राजस्थान की बेटियों को जयपुर डेयरी की सौगात : ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के लिये सरस मायरा योजना का शुभारम्भ

० आशा पटेल ० 
जयपुर।  जयपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (सरस जयपुर डेयरी) ने सामाजिक सरोकारों ऊर्जा संरक्षण, जैविक कचरे से घरेलू गैस उत्पादन और नये दुग्ध उत्पादों की लॉन्चिंग की है। जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित एक समारोह में ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण के लिये सरस मायरा योजना का शुभारम्भ किया जिसके तहत डेयरी से जुड़े प्रत्येक दुग्ध उत्पादक को अधिकतम दो बेटियों की शादी में सरस डेयरी की ओर से 21 हजार रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मायरा योजना की शुरुआत के अवसर पर डेयरी से जुड़ी दो लाभार्थी महिला दुग्ध उत्पादकों को 21-21 हजार रु के चैक भेंट किये गये।
फलैक्सी बायोगैस योजना का शुभारम्भ भी दो महिला दुग्ध उत्पादक लाभार्थियों को चैक वितरण के साथ किया गया। इस योजना के अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को जैविक कचरे से घरेलू गैस उत्पादन के लिये 5 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा। योजना के अन्तर्गत हर माह औसतन 1.5 गैस सिलेण्डर जितनी गैस का उत्पादन होगा। इसी प्रकार ग्रीन ऐनर्जी उत्पादन के लिये रुफटॉप सोलर प्लान्ट योजना का भी शुभारम्भ किया गया। रुपटॉप सोलर प्लान्ट योजना के अन्तर्गत 25-25 मेगावाट क्षमता के रुपटॉप लगाये जायेंगे जिससे समिति का बिजली का बिल शुन्य होगा और ग्रीन ऐनर्जी को बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर जयपुर डेयरी के प्रबन्ध संचालक मनीष फोजदार ने जयपुर डेयरी के पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों को विस्तार से बताया। उपभोक्ताओं की पसंद के 23 दुग्ध उत्पादों की हुई लॉन्चिंग। लॉन्च किये गये उत्पादों में ऑरेन्ज केण्डी, मैंगो डोली, मावा कुल्फी, केसर पिस्ता, चोकोबार आदि फलेवर में आईस्क्रीम और कुल्फी शामिल हैं। इसके अलावा इलाईची, पाइनेपल, कोकोनट, ब्लैकबेरी और केसर फलेवर में श्रीखण्ड की लान्चिंग की गई। इसी प्रकार चॉकलेट, स्ट्रोबेरी, कॉफी और बादाम सहित नो वेरियंट में फलेवर्ड मिल्क युवाओं को आकर्षित करने के लिये शुद्व व प्रिमियम गुणवत्तायुक्त कोल्ड कॉफी भी लान्च की गई।
राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन और राष्ट्रीय महिला आयोग के बीच राजस्थान राज्य की दुग्ध उत्पादक महिलाओं की चहुमुखी उन्नति के लिये एमओयू किया गया। आयोग की ओर से अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर और आरसीडीएफ की ओर से प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। एमओयू के अन्तर्गत राष्ट्रीय महिला आयोग और आरसीडीएफ राज्य में दुग्ध उत्पादक महिलाओं के प्रशिक्षण, विकास, आर्थिक स्वावलम्बन और सामाजिक उत्थान के लिये मिलकर कार्य करेंगे।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया किशोर रहाटकर ने जयपुर डेयरी को सरस मायरा योजना की अनुठी पहल पर राजस्थान में डेयरी विकास के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में दुग्ध उत्पादक महिलाओं का अभूतपूर्व योगदान है। आरसीडीएफ और जयपुर डेयरी द्वारा किये गये नवाचारों पर खुशी जाहिर करते हुऐ उन्होंने कहा कि पूरे देश को इन महिला कल्याणकारी योजनाओं का अनुसरण करना चाहिये। उन्होंने कहा कि महिला उत्थान के क्षेत्र में आरसीडीएफ के प्रयासों को देखते हुए वे भी राष्ट्रीय महिला आयोग राजस्थान राज्य की दुग्ध उत्पादक महिलाओं को सम्बल देने के लिये सहर्ष तैयार हैं।

 विशिष्ठ अतिथि पशुपालन, गोपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिये सरस मायरा योजना मील का पत्थर साबित होगी। जयपुर डेयरी की तर्ज पर सम्पूर्ण राजस्थान राज्य में सरस मायरा योजना लागू की जावेगी। उन्होंने कहा कि सरस में दूध उत्पादों की शुद्वता और स्वच्छता के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। गृह और पशुपालन, गोपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने जयपुर डेयरी की मायरा योजना की तारीफ करते हुऐ कहा कि यह योजना विशुद्व रुप से भारतीय संस्कृति के अनुरुप है। भारतीय संस्कृति में बहन-बेटी की शादी में भात भरने की वर्षों पुरानी परम्परा है।

 इससे अच्छा उदाहरण हो नहीं सकता कि जयपुर डेयरी से जुड़े दुग्ध उत्पादक की बहन-बेटी की शादी में जयपुर डेयरी की ओर से मायरा भिजवाया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दुग्ध उत्पादकों के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिये प्रतिबद्व है किंतु मिलावटखोरो के विरुद्व कठोर कार्यवाही करने के लिये भी हम कृत संकल्पित है। महिला सशक्तिकरण से ही विकास संभव दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आई महिला दुग्ध उत्पादकों को बधाई देते हुए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फैडरेशन की प्रबन्ध संचालक श्रुति भारद्वाज ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण से ही समाज का विकास संभव है। 

उन्होंने कहा कि राज्यभर में शुद्वता और उच्च गुणवत्तायुक्त दुग्ध उत्पादों के लिये पांच स्तरीय रणनीति बनाई गई है जिसमें प्रोडक्शन, प्रोक्योरमेंट, क्वालिटी, ग्रीन इकोनोमी और सोशल रिसपोंसेबिलिटी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरस ब्राण्ड के दुग्ध उत्पादों की अपनी एक विश्वसनियता है और राजस्थान की सभी सहकारी डेयरियां इस विश्वसनियता को बनाये रखने के लिये प्रतिबद्व हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की दुग्ध उत्पादक महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक एवं व्यक्तिगत विकास को ध्यान में रखते हुऐ ही राष्ट्रीय महिला आयोग से ऐतिहासिक एमओयू किया गया है। जयपुर डेयरी ने सहकारिता, नवाचार और महिला उत्थान जैसी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाने का आदर्श प्रस्तुत किया है।

 जयपुर डेयरी के अध्यक्ष ओम प्रकाश पूनिया ने कहा कि जयपुर डेयरी का सहकारिता को बढ़ावा देने में प्रारम्भ से ही विशेष योगदान रहा है। जयपुर डेयरी के 50 स्वर्णिम वर्षों की यात्रा को रेखांकित करते हुऐ उन्होंने कहा कि जयपुर डेयरी देश की एकमात्र ऐसी सहकारी डेयरी है जहा 80 प्रतिशत से अधिक दुग्ध समितियां महिलाओं द्वारा संचालित की जाती हैं। उन्होंने कहा कि नवाचारों के मामले में भी जयपुर डेयरी ने देशभर की अग्रणी डेयरी को भी पीछे छ़ोड़ रखा है। उन्होंने कहा कि आज का उपभोक्ता गुणवत्ता और समाज के प्रति जिम्मेदारी दोनों की अपेक्षा करता है और जयपुर डेयरी दोनों पर खरी उतर रही है।
 

कार्यक्रम मे शासन सचिव समित शर्मा ने ग्रामीण महिलाओं की पहले की स्थिति और वर्तमान स्थिति पर भी व्यंग्य करते हुऐ उन्होंने चुटकीले अंदाज में सभी को गुदगुदाया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब महिलाऐं और विशेष रुप से ग्रामीण महिलाऐं आर्थिक रुप से पुरुषों पर निर्भर थी। आज सहकारी डेयरी जैसे आंदोलन के कारण वक्त बदल रहा है और आगे आने वाले समय में हो सकता है कि पुरुष वर्ग को आर्थिक रुप से महिलाओं पर निर्भर रहना पड़ सकता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

"मुंशी प्रेमचंद के कथा -साहित्य का नारी -विमर्श"

स्त्री रोग निदान हेतु मल्टी स्पेशियलिटी सृष्टि हॉस्पीटल का हुआ उद्घाटन

बास्किन रॉबिन्स इंडिया द्वारा स्वादिष्ट आइसक्रीम इटैलियन जिलेटो लॉन्च

वरिष्ठ नागरिक वृद्धाश्रम से ना घबरायें,भारत में बुजुर्गों को भगवान का दर्जा : उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी

गांधी जी का भारतीय साहित्य पर प्रभाव "