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"जादूकमल बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत व्यक्तित्व एवं कृतित्व"का लोकार्पण

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० आशा पटेल ०  जयपुर। देश के विख्यात जादूगर बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत के जीवन पर आधारित जादू लेखक,जादू पत्रकार, जादूगर प्रहलाद राय द्वारा लिखित ‘’जादूकमल बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत व्यक्तित्व एवं कृतित्व’’ पुस्तक का पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लोकार्पण किया गया | कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, व्यंग्य लेखक फारुक आफरीदी नें की एंवं आटो लाइट इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर एवं जादूगर एम पी गुप्ता के विशिष्ट अतिथि थे । लेखक प्रहलाद राय के पुत्र जादूगर विश्वजीत राय (नर्सिंग आफिसर), जादूगर राजीव राय (नर्सिंग अधीक्षक), धर्मपत्नी सुशीला राय के प्रियंका,रमण राय, संतोष,किरण, तनिष्क, विष्णु, सिद्धिमा और आयुषी आदि उपस्थित रहे।  प्रहलाद राय की यह पुस्तक चार खण्डों और 140 पृष्ठों मे है जिसमें बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत के परिवार, उनकी जापान यात्रा, समाज सेवा, नेतृत्व क्षमता, सामाजिक समरसता आदि को विस्तार से बताया गया है।लेखक के अनुसार बाबू लक्ष्मण सिंह गहलोत ने जीवन भर सामाजिक कुरीतियों , अंधविश्वासों के विरुद्ध संघर्ष किया। नगर परिषद जोधपुर के अध्यक्ष रहते हुए वे सदैव जातपांत स...

राजेंद्र गोयनका की पुस्तक ‘संपूर्ण समाधान’ का विमोचन

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० आनंद चौधरी ०  नई दिल्ली। प्रभात प्रकाशन द्वारा दिल्ली के कांस्टीट्यूशनल क्लब में ‘संपूर्ण समाधान’ पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक राजेंद्र गोयनका द्वारा लिखित भारत के ज्वलंत सामाजिक,आर्थिक मुद्दों पर व्यावहारिक और नीति-निर्माण योग्य समाधान प्रस्तुत करती है। इस आयोजन में नीति-निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों, प्रशासकों और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया और भारत की प्रमुख चुनौतियों तथा उनके समाधान पर गहन विचार-विमर्श किया। पुस्तक का विमोचन केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल द्वारा किया गया। उन्होंने नीतिगत सुधारों और समावेशी विकास की दिशा में इस पुस्तक की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "जिस तरह गोयनका जी ने समाज के विविध समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया है, उसी तरह हर जागरूक नागरिक को आगे आकर समाज की समस्याओं के हल निकालने के लिए सहयोग देना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मभूषण राम बहादुर राय ने की। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक प्रशासनिक और आर्थिक सुधारों में बदलाव लाने की क्षमता रखती है और भारत की नीति-निर्माण प्रक्रिया में इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। विशिष्ट अतिथि के ...

जय प्रकाश पांडेय के कहानी संग्रह ‘भूले बिसरे मतवाले’ का विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में युवा लेखक जय प्रकाश पांडेय के कहानी संग्रह ‘भूले बिसरे मतवाले’ का विमोचन किया। यह पुस्तक आजादी के अमृत महोत्सव की पूर्वपीठिका में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के गुमनाम नायकों के बलिदान और संघर्षों को केंद्र में रखकर लिखी गई है । मुख्यमंत्री ने ‘भूले बिसरे मतवाले’ की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के उन महान नायकों को श्रद्धांजलि है, जिन्हें इतिहास में अपेक्षित स्थान नहीं मिल पाया। उन्होंने लेखक जय प्रकाश पाण्डेय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह नई पीढ़ी को अपने पूर्वजों के बलिदान से परिचित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

चीलाराय - चीफ पेट्रोन ऑफ आसामिज लैंग्वेज, कल्चर एंड ग्रेट असम" का विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में 16 वीं शताब्दी में कोच वंश के शासन में मुख्य सेनापति रहे वीर चीलाराय पर लिखी पुस्तक "चीलाराय - चीफ पेट्रोन ऑफ आसामिज लैंग्वेज, कल्चर एंड ग्रेट आसाम" का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक शुभ्रा ज्योति भोराली उपस्थित थे। भोराली की यह पुस्तक वीर चीलाराय पर लिखी उनके समाचार पत्रों में लिखे लेखों का संकलन है। पिछले एक दशक से वह इस पर काम कर रहे हैं और "आसोमी" नामक संस्था के फाउंडर भी है। इस पुस्तक में उन्होंने विस्तार से बताया है कि कैसे चीलाराय ने अपनी शक्ति और निपुणता से कोच वंश का विस्तार किया और पूर्वी भारत का पहला सनातनी हिंदू साम्राज्य स्थापित किया और मुगलों को आगे बढ़ने से रोका।  कोच वंश का साम्राज्य अभी के असम,मेघालय,मणिपुर,नागालैंड,सिक्किम,भूटान,आधा पश्चिम बंगाल, कुछ हिस्सा अब के बांग्ला- देश,म्यांमार,नेपाल और बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ था। पुस्तक के अनुसार,वीर चीलाराय अपने बड़े भाई नर नारायण (उस समय के शासक) के प्रधान सेनापति थे। कोच वंश के शासन काल में भाषा,संस्कृति,कला और संगीत काफी समृद्ध हुआ। इसक...

शब्दों के जादूगर थे प्रो.शर्मा : वसीम बरेलवी

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० योगेश भट्ट ०  बरेली। मानव सेवा क्लब की ओर से प्रो.एन.एल.शर्मा की स्मृति में एक कार्यक्रम का आयोजन मशूहर शायर प्रो. वसीम बरेलवी के आवास पर हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो.वसीम बरेलवी ने कहा कि प्रो.एन. एल.शर्मा का सम्पूर्ण व्यक्तित्व बहुत विशाल था। वह शब्दों के ऐसे जादूगर थे कि दुनिया में ऐसा अदभुत व्यक्ति मिलना मुश्किल है। प्रो.शर्मा की स्मृति में प्रथम एन. एल.शर्मा स्मृति शिक्षा सम्मान बरेली कालेज में वाणिज्य विभाग में प्राध्यापक रहे प्रो.राज कुमार वार्ष्णेय को दिया गया।  सम्मान स्वरूप हार,शाल,प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो.वसीम बरेलवी,क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, महासचिव प्रदीप माधवार ने प्रदान किया। कार्यक्रम में सुरेश बाबू मिश्रा, इं. के.बी. अग्रवाल,इन्द्र देव त्रिवेदी,प्रकाश चंद्र सक्सेना,मुकेश सक्सेना और इं. ए. एल.गुप्ता,उमेश चन्द्र गुप्ता और प्रो.सुनील कुमार शर्मा ने एन.एल.शर्मा के साथं के अपने प्रसंग साझा किये। प्रो. एन. एल.शर्मा को समर्पित पत्रिका विविध संवाद का अतिथियों ने विमोचन भी किया। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र बी...

रूट्स2रूट्स ने रिदम्स एंड रागास' भारतीय शास्त्रीय कलाओं वाली तीन-पुस्तकों का अनावरण किया

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली : कला, संस्कृति और विरासत को बढ़ावा देने के लिए रूट्स2रूट्स ने पैरागॉन पब्लिशिंग के सहयोग से रिदम्स एंड रागास नामक तीन-पुस्तक श्रृंखला का अनावरण किया। कथक, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन और भरतनाट्यम का पता लगाने वाली पुस्तकों का उद्देश्य पाठकों को भारतीय कला रूपों की समृद्ध परंपराओं के बारे में शिक्षित और प्रेरित करना है। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत , संसद सदस्य और पूर्व रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, संसद सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह सहित कई अतिथि मौजूद थे। इस अवसर पर रूट्स2रूट्स के संस्थापक राकेश गुप्ता और टीना वचानी, पैरागॉन के प्रबंध निदेशक विनीत शर्मा भी मौजूद थे । रिदम एंड रागस सीरीज में तीन किताबें शामिल हैं- रिचा जैन की कथक , अनिरबन भट्टाचार्य की हिंदुस्तानी क्लासिकल वोकल और वरुण खन्ना की भरतनाट्यम । ये किताबें हर कला रूप की उत्पत्ति, विकास, इतिहास और परंपराओं के बारे में बताती हैं। वे घरानों (विचारधाराओं), संगीत में साथ देने वाले वाद्ययंत्रों, नृत्य में वेशभूषा और आभूषणों, लोक परंपराओं की भूमिका, ध...

पुस्तक "टूटा है अब मौन- डॉ नीलिमा पाण्डेय के प्रेमगीत" का विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले में इंडिया नेट बुक के बैनर तले कवयित्री डॉ. नीलिमा पाण्डेय की पुस्तक "टूटा है अब मौन- डॉ नीलिमा पाण्डेय के प्रेमगीत" का विमोचन हुआ। यह अवसर प्रख्यात साहित्यकार डॉ. अशोक चक्रधर की उपस्थिति में संपन्न हुआ। डॉ. नीलिमा पाण्डेय ने अपनी पुस्तक के बारे में बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य प्रेम का संदेश फैलाना है। यह पुस्तक परिवार, भाई, बेटा और प्रकृति से जुड़े प्रेम की भावनाओं को अभिव्यक्त करती है। इसमें विशेष रूप से प्रेम से संबंधित गीत संकलित किए गए हैं, जो पाठकों के हृदय को छूने का प्रयास करेंगे। विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. अशोक चक्रधर ने लेखिका और उनकी पुस्तक की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है और इस प्रकार की कृतियाँ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में सहायक होतीं हैं। इस अवसर पर कई साहित्यकार और पाठक उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. नीलिमा पाण्डेय, डॉ मनोरमा, विदुषी इला कुमार, डॉ. संजीव कुमार, गीरिश पंकज, डॉ. शकुंतला कालरा, डॉ. सुधीर शर्मा, फारूक अफरीदी, गिरिशेंद्र, विनय माथुर, कृतायन पांडे, मनीषा...

ख़ुशबु तो बचा ली जाए’,‘परत-दर-परत’ और ‘झुकी डालियाँ बरगद की’ पुस्तकों का लोकार्पण

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली : पुस्तक मेले में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. लक्ष्मी शंकर वाजपेयी की पुस्तक ‘‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’ ( ग़ज़ल संग्रह ) पर सुषमा भण्डारी द्वारा किए गए शोध और उसी ग़ज़ल संग्रह का हाइकु और दोहा विधाओं पर किए गए रूपातंरण पुस्तक क्रमश : ‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’, ‘परत-दर-परत’ और ‘झुकी डालियाँ बरगद की’ पुस्तकों के द्वितीय संस्करण का लोकार्पण डॉ हरीश अरोरा ( जिनके मार्गदर्शन मे ये शोध कार्य हुआ )  विनोद पराशर, डॉ वनिता शर्मा, सुषमा भंडारी ,अर्चना चतुर्वेदी , डॉ भावना शुक्ल, संदीप तोमर, एस जी एस सिसोदिया गिरीश चावला, केदार, पूरण व कॉलेज छात्र छात्राओं द्वारा डॉ हरीश अरोरा के साथ सभी ने सुषमा भंडारी व के बी एस प्रकाशन को बधाई दी ।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा "दियासलाई" का लोकार्पण

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० आशा पटेल ०  जयपुर | नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की आत्मकथा " दियासलाई " का लोकार्पण किया गया। वर्षों से बाल श्रमिक बच्चों के बीच जी जान से जुटे कैलाश सत्यार्थी ने स्वयं " दियासलाई " बन कर लाखों बच्चों के जीवन को रोशन किया । इस पुस्तक के बारे में जर्नलिस्ट पुनीता राॅय ने कैलाश सत्यार्थी से अनेक जरुरी सवाल किए । मंच पर सत्यार्थी की अर्धांगिनी सुमेधा कैलाश , जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आयोजन की सूत्रधार नमिता गोखले और राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी भी मौजूद थे ।   राजस्थान के सोशल एक्टिविस्ट और वरिष्ठ पत्रकार कैलाश सत्यार्थी के संघर्ष के प्रारम्भ से गवाह रहे हैं | यहाँ यह कहना बहुत जरुरी है कि उन्होंने बाल श्रमिक बच्चो की मुक्ति के लिए जो संघर्ष किया उसे हम सभी ने नजदीक से देखा है |

पुस्तक : ‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’,‘परत-दर-परत’ और ‘झुकी डालियाँ बरगद की’ पर परिचर्चा

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० संवाददारा द्वारा ०  नयी दिल्ली : दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा पी.जी.डी.ए.वी. (सांध्य) कॉलेज, विनोबा पुरी के सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की पुस्तक ‘‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’ ( ग़ज़ल संग्रह ) पर सुषमा भण्डारी द्वारा किए गए शोध और उसी ग़ज़ल संग्रह का हाइकु और दोहा विधाओं पर किए गए रूपातंरण पुस्तक : ‘ख़ुशबु तो बचा ली जाए’, ‘परत-दर-परत’ और ‘झुकी डालियाँ बरगद की’ पर एक पुस्तक परिचर्चा का आयोजन किया गया ।  पुस्तक परिचर्चा पर अतिथियों के रूप में हरे राम समीप, त्रिलोक कौशिक, सुभाष नीरव, डॉ. लक्ष्मीशंकर वाजपेयी और सुधाकर पाठक की उपस्थिति थी । अतिथियों के सम्मान के बाद तीनों पुस्तकों का लोकार्पण किया गया । इस अवसर पर सुषमा भण्डारी द्वारा लिखित बाल साहित्य की पुस्तक ‘नई कहानी’ का भी लोकार्पण किया गया ।  इस परिचर्चा पर सभी अतिथियों ने पुस्तक पर स्पष्ट रूप से अपने-अपने विचार रखे । सभी आलोचकों एवं समीक्षकों ने अपने वक्तव्य में इस बात को रेखांकित किया कि हिन्दी साहित्यिक जगत में संभवत : इस तरह का यह पहला कार्य है कि पहले से स्थापित एक चर्चित पुस्तक क...

नव वर्ष तेरा करूँ स्वागत बारम्बार

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०  सुषमा भंडारी ०  नव वर्ष तेरा करूँ स्वागत बारम्बार द्वेष ईर्ष्या न दिखे दीखे केवल प्यार। सर सर सर बहती हवा दे चलने की सीख अंधियारा मिट जाएगा ,स्वर्णिम हो तारीख। बेखौफ हों बेटियाँ , करें वो नभ की सैर पत्थर दिल भी मोम हो, ना हो कोई गैर। कल- कल- कल झरना बहे , स्वर हो मीठी तान ऊंँच-नीच जग से मिटे, फैले बस मुस्कान। मन से मन का योग हो , हो प्यार का भाव सत्ता का मद हो खतम, हो न बुरा प्रभाव। सूने पनघट फिर कहें , भरो प्यार का नीर ईद दिवाली साथ हो, यही तो है जागीर। अक्षत रोली ले करूँ, मौसम का शृंगार चहुँ ओर बस प्यार हो, मिट जाय बस खार। सुखमय हो घर आंँगना, वंश बेल की धूम नया वर्ष आया सखी, आजा इसको चूम। रिसते जख्मों पर करूँ, मैं चंदन का लेप मिलकर के सारे रहें,हो न कोई आक्षेप।

पुस्तक 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए व्यावहारिक

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली ! इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय ने कहा कि अमलेश राजू की पुस्तक 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' नई पीढ़ी के पत्रकारों के लिए बहुत व्यावहारिक सामग्री लेकर आई है/  राय साहित्य अकादमी सभागार में 'पत्रकारिता की व्यवहारिक गुर' का विमोचन करते हुए यह बात कही! उन्होने कहा कि पत्रकारिता के व्यावहारिक गुर अमलेश राजू की वह पुस्तक है जिसमें ज्यादा से ज्यादा प्रिंट मीडिया को उन्होंने केन्द्रित किया है! प्रिंट से जुड़े जो लोग पत्रकारिता कर रहे हैं उनके लिए यह पुस्तक बहुत उपयोगी साबित होगी!  एक जमाने में प्रिंट के सबसे बड़े आदर्श थे महात्मा गांधी, गांधी ने जो पाठ पढ़ाया वह आज तक प्रिंट मीडिया के लिए कोई नहीं बना पाया! आज की पत्रकारिता में महात्मा गांधी के जो गुण हैं वही लैंडमार्क है और उसी को पढ़ना देखना समझना बहुत जरूरी है! अमलेश राजू ने जो किताब लिखी है वह सचमुच में प्रिंट में जो काम कर रहे हैं उनके लिए व्यावहारिक पत्रकारिता के दृष्टिकोण से यह मार्गदर्शक साबित होगी! माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्या...

पहली ज़रूरत है सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता के सम्भावित खतरों से सजग होना : सुरेंद्र ग्रोवर

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० आशा पटेल ०  जयपुर। "सामान्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता" पुस्तक के लेखक और वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र ग्रोवर का कहना है कि मैं जैसे जैसे कृत्रिम बुद्धिमता के गहरे समुद्र में गोते लगा रहा हूँ तो मुझे कृत्रिम बुद्धिमता के नए नए रूप और प्रकार नज़र आ रहे हैं.. इनमें से एक है “सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता.” अब आप कहोगे कि इस दौर में प्रचलित कृत्रिम बुद्धिमता सामान्य नहीं तो और क्या है? नहीं, यह सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता नहीं है बल्कि इसे नैरो यानि संकीर्ण कृत्रिम बुद्धिमता के रूप में देखा जाता है जो अपने शैशवकाल में है और यह सीमित दायरे में काम करने में सक्षम है. किन्तु जैसे जैसे कृत्रिम बुद्धिमता का डेटा बढ़ता जाएगा वैसे वैसे इसके नए नए रूप सामने आते रहेंगे. इनके कुछ रूप स्ट्रॉन्ग कृत्रिम बुद्धिमता, सुपर इंटेलिजेंस और सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता बतौर देखे जा रहे हैं. इन प्रकारों में “सामान्य कृत्रिम बुद्धिमता” के बारे में विशेषज्ञों की राय है कि यह मानव मस्तिष्क से हज़ारों गुना ज़्यादा तेज़ी से सोचते हुए निर्णय लेने में सक्षम होगी. चूँकि कृत्रिम बुद्धिमता में पारदर्शिता का अभाव है तो मनुष्य को यह प...

"बोधगया के विहार" पुस्तक का हुआ विमोचन

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - भारत का युवा अगर अपने देश के अतीत और इतिहास को नहीं जाने का तो वह भविष्य को नहीं जान पाएगा। भारतीय इतिहास का दस्तावेजीकरण सही तरीके से नहीं किया गया इसलिए बहुत सारे महत्वपूर्ण तथ्य आज हमारे सामने नहीं है। हम अपने इतिहास से बहुत कुछ सीखते हैं। भारत को सिर्फ बॉलीवुड और सॉफ्टवेयर के लिए न जाना जाए बल्कि इसकी महान संस्कृति के लिए पूरे विश्व में पहचान मिले यह भी बहुत जरूरी है। राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में बोगन वेलिया आर्ट फाउंडेशन संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बोधगया के विहार पुस्तक के विमोचन में कहीं. उन्होंने कहा कि बुद्ध एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शांति की स्थापना की. इस कॉफी टेबल बुक के माध्यम से बोधगया के विहारों का बड़ा सुंदर तरीके से प्रस्तुतीकरण किया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने कहा कि बोधगया के विहारों पर किया गया यह कार्य एक बहुत महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने इस कार्य में सहयोग देने के लिए मूर्ति ट्रस्ट की प्रशंसा की। उन्हों...

एटा पुस्तक महोत्सव : 5 से 8 दिसम्बर एटा में राजकीय इंटर कालेज प्रांगण मे

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 ० योगेश भट्ट ०  एटा :  उ०प्र० के एटा जिले के राजकीय इंटर कालेज के प्रांगण में स्व० बृजपाल सिंह यादव की स्मृति में हर साल लगने वाला पुस्तक महोत्सव जहां समीपस्थ जिलों के हजारों छात्र-छात्राएं-शिक्षक- अभिभावक व सामान्य जन भाग लेते हैं। इस दौरान यहां उन छात्र-छात्राओं द्वारा समसामयिक मुद्दों पर वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, रंगोली, पेन्टिंग, पोस्टर, संगीत, गायन, वादन के अलावा राष्ट्रीय विषयों सम्बंधी संगोष्ठियों का भी आयोजन होता है। यहां हाई स्कूल व इंटर की बोर्ड परीक्षा में जनपद में सर्वोच्च स्थान प्राप्त छात्रों को सम्मानित किया जाता है और निर्धन-साधनहीन छात्र-छात्राओं को शिक्षा अध्ययन हेतु पाठ्य सामग्री, पुस्तकों, बैग व अन्य सहायता भी प्रदान की जाती है।  इस पुस्तक महोत्सव में कालेज के पुरातन छात्र जिन्होंने देश में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के बलबूते एक प्रमुख स्थान हासिल किया है, सहभागिता करते हैं, के अलावा देश की जानी-मानी हस्तियां भी शिरकत करती रही हैं। 5 से 8 दिसम्बर को एटा में राजकीय इंटर कालेज प्रांगण में लगने वाले पुस्तक महोत्सव में देश की जानी-मानी ह...

लेखक केविन मिसेल ने अपनी न‌ई किताब 'कर्ण 2: द सन ऑफ़ सूर्या' को किया लॉन्च

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - पौराणिक गाथाओं में काल्पनिकता का पुट मिलाकर सशक्त तरीके से कहानियों को पेश करने के लिए जाने जाने वाले लेखक केविन मिसेल ने अपने उपन्यास 'कर्ण 2: द सन ऑफ़ सूर्या' का अनावरण किया. इस किताब को सिमोन ऐंड सुस्टर द्वारा प्रकाशित किया गया है जिसके विमोचन का कार्यक्रम दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनैशनल सेंटर में किया गया. इस ख़ास मौके पर कई दिग्गज हस्तियों के अलावा बड़ी तादाद में फ़ैन्स और लेखक बनने के इच्छुक लोग भी मौजूद थे. लेखक विनीत बाजपेयी विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे. 'कर्ण 2: सन ऑफ़ सूर्या' कर्ण की शाश्वत उलझनों की गहराई से पड़ताल करती है जिसके तहत उनकी पहचान, नैतिकता और महाभारत में पौराणिक रूप से इंगित की गई नियति को रेखांकित किया गया है. केविन मिसेल के कहानी बयां करने का अंदाज़ कुछ ऐसा है कि जिसमें युद्ध का मैदान, किरदार की चारित्रिक विशेषताओं और राजनीतिक रूप से अहम पड़ावों को समानांतर तरीके से प्रस्तुत किया गया है साहित्यिक लेखन व जीवंत गद्य के माध्यम से केविन मिसेल पौराणिक गाथाओं को सिनेमाई तत्वों के साथ ऐसी मानवीय भावनाओं में लपेटकर पेश करन...

नीलेश मिसरा का पहला कविता संग्रह, 'मैं अक्सर सोचता हूँ' का विमोचन

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली : क़िस्सागो,गीतकार और ग्रामीण समाचार पत्र गाँव कनेक्शन के सह-संस्थापक,नीलेश मिसरा की कविताओं की किताब 'मैं अक्सर सोचता हूँ' का विमोचन किया गया। इस किताब को वेस्टलैंड बुक्स की भाषा इकाई एका द्वारा नीलेश मिसरा के गाँव कनेक्शन के साथ साझेदारी में प्रकाशित किया गया है। यह ‘स्लो इंप्रिंट’ के लॉन्च का भी प्रतीक है, जिसके तहत नीलेश मिसरा द्वारा चयनित और प्रस्तुत की गई चार अन्य किताबें भी शामिल होंगी। इनमें डॉ. शिव बालक मिसरा की गाँव से बीस पोस्टकार्ड, अनुलता राज नायर की जंगली फूलों सी लड़की,  छवि निगम, वृषाली जैन, शिखा द्विवेदी और अनुलता राज नायर की कहानियों का संकलन कालजयी: कहानियाँ वेदों पुराणों से और अनुलता राज नायर, दीपक हीरा रंगनाथ, अनीता सेठी और दीक्षा चौधरी की कहानियों का संकलन मैजिक बॉक्स शामिल हैं। इस प्रकाशन को एक महत्वपूर्ण साहित्यिक घटना बनाती है वह यह है कि नीलेश मिसरा पहली बार अपनी कविताओं को एक पुस्तक के रूप में आपके सामने ला रहे हैं। यह काव्य-संग्रह ऑनलाइन और ऑफ़लाइन बुक स्टोर्स पर उपलब्ध है। पुस्तक की एक और ख़ासियत है इसके कवर पर ...

शताब्दी साहित्यकार रामदरश मिश्र पर केन्द्रित दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय संगोष्ठी

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली l हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार रामदरश मिश्र की जन्म शती के ऐतिहासिक अवसर को केंद्र में रखकर दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में 'साहित्य की शती उपस्थिति रामदरश' विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 12-13 नवंबर को किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में उद्घाटन एवं समापन सत्र के अतिरिक्त कुल 6 अकादमिक सत्र हैं जिसमें मिश्र के समग्र साहित्य को समझने में आसानी होगी। इसमें देश-विदेश के विद्वानों को आमंत्रित किया गया है। यह कार्यक्रम राजकमल प्रकाशन और हिंदी अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। इसके उद्घाटन सत्र में रामदरश मिश्र के साथ पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल निशंक ,पद्मश्री कवि सुरेंद्र शर्मा,हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद्मश्री हरमोहिंदर बेदी ,पद्मभूषण सरदार तरलोचन सहित अनेक गणमान्य अतिथि रहेंगे। इसमें पंजीकृत शोधार्थियों और प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। भारतीय साहित्य की यह ऐतिहासिक घटना है जब कोई रचनाकार स्वयं जीवित रूप में अपना शताब्दी वर्ष मनता हुआ देख र...

बिन तेरे मेरे प्रभु, नहीं मेरी पहचान

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०  सुषमा भंडारी ०  है जिसमे तेरी रजा, उसमे मेरी शान बिन तेरे मेरे प्रभु, नहीं मेरी पहचान..... हिय हर्षित हो कह रहा, आओ बिराजो नाथ तेरे ही आशीष से जीवन मे प्रभात.... लिप्त हुआ संसार में, मोह माया का फेर सब मालिक के हाथ में, हम माटी का ढेर... पूर्ण समर्पण हो जहाँ, वहीं आस- विश्वास जिस दिल मे राघव बसे, चहुँदिस है उल्लास.... राघव तेरा द्वार हो, जब भी खोलूँ नैन तेरा सिमरन जब मिले,पाऊँ प्रभु जी चैन मन का रावण हो स्वाह , मन में हों बस राम जितनी हों कठिनाइयां, जाऊं सीधे धाम

हर शै में उसी का प्यार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार

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०  सुषमा भंडारी ०  हर शै में उसी का प्यार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमें ही बसा है मुझमे ही------- वो छिपा है सबकी नजरों से पर बोले मेरे अधरों से ये जीवन नहीं है खार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझ में ही बसा है मुझ में ही----- आंखों के दर्पण में वो ही सांसों की सरगम में वो ही वो सदा मेरा आधार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमे ही बसा है मुझ में ही----- चाहत उसकी मेरी खुशियाँ ही जाने है सारी दुनिया ही चाहे रूठे सब संसार सखी मैं क्यूँ न करूँ श्रृंगार पिया मेरा मुझमे ही बसा है मुझमेँ ही