अर्थ आवर इस साल यूएन वर्ल्ड वॉटर डे के साथ मनाया जाएगा

० योगेश भट्ट ० 
नई दिल्ली : वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर- इंडिया (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया) इस साल अर्थ ऑवर 2025 और वर्ल्ड वॉटर डे (विश्व जल दिवस) एक साथ मना रहा है। 22 मार्च को होने वाला यह आयोजन हमें धरती और उसके अमूल्य जल संसाधनों के संरक्षण के लिए मिलकर काम करने की याद दिलाता है। इस दिन करोड़ों लोग 'स्विच ऑफ' अभियान में शामिल होकर धरती के लिए सबसे बड़ी घड़ी बनाएँगे। इसके साथ ही, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया पूरे साल लोगों को बी वॉटर वाइज़ (#BeWaterWise) बनने और हर छोटे-बड़े काम में पानी की बचत करने के लिए जागरूक कर रहा है।

इस पहल को कई मशहूर हस्तियों का समर्थन मिला है। एक्टर और यूएन एन्वायर्नमेंट गुडविल एंबेसडर दीया मिर्ज़ा, संगीतकार शांतनु मोइत्रा, चेस ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद, सेलिब्रिटी शेफ रणवीर बरार, पद्मश्री से सम्मानित सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक, ग्रैमी अवॉर्ड विजेता संगीतकार रिकी केज, 'पीपल बाबा' के नाम से मशहूर स्वामी प्रेम परिवर्तन और अरुणाचल प्रदेश के नायशी गायक-गीतकार ताबा चाके इस मुहिम से जुड़े हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया का उद्देश्य इस आंदोलन को हर व्यक्ति तक पहुँचाना है, ताकि हम सब मिलकर धरती और जल की सुरक्षा के लिए कदम उठा सकें।

अर्थ ऑवर 2025 में इस बार सिर्फ 'स्विच ऑफ' ही नहीं, बल्कि बी वॉटर वाइज़ (#BeWaterWise) थीम के ज़रिए जल संरक्षण और सतत उपयोग को अपनाने की अपील की जा रही है। भारत में, जहाँ 1.4 अरब लोग दुनिया के कुल 4% मीठे जल पर निर्भर हैं, जल बचाने की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है। वेटलैंड्स इंटरनेशनल के अनुसार, बीते 30 वर्षों में हर 5 में से 2 वेटलैंड्स खत्म हो चुके हैं, जबकि 40% जल स्रोतों का पानी जलीय जीवन के लिए अनुपयोगी हो गया है। इस साल वर्ल्ड वॉटर डे की थीम 'ग्लेशियर संरक्षण' है, जो उन 2 अरब लोगों की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करती है, 

जो पीने के पानी, कृषि और ऊर्जा के लिए ग्लेशियरों के पिघलते जल पर निर्भर हैं। चिंता की बात यह है कि मानव गतिविधियों से बढ़ते जलवायु परिवर्तन के कारण 2023 में 600 गीगाटन से अधिक बर्फ पिघल चुकी है, जो पिछले 50 सालों में सबसे अधिक है। इसका असर समुद्र के बढ़ते स्तर पर साफ दिखता है, जो 1900 की तुलना में अब 20 सेमी ज्यादा हो चुका है।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के महासचिव और सीईओ रवि सिंह ने कहा, "हर साल, अर्थ ऑवर लाखों लोगों को एकजुट करता है, जो धरती के लिए प्रतीकात्मक रूप से लाइट्स बंद करके अपनी भागीदारी दिखाते हैं। इस बार, इसका वर्ल्ड वॉटर डे के साथ जुड़ना हमें जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास तेज करने का अवसर देता है। मैं सभी अर्थ ऑवर वॉटर एंबेसडर्स, सम्मानित अतिथियों और समर्थकों का आभार व्यक्त करता हूँ, जो अर्थ ऑवर फेस्टिवल की शोभा बढ़ा रहे हैं और इस पहल को अपना समर्थन दे रहे हैं।"

अर्थ ऑवर फेस्टिवल 2025, जो 22 मार्च को दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के दिल्ली कार्यालय में आयोजित होगा, इस साल 'बी वॉटर वाइज़' अभियान का उत्सव मनाएगा। यह आयोजन संगीत, कला, वास्तुकला और संरक्षण से जुड़ी गहन चर्चाओं को एक मंच पर लाएगा, जिससे जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। प्रसिद्ध संगीतकार शांतनु मोइत्रा इस अवसर पर अपनी गंगा नदी यात्रा के अनुभव साझा करेंगे और अरुणाचल प्रदेश के नायशी गायक-गीतकार ताबा चाके के साथ विशेष संगीत प्रस्तुतियाँ देंगे। 

ताबा चाके अपने संगीत के माध्यम से यह दिखाएँगे कि उनके समुदाय का प्रकृति और जल स्रोतों से कितना गहरा भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव है। फेस्टिवल के दौरान 'पानी, की कहानियाँ और स्पेस' विषय पर एक रोचक चर्चा भी आयोजित की जाएगी, जिसमें कला, संस्कृति और विरासत से जुड़े विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। इस चर्चा में तराना साहनी (कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री की आर्ट एंड कल्चर टास्क फोर्स की चेयरपर्सन), रतिश नंदा (आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर इंडिया की सीईओ) और विक्रमजीत सिंह रूपराय (दिल्ली हेरिटेज: टॉप 10 बॉलिस के लेखक) शामिल होंगे। यह परिचर्चा इस बात पर केंद्रित होगी कि जल किस तरह से हमारी कहानियों, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक धरोहर को आकार देता है।

फेस्टिवल में पाँच 'वॉटर हीरोज़' को भी एक विशेष मंच प्रदान किया जाएगा। जो जल संरक्षण के लिए जमीनी स्तर पर क्राँति लाने का काम कर रहे हैं। वे सरकारी अधिकारियों और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया की टीम के साथ मिलकर जल संरक्षण और सतत विकास से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। इस मौके पर स्क्रैप मेटल आर्टिस्ट गोपाल नामजोशी द्वारा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के लिए विशेष रूप से तैयार की गई जल-थीम आधारित कला कृति का अनावरण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महासचिव और सीईओ भारत लाल इस अवसर पर विशेष संबोधन देंगे, जिससे यह आयोजन और भी समृद्ध हो जाएगा।

डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के होप एंड हार्मनी एंबेसडर, शांतनु मोइत्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "मैं कई वर्षों से डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया और अर्थ आवर से जुड़ा रहा हूँ, लेकिन इस साल का विषय और 'बी वॉटर वाइज़' संदेश मेरे दिल के बहुत करीब है। जब मैंने गंगा नदी के किनारे 2,700 किलोमीटर साइकिल चलाई, तब मुझे जल संरक्षण का वास्तविक महत्व समझ आया। मुझे खुशी है कि अर्थ आवर फेस्टिवल 2025 में अपनी कहानियाँ साझा करने और संगीत के ज़रिए इस संदेश को प्रभावी बनाने का अवसर मिल रहा है। यह ऐसा विषय है, जिस पर हम सभी को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।"

अर्थ आवर 2025 सिर्फ लाइट्स बंद करने तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह लोगों को जल बचाने, सिंगल-यूज़ प्लास्टिक कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन घटाने जैसे आसान, लेकिन असरदार कदम उठाने के लिए भी प्रेरित करेगा। छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं, और यही इस पहल का असली उद्देश्य है। अभिनेत्री और पर्यावरणविद् दीया मिर्ज़ा ने अर्थ आवर के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा, "हर साल की तरह, मैं इस बार भी अर्थ आवर के लिए लाइट्स बंद करूँगी, सिर्फ पर्यावरण के लिए इस सबसे बड़े आंदोलन का हिस्सा बनने के लिए ही नहीं, बल्कि अपने पूरे परिवार के साथ प्रकृति के लिए कुछ सकारात्मक करने के लिए भी।

 इस साल यह अवसर और भी खास है, क्योंकि अर्थ आवर और वर्ल्ड वॉटर डे एक साथ आ रहे हैं। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया का 'बी वॉटर वाइज़' संदेश मेरे अपने विचारों से मेल खाता है। हमारे दैनिक जीवन में जल को बचाने की आदत लाना बेहद आसान है, और हर छोटा बदलाव हमारे सीमित जल संसाधनों पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। जलवायु परिवर्तन और मानवीय गतिविधियों के चलते जल संकट दिन-ब-दिन गहराता जा रहा है। ऐसे में, यह कदम बिल्कुल सही समय पर उठाया गया है, और मुझे इसका हिस्सा बनने की खुशी है।"

प्रसिद्ध शेफ रणवीर बरार ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के इस अभियान में अपनी भागीदारी पर उत्साह व्यक्त करते हुए कहा, "डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया के अर्थ आवर 2025 अभियान से जुड़कर मुझे बेहद खुशी हो रही है। दैनिक जीवन में भी मुझे गैर-जरूरी लाइट्स बंद करने की आदत है, और इस विशेष दिन पर तो जरूर ऐसा करता हूँ। इस साल वर्ल्ड वॉटर डे और अर्थ आवर का एक साथ आना इस अभियान को और भी खास बना देता है। यह हम सभी के लिए अपने सीमित संसाधनों की रक्षा करने और पृथ्वी को बचाने का संकल्प लेने का सुनहरा अवसर है। 'बी वॉटर वाइज़' एक बेहतरीन पहल है, और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया द्वारा सुझाए गए उपाय इतने सरल हैं कि मैं हर व्यक्ति से इन्हें अपनाने की उम्मीद करता हूँ।"

प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने पृथ्वी और जल संरक्षण से जुड़ी इन दोनों मुहिमों के एक साथ आने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "मैं कई वर्षों से अर्थ आवर और वर्ल्ड वॉटर डे से जुड़ा रहा हूँ। इस साल इन दोनों अभियानों का एक साथ आना, दुनिया को यह याद दिलाता है कि अब हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इस मुहिम का हिस्सा बनकर मुझे गर्व हो रहा है, और एक कलाकार के तौर पर मुझे लगता है कि संरक्षण के इस कैनवास में अपनी कला की कुछ रेखाएँ जोड़ना मेरी जिम्मेदारी है।"

साल 2024 में अब तक का सबसे बड़ा स्विच ऑफ देखा गया, जिसमें भारतभर में 250 से अधिक ऐतिहासिक स्थलों, स्मारकों, सरकारी इमारतों, शैक्षणिक संस्थानों और कॉर्पोरेट सेक्टर्स ने भाग लिया। इसने इसे धरती की सबसे बड़ी घड़ी बना दिया। इस अभियान ने भारतीयों को एक घंटा पृथ्वी के नाम करने के लिए प्रेरित किया, जिसके तहत ऑनलाइन और ऑफलाइन मिलाकर कुल 30 वर्षों के सकारात्मक कार्य किए गए। इस प्रभावशाली भागीदारी के चलते भारत को ग्लोबल अर्थ आवर लीडरबोर्ड पर दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ- इंडिया ने पहला अर्थ आवर फेस्टिवल आयोजित किया, जिसमें संरक्षण से जुड़े विषयों और पर्यावरण-संबंधी जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए खास कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

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