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लॉकडाउन से नहीं होगा पढ़ाई का नुकसान

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नयी दिल्ली : पूरे भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पूरे भारत में लॉकडाउन लागू किया गया है। नतीजतन, स्कूल बंद हैं, शैक्षणिक गतिविधियों निलंबित हैं और ऑनलाइन क्लास के प्लेटफार्म अपर्याप्त होने से शिक्षा क्षेत्र में बहुत नुकसान हो रहा है। इस परिस्थिति को देखते हुए भारत के प्रमुख एजुकेशन सॉल्युशन प्रोवाइडर नेक्स्ट एजुकेशन इंडिया प्रा. लि. ने स्कूलों की मदद के लिए कदम आगे बढ़ाया है ताकि वे नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफॉर्म के जरिये बिना किसी दिक्कत के रिमोट लर्निंग और शैक्षणिक गतिविधियां संचालित कर सकें। यह प्लेटफार्म एक स्कूल-इन-अ-बॉक्स सॉल्युशन/समग्र सॉल्युशन है जिससे स्कूलों को ऑफलाइन से ऑनलाइन लर्निंग में शिफ्ट होने में मदद मिल रही है। नेक्स्ट एजुकेशन शैक्षणिक गतिविधियों और के-12 लर्निंग माहौल को अधिक इंटरेक्टिव, क्रिएटिव और एंगेजिंग बनाने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए इंटिग्रेटेड लर्निंग प्लेटफार्म नेक्स्ट लर्निंग प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर रहा है। इसमें नेक्स्टईआरपी, नेक्स्टएलएमएस जैसे फीचर हैं, जिनमें लाइव लेक्चर्स, नेक्स्टअसेसमेंट, स्थानीय व प्रमुख रा...

कविता -अदृश्य शत्रु

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कवि,साहित्यकार अशोक लव  सैकड़ों वर्ष पूर्व  विश्व विजय का संकल्प लिए नगरों को रौंदता आया था सिकंदर । भारत की सीमा पर ही थम गया था  उसका विश्व-विजय-अभियान। आज फिर विश्व को रौंदता आ गया है अदृश्य सिकंदर नए नाम, नए रूप में थम गया है उसका विश्व-विजय-अभियान । युद्धरत हैं हमारे योद्धा  कुशल सेनापति के नेतृत्व में , थाम ली है उसके बढ़ते रथ की लगाम। जिस-जिस रूप में आए सिकंदर  स्वयं ही नष्ट हो गए। नष्ट हो जाएगा शीघ्र ही यह भी, अदृश्य सिकंदर 

लॉरिआल इंडिया ने पुलिस एवं एनजीओ को 60,000 लीटर हैंड सैनिटाईज़र दिए

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नयी दिल्ली । लॉरिआल इंडिया ने कोविड-19 की महामारी के दौरान देश का सहयोग करने के अपने प्रयासों की घोषणा की। यह योगदान लॉरिआल ग्लोबल सॉलिडरिटी प्रोग्राम के अतिरिक्त दिया गया है, जिसमें लॉन-प्रॉफिट संगठनों को योगदान दिया जाता है। लॉरिआल इंडिया कोविड-19 की महामारी से लड़ाई लड़ने के लिए केंद्र व राज्य सरकारो स्वास्थ्यकर्मियों एवं कार्यकर्ताओं के कामों में सहयोग करने के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है। लॉरिआल इंडिया की ऑपरेशंस टीम सैनिटाईज़र्स की कमी को पूरा करने के लिए 100 मिली., 340 मिली. और 640 मिली. की बोतलों में 60,000 लीटर एल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाईज़र वितरित करेगी। ये सैनिटाईज़र स्वास्थ्य केंद्रों, पुलिस बल एवं एनजीओ को वितरित किए जाएंगे, जो अग्रिम कतार में रहकर कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। इसके अलावा कंपनी हिमाचल प्रदेश के बद्दी और महाराष्ट्र के चाकन में अपने निर्माण संयंत्रों के आसपास स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ सहयोग करके मेडिकल समुदाय को पर्सनल प्रोटेक्टिव ईक्विपमेंट (पीपीई) उपलब्ध करा रही है। लॉरिआल इंडिया बद्दी, चाकन, मुंबई, गुरुग्राम और बैंगलुर...

स्कूलों,डे-केयर,ऑफिसेस,आवासीय परिसरों,लिफ्ट और छोटे रिटेल स्पेस के लिए जर्म-शील्ड’

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नयी दिल्ली , दिल्ली-एनसीआर: भारत के सबसे बड़े और अग्रणी ऑनलाइन ऑटोमोबाइल बाजार ड्रूम ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ युद्ध में पूरे देश को सहयोग देते हुए अपनी जर्म-शील्ड सेवा के दायरे को विस्तार दिया है। अस्पतालों, कार्यालयों, स्कूलों, डे-केयर आवासीय परिसरों, रिटेल स्पेस, लिफ्ट और एटीएम को भी जर्म-शील्ड सेवा दी जा रही है। पहले इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सिर्फ ऑटोमोबाइल्स के डीप सेनिटाइजेशन के लिए हो रहा था। अब ड्रूम ने टेक्नोलॉजी से चलने वाली इस सेवा का इस्तेमाल इन भौतिक सुविधाओं के संवेदनशील क्षेत्रों को सुरक्षित रखने के लिए करने का फैसला किया है।  जर्म-शील्ड टेक्नोलॉजी को ड्रूम हेल्थ के अंतर्गत लॉन्च किया गया था तथा यह कारों व दुपहिया वाहनों के लिए एंटी-माइक्रोबियल सरफेस प्रोटेक्शन शील्ड है। यह शील्ड सार्स और अन्य ड्रॉपलेट-बेस्ड वायरस के खिलाफ तीन महीने तक प्रभावी रहती है और यह बैक्टीरिया, अल्गी, यीस्ट, मोल्ड और फफूंद जैसे माइक्रो ऑर्गेनिज्म को पनपने नहीं देती। इस तरह यह शील्ड हानिकारक वायरस से सरफेस को प्रोटेक्शन देती है। यह टेक्नोलॉजी किसी भी सरफेस को 99.99% माइक्रोबियल रिडक्शन रे...

हिमालया बेबीकेयर का जेंटल लॉन्ड्री वॉश - दाग के लिए कठोर त्वचा के लिए मुलायम

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नयी दिल्ली । भारत के अग्रणी होमग्रोन वैलनेस ब्रांड, द हिमालया ड्रग कंपनी ने ‘जेंटल बेबी लॉन्ड्री वॉश लॉन्च किया है, जो खासकर शिशुओं के कपड़ों के लिए बनाया गया है। इसमें प्रकृति से प्राप्त किए गए क्लीनज़िंग एजेंट्स एवं औषधियां हैं, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण हैं। ये 99.9 प्रतिशत  तक कीटाणु को खत्म कर देते हैं। माता-पिता को आम डिटरजेंट में पाए जाने वाले कठोर कैमिकल्स की चिंता होती है, जो कपड़ों में अवशेष के रूप में पीछे छूट जाते हैं। शिशुओं की त्वचा व्यस्कों के मुकाबले काफी ज्यादा संवेदनशील होती है, इसलिए अवशेष के रूप में छूटे ये कैमिकल्स अक्सर उन्हें एलर्जी कर देते हैं। फिलिप हेडन, सीईओ, द हिमालया ड्रग कंपनी ने कहा, ‘‘द हिमालया बेबीकेयर का मानना है कि एक सेहतमंद शिशु ही प्रसन्न शिशु होता है। हम अपने उत्पादों द्वारा शिशुओं की सर्वश्रेष्ठ देखभाल करने पर केंद्रित हैं। हमारे उत्पाद सुरक्षित हैं एवं इनमें ठोस वैज्ञानिक शोध के साथ आयुर्वेद के गुण हैं। हम निरंतर इनोवेट कर रहे हैं और मुलायम एवं शोधपूर्ण उत्पादों के साथ माता-पिता को उनके शिशुओं के लिए सुरक्षित व प्रभावशाली समाधान प्रदान कर रहे...

'सबकी रसोई' ने 32 शहरों में 14.98 लाख लोगों को भोजन मुहैया कराया

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नयी दिल्ली - I-PAC की 'सबकी रसोई' को पहल को महज 10 दिनों में जरुरतंदों को 14.98 लाख भोजन मुहैया कराने में सफल रही है। आईपैक का यह प्रयास था कि कोई वैश्विक महामारी करोना की वजह से चल रहे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भूख के खिलाफ कोई अपनी जंग न हारे. इसके लिए आईपैक ने 5 अप्रैल को 'सबकी रसोई' पहल शुरु की। इस पहल के तहत जरूरतमंदों को 10 दिनों में कम से कम 15 लाख ताजा भोजन (1.5 लाख प्रतिदिन) उपलब्ध कराना था। आईपैक पिछले 10 दिनों में आर्थिक रूप से सबसे निचले पायदान के लोगों – प्रवासी मजदूर, दिहाड़ी कामगार और बेघरों तक भोजन पहुंचाने का प्रयास किया है.  पहले इस पहल को 20+ शहरों में शुरु किया था, लेकिन मांग को देखते हुए 20+ शहर से बढ़ाकर 33 शहर में जरूरतमंदों को भोजन मुहैया कराने का फैसला किया। इसके तहत प्रतिदिन 1.50 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराने का लक्ष्य था, लेकिन 'सबकी रसोई' के हेल्पलाइन नंबर 6900869008 पर आ रही लोगों की मांग को देखते हुए 1.50 लाख भोजन प्रतिदिन के लक्ष्य से अधिक अब 1.80 लाख से ज्यादा लोगो को भोजन प्रतिदिन उपलब्ध कराया जा रहा है। सबकी रसोई  दिल्ली, ...

जिसने जैसी ऐनक पहनी होती है,वह वैसे ही हालात को देखता है

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