कृषि भारत की रीढ़ है तो सहकारिता आंदोलन देश की आत्मा
वर्ष 2022 तक कृषि निर्यात को मौजूदा 30 बिलियन डॉलर से 60 बिलियन अमरीकी डॉलर यानी दोगुना करने में सहकारी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह पहल कृषि निर्यात नीति 2018 का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य कृषि निर्यात को दोगुना करना और भारतीय किसानों और कृषि उत्पादों को वैश्विक मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करना है। नयी दिल्ली - केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि यह सरदार पटेल का दृष्टिकोण था कि देश में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को मजबूत बनाया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि भारत की रीढ़ है तो सहकारिता आंदोलन देश की आत्मा है। तोमर ने यह बात केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ एक पूर्वालोकन कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने भारत अंतर्राष्ट्रीय सहकारी व्यापार मेले (आईआईसीटीएफ) की घोषणा की। यह मेला अक्टूबर, 2019 में नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जाएगा। तोमर ने कहा कि यह मेला सहकारी समितियों को अपने उत्पादों का भारी संख्या में दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने का एक अच्छा अवसर ...