सोशल मीडिया का विस्तार और महिला लेखन/पत्रकारिता के समक्ष बढ़ती चुनौतियां
मीनाक्षी माथुर जिंदगी में कुछ पाना हो तो खुद पर ऐतबार रखना , सब्र,अटल इरादे और कलम में सच की धार रखना , सफलता मिल जाएगी एक दिन निश्चित ही तुम्हें , बस खुद को आगे बढ़ने के लिए तैयार रखना । लेखन और पत्रकारिता दोनों ही एक दूसरे के सहयोगी क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में महिलाओं के समक्ष आने वाली चुनोतियों पर प्रकाश डालने से पूर्व हम लेखन और पत्रकारिता पर संक्षिप्त नज़र डालेंगे। लेखन की गद्य और पद्य की अपनी अनेक विधाएं हैं जैसे कहानी , कविता , गीत , गीतिका , ग़ज़ल, उपन्यास , पटकथा , समीक्षा , समसामयिक व ऐतिहासिक लेख इत्यादि। इसी प्रकार आधुनिक पत्रकारिता के भी अनेक रूप हैं जैसे खोजी-पत्रकारिता , खेल-पत्रकारिता , बाल-पत्रकारिता , महिला-पत्रकारिता , आर्थिक , ग्रामीण पत्रकारिता आदि। अब हम बात करते हैं महिला लेखन व पत्रकारिता की। लेखन में प्राचीन काल से ही महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आईं हैं जैसे गार्गी , मैत्रयी , लोपामुद्रा , विद्योतमा , शतरूपा आदि अनेक नाम हैं इस वैदिक काल में समाज मातृसत्तात्मक था लेकिन धीरे धीरे सामाजिक व्यवस्था पितृसत्तात्मक होती गई और महिलाओं की दशा बिगड़ती गई इसीलिए सामाजि...