साहित्य अकादेमी में डॉ. जगमोहन शर्मा की पुस्तकों का लोकार्पण
० योगेश भट्ट ० नयी दिल्ली - विशिष्ट वक्ता सोमदत्त शर्मा ने कहा, "श्रीमद्भगवद्गीता के विशुद्ध ज्ञान को दोहे में उतार देना असाधारण साहस का काम है। यक्ष प्रिया की पाती में दोहाकार ने पूरी मौलिकता और तन्मयता के साथ इसमें डूब कर लिखा है। इतनी स्पष्टता और लावण्य विरल है। किसी कृति की सफलता इसमें है कि वह पाठक को अपनी कल्पना शक्ति के उपयोग के लिए मजबूर करे और यक्ष प्रिया की पाती में कवि इसमें पूरी तरह सफल हुए हैं।" उन्होंने कहा, “यक्ष प्रिया की पाती” में दोहों की तेरह और ग्यारह मात्राओं का शब्दश: पालन करते हुए भी डॉ. जगमोहन शर्मा ने कविता का आनंद और सौंदर्य अक्षुण्ण रखा है। यह दोहे की विधा पर उनकी असाधारण पकड़ और उनके रचनात्मक सामर्थ्य को रेखांकित करता है. साहित्य अकादेमी के सभागार में प्रख्यात दोहाकार डॉ. जगमोहन शर्मा की पुस्तकों "श्रीमद्भगवद्गीता-दोहा रूपांतरण" और महाकवि कालिदास के "मेघदूत" पर आधारित "यक्षप्रिया की पाती" का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम का आयोजन प्रभात प्रकाशन और हंसराज कॉलेज लिटरेरी सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक...