दो तीर्थो का निर्माण भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व के लिए ऐतिहासिक
आज दो तीर्थो का निर्माण इतिहास के गर्भ से निकले दो तीर्थो का निर्माण भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व के लिए आज का दिन ऐतिहासिक होगा। सदियों से चले आ रहे इस विवाद का पटाक्षेप जिस प्रकार माननीय न्यायालय ने किया है।वह अपने आप में देश की अखंडता भाई चारा और सौहार्द्र का परिचायक है। हमें दो तीर्थ मिले हैं इस पर हमें नाज़ होना चाहिए। अपने अपने ईष्ट की उपासना अपनी श्रद्धा के साथ कर लें, अपने इहलोक और परलोक के लिए की जाने वाली प्रार्थना और इबादत करें जिससे मुक्ति मिले,धर्मोचारण मन में हो या मंदिर में ये विषय आस्था का है। आज जितने भी मंदिर मस्जिद हैं वे कमाई के साधन बने हुए हैं। ईश्वर हो या अल्लाह वह केवल मात्र सच्ची श्रद्धा और शुद्ध भावना को चाहता है, उन्हें धन दौलत से क्या लेना-देना है फिर भी हम दस चढ़ाते हैं हजार मिन्नतें करते हैं। आज का यह निर्णय स्वागत योग्य है माननीय जजों द्वारा दिया गया निष्पक्ष साक्षों के आधार पर लिया गया निर्णय है।जिसको हर भारतीय ने सहृदय स्वीकारोक्ति दी है। यह मेरा अपना दिल कहता है। दो भाइयों को अलग अलग तीर्थ मिले हैंआपस में मिल के चलें यही तो सच्ची मानवता है। कहावत है --त...