कम्युनिटी रेडियो पर विज्ञापनों के लिए एयर टाइम बढ़ाकर 12 मिनट प्रति घंटा करने की सोच रही सरकार
नयी दिल्ली - सार्वजनिक रेडियो (ऑल इंडिया रेडियो) और निजी रेडियो प्रसारण (एफएम) के साथ सामुदायिक रेडियो, रेडियो प्रसारण की तीसरी श्रेणी है। यह एक लो पॉवर एफएम रेडियो स्टेशन है, जो स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित, स्वयं समुदाय के स्वामित्व और प्रबंधन वाला है, 10-15 किलोमीटर के दायरे में समुदाय के लाभ के लिए परिचालित होता है। भारत में सामुदायिक रेडियो, वर्ष 2002 में सामुदायिक रेडियो के लिए पहली नीति के अधिसूचित होने के बाद प्रारंभ हुए। इस नीति के तहत केवल शैक्षिक संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की अनुमति दी गई। इस नीति को 2006 में व्यापक बनाया गया और एनजीओ, केवीके और अन्य गैर-लाभकारी संगठनों जैसे बुनियादी गतिविधियों से जुड़े संगठनों को भी भारत में सामुदायिक रेडियो स्थापित करने की अनुमति दी गई। आज, भारत में 290 सामुदायिक रेडियो स्टेशनों का परिचालन हो रहा है। ये सामुदायिक रेडियो स्टेशन देश में लगभग 90 मिलियन लोगों को कवर करते हैं, जहां अन्य मीडिया की उपस्थिति बहुत सीमित है। इन सीआरएस द्वारा किए गए प्रसारण स्थानीय भाषा और बोली में होते हैं, ताकि इनका समुदाय पर ज्या...