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अग्नि और बरखा’ नाटक का मंचन : नीतिगत सिद्धांतों का वर्णन जो आज भी प्रासंगिक

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० अशोक चतुर्वेदी ०  जयपुरः जवाहर कला केंद्र में ‘अग्नि और बरखा’ नाटक का मंचन किया गया। केंद्र की पाक्षिक नाट्य योजना के तहत आयोजित नाटक में ज़फ़र खान के निर्देशन में कलाकारों ने अभिनय किया। महाभारत के वनपर्व अध्याय में वर्णित यवक्री की कथा पर आधारित नाटक गिरिश कर्नाड़ ने लिखा है। इसका हिन्दी अनुवाद रामगोपाल बजाज ने किया। पौराणिक पृष्ठभूमि वाले नाटक में ऐसे कई नीतिगत सिद्धांतों का वर्णन किया गया है जो आज भी प्रासंगिक है। नाटक की कहानी रैभ्य के दो पुत्रों परावसु, अरवसु और भतीजे यवक्री के इर्द-गिर्द घूमती है। इसमें दिखाया गया कि स्वार्थ, ईर्ष्या, क्रोध व प्रतिशोध के चलते किए जाने वाले प्रपंचों से पैदा हुई अग्नि जीवन को किस तरह तबाह करती है। इन सबके बीच भी प्रेम रूपी बरखा की बौछार से मनुष्य जीवन निखर उठता है। नाटक में अरवसु और नितिलाई नामक पात्र त्याग, प्रेमभाव से परिपूर्ण हैं। वह दूसरों के लिए त्याग कर संतुष्ट रहते हैं। इस निश्छल, निर्मल, त्यागमयी प्रेम से ही संसार का अस्तित्व है और यही समस्त जीवों को एकता के सूत्र में बांधे रखता है। अनुराग सिंह, राजदीप, विनोद जोशी, यशेश पटेल, अनुश्री ने...

पूरा विश्व आज संस्कृत की ओर देख रहा है

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० योगेश भट्ट ०  नयी  दिल्ली - पूर्व केन्द्रीय मंत्री ' निशंक ' ने  कहा कि भारतीय संस्कृति के अमूल्य धरोहर को इन्डोनेशिया जैसे मुस्लिम बाहुल्य देशों में भी देखा जा सकता है जहां पवनपुत्र हनुमान, पुरुषोत्तम राम, श्रीकृष्ण तथा विष्णु आदि की मूर्तियां सर्वत्र विराजमान हैं । भारतवासी वहां से भी रामलीला का मंचन सीख सकतें हैं । इन्डोनेशिया के लोग का मानना है कि इस देश में इस्लाम सत्ता तो है । लेकिन संस्कृति तो पुरुषोत्तम राम का ही है । उन्होंने यह भी कहा कि वहां पर उन्होंने घटोत्कच का के जीवंत मंचन देख कर आश्चर्यचकित रह गये थे।   डा वीरेन्द्र सिंह बत् र्वाल की रचना ' फागुणी ' तथा डा विशनदत्त जोशी की पुस्तक ' पूर्वराग संरक्षण- प्रकत्पन राग ' को विमोचन भी विमोचन किया गया । 'फागुणी ' पहाड़ के परिवेश,पलायन तथा गरीबी की मार्मिक प्रस्तुति करती है । डा जोशी की किताब पारंपरिक भारतीय रागों की विशेषता पर प्रकाश डालती है ।  सीएसयू , दिल्ली के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में शिक्षक पर्व के 05-09 सितंबर 2022 के अन्तर्गत व्याख्यानों का आयोजन अभिमुख तथा आभासी दो...

बिहार में 224 नगर निकाय चुनाव का ऐलान, 10 अक्टूबर से शुरू होगा मतदान

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० संत कुमार गोस्वामी ०  पटना .  नगर निगम के वार्ड पार्षद पद के लिए आबादी के अनुसार खर्च की सीमा तय की गई है। नगर निगम क्षेत्र में चार से दस हजार आबादी वाले वार्ड में अधिकतम 60 हजार रुपये खर्च करने की अनुमति होगी, जबकि दस से बीस हजार की आबादी वाले वार्ड में 80 हजार रुपये तक चुनाव में खर्च किए जा सकेंगे। वहीं बिहार में नगर निकाय आम चुनाव 2022 में दो बच्चों के माता-पिता ही उम्मीदवार हो सकते हैं। दो से अधिक संतान होने पर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। नियम में ये भी अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतान हैं और वे इनमें से किसी को गोद दे देते हैं, तो ऐसी स्थिति में भी उस बच्चे के जैविक पिता वही कहलाएंगे। जिस व्यक्ति ने गोद लिया है, वे उसके पिता नहीं माने जाएंगे।  बिहार में नगरपालिका चुनाव का ऐलान हो गया है. राज्य के 224 नगरपालिका में चुनाव होना है. राज्य निर्वाचन आयुक्त दीपक प्रसाद ने शुक्रवार को चुनाव के तारीखों की घोषणा की. इसके तहत राज्य के सभी नगर निकायों यानी नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत आदि के चुनाव होने. पहले चरण के लिए 10 अक्टूबर को 156 नगरपालिका क्षेत्रों में मतदान ह...

दिव्यांग शिविर में ट्राई साइकिल, इलेक्ट्रॉनिक स्टिक,कान की मशीन उपलब्ध कराई जाएगी

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०  संत कुमार गोस्वामी ०  बिहार - मशरक (छपरा) : मशरक प्रखंड कार्यालय परिसर में एक दिवसीय शिविर आयोजन किया गया । भारत सरकार का उपकरण को दिव्यांगों के लिए निरीक्षण कर उनको उपकरण उपलब्ध करा रही है जिसमें दिब्यांगजनों का सर्वेक्षण किया जाएगा।  आयोजित दिब्यांगता शिविर का उद्घाटन बिग मशरख प्रखंड के विकास पदाधिकारी मोहम्मद आसिफ, मसक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी बीजेपी मसरख मंडल के अध्यक्ष संजीव कुमार सिंह, दक्षिणी मंडल के अध्यक्ष विमल कुशवाहा आदि लोग ने की। उक्त शिविर में मशरक बीडीओ मो.आसिफ सहित प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी, व कर्मी तथा अंचल कर्मी भी उपस्थित रहें। दिब्यांगता प्रमाण पत्र निर्गत हेतु व्यापक प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य से अर्ध सरकारी पत्र के आलोक में विभिन्न प्रखंडों में शिविर के माध्यम से दिब्यांगजनो का सर्वेक्षण किया गया इस मौके पर मसरख बीजेपी मंडल अध्यक्ष पूर्वी सुनील सिंह ने कहा दिव्या दिव्यांग शिविर में लोगों को ट्राई साइकिल, इलेक्ट्रॉनिक स्ट्रीक , कान की मशीन आदि उपकरण उपलब्ध कराई जाएगी आए शिविर में लोगो की नामांकन की गई है । महाराजगंज के सभी ब्लॉक आदि जगह शि...

भारत दुनिया के दुग्ध उत्पादन में 23 फीसदी योगदान देता है

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० योगेश भट्ट ०  डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एण्ड लिवलीहुड’ विषय पर 24 सत्रों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें डेयरी उद्योग से जुड़े विभिन्न पहलुओं को कवर किया जाएगा। इसके अलावा तीन टेकनिकल सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, 91 विदेशी एवं 65 भारतीय प्रवक्ताओं सहित कुल 156 प्रवक्ता इन सत्रों को सम्बोधित करेंगे। साथ ही विषय “Innovations across Dairy Value Chain - Aligning with UN SDGs” पर एक पोस्टर सत्र का आयोजन भी होगा। नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 सितम्बर को ग्रेटर नोएडा में आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 का उद्घाटन करेंगे। ‘डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एण्ड लिवलीहुड’ यानि पोषण एवं आजीविका के लिए डेयरी विषय पर आधारित इस सम्मेलन में भारतीय एवं विश्वस्तरीय डेयरी उद्योग के विशेषज्ञ, किसान, नीति निर्माता हिस्सा लेंगे।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्मित शाह तथा मछलीपालन, पशुपालन एवं डेयरी के लिए केन्द्रीय मंत्री परषोत्तम रूपाल सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। 1974 में भारत द्वारा इंटरनेशनल डेयरी कॉन्ग्रेस के आयोजन के बाद पिछले 48 वर्षों से इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशनल के अध...

किसी समाज या देश के आर्थिक उन्नति में संस्कृति की क्या भूमिका होती है

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० योगेश भट्ट ० देश का पारंपरिक तथा आधुनिक विश्वविद्यालय इक्ट्ठे मिला कर इस तरह का पहला काम कर रहा है और आशा की जा सकती है भारत की विविध बौद्धिक परम्परा सामाजिक मेल मिलाप के एक समन्वित बिन्दु पर राष्ट्र निर्माण के लिए कृत संकल्प होंगे ।    नयी दिल्ली- केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार प्रदत्त 'क्रियटिंग इन्टेलेक्चुअल हेरिटेज 'परियोजना की प्रथम बैठक की गयी । इसमें सीएसयू,दिल्ली के साथ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी तथा आईआईएम ,इन्दौर मिल कर संयुक्त रुप से कार्य करेगा । इसमें प्रो बद्री नारायण तिवारी , निदेशक ,जी.बी. पन्त सामाजिक विज्ञान संस्थान,प्रयागराज तथा आईआईएम ,इन्दौर के निदेशक के प्रतिनिधि के रुप में प्रो निशित कुमार सिन्हा तथा अन्य संकाय सदस्यों के अतिरिक्त कुलसचिव प्रो रणजित कुमार बर्मन् भी अभिमुख माध्यम से उपस्थित रहे । इसके अतिरिक्त नेशनल संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति ,सत्यवती कॉलेज , दिल्ली विश्वविद्यालय , महर्षि पाणिनि संस्कृत तथा वैदिक विश्वविद्यालय,उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय , ...

राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का उदाहरण

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० संवाददाता द्वारा ०  नयी दिल्ली - कर्तव्य पथ बेहतर सार्वजनिक स्थानों और सुविधाओं को प्रदर्शित करेगा, जिसमें पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और बिक्री स्टॉल होंगे। इसके अलावा इसमें पैदल यात्रियों के लिए नए अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल और रात्रि के समय जलने वाली आधुनिक लाइटों से लोगों को बेहतर अनुभव होगा। इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, भारी वर्षा के कारण एकत्र जल का प्रबंधन, उपयोग किए गए पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक दीर्घकालिक सुविधाएँ शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 8 सितंबर को 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन करेंगे। सत्ता के प्रतीक तत्कालीन राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करना जन प्रभुत्व और सशक्तिकरण का एक उदाहरण है। प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का भी अनावरण करेंगे। यह कदम प्रधानमंत्री के 'पंच प्राण' में से एक की तर्ज पर है यानी 'औपनिवेशिक मानसिकता का कोई भी निशान मिटाएं।' वर्षों स...