रहा है । किसी भी व्यक्ति की प्राइवेसी का हनन कोई सरकार नहीं कर सकती । जब वह नागरिक सरकार का एक मंत्री है और सार्वजनिक मंच से बोल रहा है लेकिन सरकार कोई जवाब नहीं दे रही है।
सरकार का मंत्री सरकार का नुमाइंदा होता है और उसका मतलब है कि सरकार खुद बोल रही है। आगे कहा कि मंत्री पर संगठन की कार्रवाई एक निजी मामला है। लेकिन सरकार के एक मंत्री यह दावा करते हैं कि उनके पास पुख्ता सबूत है लेकिन सरकार जवाब नहीं दे रही है पूरा प्रदेश और देश जानना चाहता है कि । आरोप का सच क्या है । सरकार में बैठा मंत्री खुद कह रहा है कि उनका फोन टैप हो रहा है और सरकार ने मजाक बना रखा है उन्होंने पूरी प्रणाली को चैलेंज किया है । आगे कहा कि विधानसभा का सत्र जारी है और हमारी पार्टी ने हमारे दल ने सदन में जिस तरह से मांगों को उठाया सरकार के पास उसका कोई जवाब नहीं है ।
सचिन ने कहा कि सत्ताधारी दल के विधायक ने गंभीर बात बोली और दुर्भाग्यपूर्ण है स्वर्गीय शिवचरण माथुर के सरकार के समय के आरोप लगाए जा रहे हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि दोनों ही व्यक्ति इस दुनिया में नहीं है दशकों पुरानी बात को लेकर अब कोई आरोप प्रत्यारोप करें यह ठीक नहीं है। सरकारों के इतिहास में जाकर सरकार फोन टैपिंग के आरोपों से ध्यान भटकने के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं । आगे कहा कि दिल्ली में चुनाव हुए और हमारी पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा हम लोग वहां चुनाव लड़े थे दिल्ली में हमारी लंबे समय तक सरकार रही और लंबा जन आधार रहा अब हमारा प्रयास है कि दिल्ली में अपनी जगह मजबूत करें आम आदमी पार्टी अब चुनाव हारी है लेकिन हम अपनी जीत के लिए और अपनी जड़ों को मजबूत करने के लिए चुनाव लड़े थे।
पायलट ने कहा कि दिल्ली में आपने देखा होगा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को अचानक दिल्ली बुलाकर इस्तीफा लिया गया जब मणिपुर में हिंसा चल रही थी हजारों लोगों पर अत्याचार हुए हत्याएं और बलात्कार हुए उस समय स्थिति को सुधारने के लिए अगर सीएम का इस्तीफा लिया जाता तो अलग बात होती लेकिन अब जब सरकार जाने का खतरा था तब उनका इस्तीफा लिया गया लोगों को बचाने के लिए उनका इस्तीफा नहीं लिया गया बल्कि सत्ता बचाने के लिए इस्तीफा लिया गया । जब सरकार के जाने का खतरा महसूस हुआ तब उनका इस्तीफा लिया गया है भाजपा और प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने का समय नहीं है लेकिन सरकार बचाने के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं यह सरकार का दोहरा चेहरा है।
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