रैपिडो देश भर में पिंक मोबिलिटी से महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा है
० योगेश भट्ट ०
नयी दिल्ली : राइड-शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म, रैपिडो ने महिलाओं के लिए स्थायी आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से पूरे देश में अपनी पिंक मोबिलिटी पहल का विस्तार करने की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य रोजगार सृजन, वित्तीय स्वतंत्रता, और कौशल विकास को बढ़ावा देना है। रैपिडो ने अगले तीन सालों में देशभर में 2 लाख से अधिक महिला कप्तान की स्थायी फ्लीट बनाने के नज़रिये के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, रैपिडो ने आज़ाद फाउंडेशन और सखा कंसल्टिंग विंग्स के साथ एक समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस उपलब्धि पर रैपिडो ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में “EmpowHer: ड्राइविंग फाइनेंशियल इनक्लूजन एंड एम्पावरमेंट” थीम पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
आज़ाद फ़ाउंडेशन और सखा की संस्थापक मीनू वडेरा ने कहा: "लैंगिक समानता और महिलाओं को उनके मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करना, सामाजिक उन्नति की आधारशिला है। आज़ाद फ़ाउंडेशन और सखा में, हमारा मिशन महिलाओं को खुद को सशक्त बनाने, आवश्यक कौशल हासिल करने, और सम्मान के साथ स्थायी आजीविका कमाने में सक्षम बनाना है। रैपिडो के साथ हमारी साझेदारी एक समावेशी और न्यायसंगत मोबिलिटी सेक्टर बनाने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। साथ मिलकर, हमें महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने और गैर-पारंपरिक भूमिकाओं में सफल होने हेतु सक्षम बनाने पर गर्व है, ताकि अधिक समावेशी भविष्य में योगदान दिया जा सके।"
आज़ाद फ़ाउंडेशन एक प्रमुख गैर सरकारी संगठन है, जो परिवर्तनकारी कौशल शिक्षा, मार्गदर्शन, और नीतिगत समावेश से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। इसका मिशन महिलाओं के लिए रोज़गार क्षमता को बढ़ाना, आजीवन सीखने की भावना को प्रोत्साहन देना, और स्थायी आजीविका को सुगम बनाना है। सखा कंसल्टिंग विंग्स, एक सामाजिक उद्यम है जो महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन समाधान प्रदान करके और पेशेवर ड्राइवरों के रूप में रोज़गार के अवसर पैदा करके इस मिशन को आगे बढ़ाता है, इस प्रक्रिया में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है।
नयी दिल्ली : राइड-शेयरिंग प्लेटफ़ॉर्म, रैपिडो ने महिलाओं के लिए स्थायी आय के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से पूरे देश में अपनी पिंक मोबिलिटी पहल का विस्तार करने की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य रोजगार सृजन, वित्तीय स्वतंत्रता, और कौशल विकास को बढ़ावा देना है। रैपिडो ने अगले तीन सालों में देशभर में 2 लाख से अधिक महिला कप्तान की स्थायी फ्लीट बनाने के नज़रिये के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, रैपिडो ने आज़ाद फाउंडेशन और सखा कंसल्टिंग विंग्स के साथ एक समझौता (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस उपलब्धि पर रैपिडो ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, दिल्ली में “EmpowHer: ड्राइविंग फाइनेंशियल इनक्लूजन एंड एम्पावरमेंट” थीम पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में प्रमुख थिंक टैंक के संस्थापकों,अनुभवी गिग वर्कर्स, और महिला ड्राइवरों ने भाग लिया,जो सभी महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस कार्यक्रम में पैनल चर्चाएं और व्यावहारिक संवाद आयोजित किए गए, जिसमें आज़ाद फ़ाउंडेशन के नेशनल लीड श्रीनिवास राव ; ICRIER की प्रोफेसर डॉ.अर्पिता मुखर्जी ; ब्रेकथ्रू से वर्षा चक्रवर्ती ; सखा की चैंपियन ड्राइवर अंजना ; आज़ाद फाउंडेशन की संस्थापक मीनू वडेरा ; ORF की सीनियर फ़ेलो और थिंक20 इंडिया सेक्रेटरिएट की कार्यकारी निदेशक सुनैना कुमार ; NCAER की प्रोफेसर बोरनाली भंडारी और ARTH की संस्थापक और सीईओ और HAPPY की सह-संस्थापक श्वेता अप्रमेय।
कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएं की गईं, जैसे कि समान करियर मार्ग बनाना, सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करना, और गैर-पारंपरिक उद्योगों में महिलाओं की वित्तीय साक्षरता को बढ़ाना। इन संवादों में सार्थक बदलाव लाने और विविध सेक्टर्स में महिलाओं को अधिक समावेशी और सशक्त बनाने के उद्देश्य से उपयोगी रणनीतियां प्रदान की गईं। रैपिडो, आज़ाद फाउंडेशन और सखा कंसल्टिंग विंग्स के बीच हुए समझौता (MoU) के तहत, सुविधाओं से वंचित महिलाओं को पेशेवर ड्राइविंग कौशल में प्रशिक्षित किया जाएगा, उन्हें रोज़गार के अवसर दिए जाएंगे, और परिवहन सेक्टर में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
इस साझेदारी के तहत रैपिडो इस प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिये महिला ड्राइवरों के लिए नए रोज़गार के अवसर पैदा करना। महिला कप्तानों के लिए मासिक INR 25,000 तक की निश्चित आय सुनिश्चित करना, ताकि दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा मिले। प्रशिक्षित महिला ड्राइवरों को वाहन खरीदने, रजिस्ट्रेशन, मेंटरशिप, सुरक्षा प्रशिक्षण में सहयोग देना। नीति निर्माताओं के साथ मिलकर महिला ड्राइवरों के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए आज़ाद फाउंडेशन और सखा के साथ संयुक्त पहलों पर काम करना।रैपिडो की चीफ ऑफ स्टाफ, श्रव्या रेड्डी ने कहा, “हम उन सभी पैनलिस्टों और मेहमानों के प्रति बहुत आभार व्यक्त करते हैं, जो आज हमारे साथ शामिल हुए। उन्होंने सीमाओं को तोड़ने, मोबिलिटी में महिलाओं के सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने और वित्तीय स्वतंत्रता को बढ़ावा देने पर अमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। महिलाओं को सशक्त बनाना रैपिडो के मिशन का आधारबिंदु है,
और हमारी पिंक मोबिलिटी पहल का देशव्यापी विस्तार ज़्यादा समावेशी मोबिलिटी इकोसिस्टम बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये चर्चाएं महिलाओं के लिए सार्थक बदलाव लाने हेतु महत्वपूर्ण हैं। हम राज्य सरकारों, नीति निर्माताओं, और हमारे भागीदारों से मिले महत्वपूर्ण समर्थन की बेहद सराहना करते हैं, जिन्होंने इस विकास को संभव बनाया है। सबसे बढ़कर, हम अपनी लाजवाब महिला कैप्टन्स से प्रेरित हैं, जिनकी दृढ़ता और समर्पण इस पहल को आगे बढ़ाते हैं। आज़ाद फ़ाउंडेशन और सखा के साथ सहयोग करके, हम महिलाओं को सार्थक रोज़गार के अवसर देने और सफलता के लिए आवश्यक संसाधनों से लैस करने के प्रति समर्पित हैं। हम भारत भर में हज़ारों महिलाओं के लिए रोज़गार और वित्तीय स्वतंत्रता के अवसरों का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं।"
आज़ाद फ़ाउंडेशन और सखा की संस्थापक मीनू वडेरा ने कहा: "लैंगिक समानता और महिलाओं को उनके मानवाधिकारों के प्रति जागरूक करना, सामाजिक उन्नति की आधारशिला है। आज़ाद फ़ाउंडेशन और सखा में, हमारा मिशन महिलाओं को खुद को सशक्त बनाने, आवश्यक कौशल हासिल करने, और सम्मान के साथ स्थायी आजीविका कमाने में सक्षम बनाना है। रैपिडो के साथ हमारी साझेदारी एक समावेशी और न्यायसंगत मोबिलिटी सेक्टर बनाने की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है। साथ मिलकर, हमें महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने और गैर-पारंपरिक भूमिकाओं में सफल होने हेतु सक्षम बनाने पर गर्व है, ताकि अधिक समावेशी भविष्य में योगदान दिया जा सके।"
आज़ाद फ़ाउंडेशन एक प्रमुख गैर सरकारी संगठन है, जो परिवर्तनकारी कौशल शिक्षा, मार्गदर्शन, और नीतिगत समावेश से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए समर्पित है। इसका मिशन महिलाओं के लिए रोज़गार क्षमता को बढ़ाना, आजीवन सीखने की भावना को प्रोत्साहन देना, और स्थायी आजीविका को सुगम बनाना है। सखा कंसल्टिंग विंग्स, एक सामाजिक उद्यम है जो महिलाओं के लिए सुरक्षित परिवहन समाधान प्रदान करके और पेशेवर ड्राइवरों के रूप में रोज़गार के अवसर पैदा करके इस मिशन को आगे बढ़ाता है, इस प्रक्रिया में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देता है।
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