गौसंवर्धन समर्पित जेडी माहेश्वरी ने राज्यपाल को भेंट की गौमाता
० आशा पटेल ०
जयपुर । राष्ट्रीय गौ आधारित प्राकृतिक किसान सम्मेलन के अवसर पर जेडी माहेश्वरी ने राजस्थान के राज्यपाल को गौमाता भेंट कर अभिनंदन किया। यह आयोजन श्री पिंजरापोल गौशाला, सांगानेर, जयपुर में हुआ, जिसमें पवन अरोड़ा सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम आयोजक अतुल गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य गौ आधारित प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना, जैविक खेती के महत्व को उजागर करना और किसानों को रासायनिक मुक्त खेती के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम में गौशालाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता और गौ उत्पादों को एक सशक्त उद्योग के रूप में स्थापित करने पर भी चर्चा की गई।
जेडी माहेश्वरी ने कहा, "गौमाता केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह हमारे पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ी हुई हैं। जैविक कृषि को सफल बनाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौ आधारित कृषि का प्रसार आवश्यक है। इस अवसर पर राज्यपाल ने गौसेवा और जैविक कृषि के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा, "गौ आधारित प्राकृतिक कृषि, भारत के किसानों के लिए एक नई दिशा खोल सकती है। हमें गौशालाओं को केवल गोवंश संरक्षण केंद्र तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इन्हें कृषि और जैविक उत्पादों के माध्यम से आर्थिक रूप से सक्षम बनाना चाहिए।"
पवन अरोड़ा सहित अन्य अतिथियों ने भी गौ आधारित स्टार्टअप्स, जैविक खाद, गोमूत्र आधारित कीटनाशकों, पंचगव्य चिकित्सा और प्राकृतिक खेती पर अपने विचार रखे। इस सम्मेलन में अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद, लोक भारती, जैविक किसान उत्पादक संघ, हेनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी सहित कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सहयोग दिया। कार्यक्रम में देशभर के किसान, गौशाला संचालक, कृषि विशेषज्ञ और समाजसेवी शामिल हुए। आयोजकों ने इस सम्मेलन के माध्यम से गौ आधारित कृषि और जैविक खेती को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
जयपुर । राष्ट्रीय गौ आधारित प्राकृतिक किसान सम्मेलन के अवसर पर जेडी माहेश्वरी ने राजस्थान के राज्यपाल को गौमाता भेंट कर अभिनंदन किया। यह आयोजन श्री पिंजरापोल गौशाला, सांगानेर, जयपुर में हुआ, जिसमें पवन अरोड़ा सहित कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपस्थिति रही। कार्यक्रम आयोजक अतुल गुप्ता ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य गौ आधारित प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देना, जैविक खेती के महत्व को उजागर करना और किसानों को रासायनिक मुक्त खेती के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम में गौशालाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता और गौ उत्पादों को एक सशक्त उद्योग के रूप में स्थापित करने पर भी चर्चा की गई।
जेडी माहेश्वरी ने कहा, "गौमाता केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह हमारे पर्यावरण, कृषि और स्वास्थ्य से गहराई से जुड़ी हुई हैं। जैविक कृषि को सफल बनाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौ आधारित कृषि का प्रसार आवश्यक है। इस अवसर पर राज्यपाल ने गौसेवा और जैविक कृषि के इस अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा, "गौ आधारित प्राकृतिक कृषि, भारत के किसानों के लिए एक नई दिशा खोल सकती है। हमें गौशालाओं को केवल गोवंश संरक्षण केंद्र तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इन्हें कृषि और जैविक उत्पादों के माध्यम से आर्थिक रूप से सक्षम बनाना चाहिए।"
पवन अरोड़ा सहित अन्य अतिथियों ने भी गौ आधारित स्टार्टअप्स, जैविक खाद, गोमूत्र आधारित कीटनाशकों, पंचगव्य चिकित्सा और प्राकृतिक खेती पर अपने विचार रखे। इस सम्मेलन में अखिल भारतीय गौशाला सहयोग परिषद, लोक भारती, जैविक किसान उत्पादक संघ, हेनिमैन चैरिटेबल मिशन सोसाइटी सहित कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सहयोग दिया। कार्यक्रम में देशभर के किसान, गौशाला संचालक, कृषि विशेषज्ञ और समाजसेवी शामिल हुए। आयोजकों ने इस सम्मेलन के माध्यम से गौ आधारित कृषि और जैविक खेती को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
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