संदेश

बीगो एकजुट होकर जीवन के नायकों को दे रहा है समर्थन-घर पर रहकर कोरोना से लड़ाई में दें योगदान’

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नई दिल्ली , जहां एक ओर पूरा देश कोरोना से लड़ाई में एकजुट हो गया है और देश के उन नायकों के प्रति आभार व्यक्त कर रहा है, जो निःस्वार्थ भाव के साथ कोरोना मरीज़ों की सेवा कर रहे हैं, इसी बीच एक अग्रणी ग्लोबल लाईव स्ट्रीमिंग प्लेटफाॅर्म, बीगो लाईव ने, जनता कफ्र्यू के मौके पर अपने अभियान रुॅम।तमज्ींदानिस के माध्यम से कोरोना योद्धाओं के प्रति अपना आभार व्यक्त किया। पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण से अभिभूत हो गया, जब उन्होंने देश के लोगों को सामाजिक दूरी बनाने और जनता कफ्र्यू के दिन उन लोगों के प्रति आभार व्यक्त करने का आग्रह किया, जो बहादुरी के साथ कोविड-19 से जंग लड़ रहे हैं, जिससे आज पूरी दुनिया जूझ रही है।  बीगो लाईव फैमिली, एक आम कवर तस्वीर एवं आभार संदेश के साथ इस लाईव स्ट्रीमिंग प्लेटफाॅर्म पर एकजुट हुई, जिसने रुॅम।तमज्ींदानिस का संदेश दिया। ऐप के द्वारा एक एक्टिविटी पेश की गई, जहां यूज़र्स को लाईव आने एवं उन हज़ारों लोगों को धन्यवाद करने के लिए प्रेरित किया गया, जो इस खतरनाक बीमारी से लड़ने में भारत की मदद कर रहे हैं। इस काॅल के बाद बीगो लाईव के कई कंटेंट क्रिएटर्स शाम के ठ...

बिहार में तीसरे कोरोना पॉजिटिव मरीज की हुई पहचान

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पटना : बिहार में कोरोना वायरस का तीसरा केस सामने आया है. कोरोना संक्रमित युवक को एनएमसीएच अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती है. आइसोलेशन वार्ड में ही रखकर युवक का इलाज किया जा रहा है. साथ ही आपको बता दें कि युवक हाल में ही स्कॉटलैंड से लौटा है.इसके पहले बिहार में कोरोना संक्रमण से एक व्यक्ति की मौत टेस्ट रिपोर्ट आने से पहले ही हो गई थी. इसके अलावा एक पॉजिटिव केस भी मिला था. यानी कि बिहार में अब तक तीन कोरोना के केस आ चुके हैं.वहीं  मीडिया से बातचीत में स्वास्थ्य विभाग के महासचिव दीपक कुमार कहा कि अब इसपर बैठक हो रही है कि आखिर जो केस आया है, उसको कैसे हैंडल करना है. वह कहां से आया था, भर्ती के दौरान किस-किस के संपर्क में आया था और क्या असल कारण रहे हैं. उन्होंने कहा कि एक पॉजिटिव केस का एम्स में इलाज हो रहा है.आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बिहार सरकार ने पूरे राज्य को 31 मार्च तक के लिए लॉकडाउन कर दिया है. इस दौरान बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य के सभी जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालयों, सभी प्रखंड मुख्यालयों और सभी नगर निकाय को पूरी तरह बंद करने का निर्णय...

दिल्ली जामा मस्जिद से किया गया बड़ा एलान

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PM Modi के आह्वान पर देश के करोड़ों लोगों ने दिया साथ

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"शक्ति अराधना के लिए नवरात्र अनुष्ठान" 

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सुरेखा शर्मा लेखिका /समीक्षक            देवि  प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद  मातर्जगतो अखिलस्य     प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं  त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।                                                                                                              भारतवर्ष को धर्म प्रधान देश होने के साथ-साथ त्योहारों का देश भी कहें तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी । हर मास कोई न कोई पर्व- त्योहार मनाया जाता है । ये त्योहार जनमानस में नई स्फूर्ति व उमंग का संचार करते हैं । हम यह भी जानते हैं कि भारतीय संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव तीव्र गति से पड़ता जा रहा है, फिर भी जन साधारण अपनी प्राचीन गौरवमयी संस्कृति में आस्था रखता है । अभी भारतीय संस्कृति के बीज नष्ट ...

त्योहारों के सीज़न के लिए घर की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए

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बसंत का मौसम विकास और फसलों की कटाई का मौसम है; यह नई चीज़ों के विकसित होने का मौसम है। बसंत का मौसम फिर से लौट रहा है, जो अपने साथ पके फल और भरपूर हरियाली लेकर आता है- लेकिन साथ ही धूल और पराग के कण भी लाता है- ऐसे में त्योहारों के इस सीज़न के लिए आपको घर की अच्छी तरह सफाई करनी चाहिए। पहले लोग इस तरह के कामों के लिए अपने दोस्तों और नौकरों की मदद लेते थे, लेकिन आज इन कामों के लिए मदद मिलना मुश्किल होता जा रहा है। दुनिया भर में आज लोग अपने घर की सफाई के लिए स्मार्ट टूल्स पर निर्भर होते चले जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप किसी से मदद लिए बिना आसानी से अपने घर की सफाई कर सकते हैं। तो आइए, ऐसे ही एक टूल झाड़ू के बारे में बाते करते हैं। बाज़ार में घास और अन्य सामग्री से बनी कई तरह के झाड़ू उपलब्ध हैं, लेकिन जब सफाई की बात आती है, तो ज़रूरी है कि झाड़ू हर कोने में पहुंच कर अच्छी तरह सफाई करे। सफाई को आसान बनाने के लिए झाड़ू खरीदते समय कुछ विशेष चीज़ों पर ज़रूर ध्यान दें।  क्या आपका झाड़ू हर कोने तक पहुंच सकता है? सबसे पहले इस बात पर ध्यान दें कि झ़ाडू ज़्यादा हिस्सा कवर करे और हर कोने तक पहुंच सके, ताक...

जैविक रोगाणु इन ध्वनियों से नष्ट हो जाते हैं

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आज से लगभग सत्तर बर्ष पहले गांव में महामारी हैजा , चेचक और काला ज्वर हुआ करता था। जो संक्रामक तो होता ही था। हैजा मक्खियों , चेचक मरीज के शरीर से फंगस, छोटी माता भी फंगसिव ही हुआ करती थी। प्लेग पिस्सुओं द्वारा फैला करता था। वास्तव में ये कीटाणु जैविक होते थे और तरह तरह से संक्रमित होते थे।उस समय विक्सनेटर एक टीका लगाता था।जो रोग निरोधक माना जाता था। पुराने जमाने के लोगों केबांयं  हाथ में ये निशान आज भी देखे जा सकते हैं।तीब्र बुखार और टीका पकना अच्छा लक्षण माना जाता था। शेष जीवन रक्षण के लिए वैद्यराज द्वारा लंगन पाचन और आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग होता था। मुख्य रूप से निमोनिया, टाइफाइड, और मलेरिया का उपचार वैद्य लोग कर लेते थे। संक्रामक रोग असाध्य माने जाते थे। उस समय भी लोग घरों को छोड़कर दूसरे स्थानों में पलायन कर लेते थे, संक्रमित गांवों के रास्ते कांटों से बंद कर दिए जाते थे। उपचारकों को स्वच्छता का ध्यान रखना पड़ता था। मंत्रोच्चारण हवन यज्ञादि का प्रचलन वायु मंडल की शुद्धि और रोग नाशन हेतु किया जाता था। मोदी जी के आह्वान की भांति शंख ताली और थाली बजाने का प्रचलन था। हमारे निकट ...