"कहानी तब बनती है जब वह अंतर्मन को विभिन्न भावों से भर सके और लंबे समय तक स्मृति में जीवित रहे-संतोष श्रीवास्तव
० संवाददाता द्वारा ० भोपाल -अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा कहानी संवाद का ऑनलाइन गूगल गोष्ठी के माध्यम से आयोजन किया गया ।"कहानी तब बनती है जब वह अंतर्मन को विभिन्न भावों से भर सके और लंबे समय तक स्मृति में जीवित रहे-संतोष श्रीवास्तव"कहानी को कहानी की तरह लिखा जाना चाहिए।"- डॉ निरंजन श्रोत्रिय प्रत्येक माह आयोजित होने वाला यह आयोजन इस बार कहानी की कार्यशाला में उस समय परिवर्तित हो गया जब समीक्षकों ने कहानियों की सारगर्भित और विस्तृत समीक्षाएँ की। मीनाधर पाठक की कहानी, "शापित" ने सभी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। सभी की आँखें नम हो गईं। कहानी जितनी सुन्दर थी उतनी ही सटीक समीक्षा , महारानी लक्ष्मी बाई कन्या महाविद्यालय की उर्दू विभाग की अध्यक्ष डॉ बिलकीस जहाँ ने की। उन्होंने स्त्री विमर्श पर मज़बूती से अपनी बात रखी। महिमा वर्मा श्रीवास्तव की कहानी , "शर्त" , ने भी श्रोताओं का दिल जीत लिया। यह कहानी माँ और उसकी ममता के ऊपर आधारित थी। इस कहानी की सारगर्भित समीक्षा करते हुए। श्रीमती पूनम साहू , राज भाषा अधिकारी, भेल भोपाल ...