राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का उदाहरण
० संवाददाता द्वारा ० नयी दिल्ली - कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे। इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय जलने वाली आधुनिक लाइटों से लोगों को बेहतर अनुभव होगा। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएँ शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 सितंबर को 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन करेंगे। सत्ता के प्रतीक तत्कालीन राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। यह कदम प्रधानमंत्री के 'पंच प्राण' में से एक की तर्ज पर है यानी 'औपनिवेशिक मानसिकता का कोई भी निशान मिटाएं।' वर्षों स...