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लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले मांगे पूरी नहीं होने पर सबक सिखाएगे ग्रामीण

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० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली। राजधानी के गांवों के अधिकारों और हाउस टैक्स, भवन उप नियम समेत विभिन्न टैक्स व नियम व कानून थोपने के खिलाफ पालम 360 खाप ने जंतर मंतर पर महापंचायत की। इस दौरान महापंचायत का नेतृत्व करते हुए पालम 360 खाप के प्रधान चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने ऐलान किया कि लोकसभा चुनाव का ऐलान होने सेे पहले उनकी मांगे पूरी नहीं करने वाली सरकारों को वह सबक सिखाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने खास तौर पर दिल्ली सरकार व एमसीडी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के प्रति नाराजगी जताई। इस मौके पर चौ. सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि उनकी मांगों को लेकर उपराज्यपाल ने उनसे बात की है और केंद्र सरकार से जुड़े मसलों पर भाजपा के नेताओं ने उनके विचार विमर्श किया है, लेकिन दिल्ली सरकार व एमसीडी में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल ने उनके आंदोलन की ओर कोई ध्यान नहीं किया है, जबकि वह इसी जंतर मंतर पर आंदोलन करके दिल्ली सरकार तक पहुंचे है। उनकी अधिकतर मांगे दिल्ली सरकार व एमसीडी से जुड़ी हुई है। उन्होंने अरविंद केजरीवाल को चेतावनी दी कि उन्हें भी उनकी तरह आंदोलनकारी रूख अख्तियार करना आता...

विकास के पश्चिमी माडल से उपजा पर्यावरण संकट: प्रो.संजय द्विवेदी

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० योगेश भट्ट ०  लखनऊ 1  प्राकृतिक आपदाओं के साथ हमें सामाजिक और वैचारिक प्रदूषण की भी चिंता करनी चाहिए। प्रकृति और मानव का सुंदर संपर्क रहा है । राजस्थान के संत जम्भो ने सबसे पहले पेड़ों के कटने की चिंता प्रकट की। हिंदी साहित्यकार अपने लेखन में निरंतर प्रकृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताते और बताते रहे हैं। डा. संजय द्विवेदी का कहना है कि भारतीय समाज प्रकृति पूजक और पर्यावरण का संरक्षण करने वाला समाज रहा है। विकास के पश्चिमी माडल ने समूचे विश्व के सामने गहरी पर्यावरण चिंताएं उपस्थित कर दी हैं। वे रविवार को यहां बलरामपुर गार्डन,लखनऊ में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेला के अंतर्गत विश्व साहित्य सेवा ट्रस्ट और माधवी फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 'पर्यावरण:चिंतन एवम विमर्श' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि प्रकृति से संवाद ही सब संकटों का हल है,  इसके लिए 'विचारों की घर वापसी' जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा प्रकृति के साथ सहजीवन की रही है, वह राह हम भूल आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रेरित ...

वृद्धजन समाज और राष्ट्र की धरोहर हैं इन्हें सहेजकर रखना हम सबका कर्तव्य

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० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - आदर्श ग्रामीण समाज, नेशनल चाइल्ड एंड वूमेन डेवलपमेंट चेरिटेबल ट्रस्ट, प्रशिक्षित शिक्षक संघ, अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ एवं नेशनल मीडिया नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में दिल्ली के रोहिणी बरवाला में संघ के राष्ट्रीय महासचिव दयानंद वत्स के सान्निध्य में अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर " केयर अवर एल्डर्स, अपने बुजुर्गों का करें सम्मान " नामक जन-जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ किया।  इसका उद्देश्य समाज में वृद्धजनों को समुचित मान-सम्मान देने ओर उनकी उचित देखभाल करने और उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान कराने हेतु युवाओं को प्रेरित करना है। इस अवसर पर अपने संबोधन में दयानंद वत्स ने कहा कि वृद्धजन समाज और देश की धरोहर हैं, इन्हें सहेजकर रखना हम सबका साझा कर्तव्य है। इस जन- जागरूकता कार्यक्रम में स्कूल और कालेजों के विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। इस कार्यक्रम की सफलता के लिए वृद्धजनों की सेवा में लगे स्वयंसेवी संगठनों को भी जोडा गया है।  इसके अधिक अधिकाधिक प्रचार के लिए एफ. एम रेडियो, सोशल मीडिया साइट्स, ब्लागर्...

सैफी काउंट भविष्य में भी समाज की फ़लाह बहबूदी के काम करता रहेगा : सोहैल सैफी

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० इरफ़ान राही ०  नई दिल्ली- सैफी काउंट दिल्ली द्वारा एक सम्मान समारोह तथा रोजगार मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लगभग 32 कंपनियों को रोजगार प्रदान करने के लिए आमंत्रित किया गया जिसमें 1200 से अधिक युवाओं ने इंटरव्यू दिए तथा रजिस्ट्रेशन कराया जिनमें से लगभग 400 युवाओं का चयन किया गया। यह जानकारी सैफी अकाउंट के चेयरमैन सुहैल सैफी ने दी । उन्होंने कहा कि सैफी ज़कात कमेटी द्वारा रोज़गार में पीछे रह जाने वालों को तरक़्क़ी के रास्ते पर लाना मकसूद है। इसीलिए प्रोग्राम को वापसी का नाम दिया गया है वापसी के अंतर्गत 11 लोगों की मदद करके उन्हें कारोबार से जोड़ा गया और खुद कफील बनाने में सहयोग किया है । सैफी अकाउंट के जनरल सेक्रेटरी जमील अहमद सैफी ने सभी का इस्तकबाल किया सुहैल सैफ़ी की सराहना करते हुए सैफी काउंट के कार्यों और लक्ष्य बयान किए। इस मौके पर मौलाना उस्मान फ़ार्कलीत सैफी नैशनल अवार्ड वितरित किए गए जिसमें समाज के कुछ नामी गिरामी शख़्सियतों को उनके का उत्कृष्ट कार्यो और सेवाओं के लिए प्रदान किए गये जिसमें सैफी काउंट द्वारा मौलाना उस्मान फ़ार्कलीत सैफी रत्न अवॉर्ड पाने ...

जब तक परम्परा टूटेगी नहीं तब तक एक समाज का निर्माण होना असंभव - प्रो बिपिन कुमार

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०  मुज़फ्फर सिद्दीकी ०  भोपाल - अंतर्राष्ट्रीय विश्व मैत्री मंच का अभिनव आयोजन 'कहानी संवाद" गूगल मीट पर संपन्न हुआ। देश-विदेश के तमाम साहित्यकारों ने इसमें अपनी उपस्थिति दर्ज की। मंच की संस्थापक अध्यक्ष वरिष्ठ कहानीकार संतोष श्रीवास्तव ने अपने वक्तव्य में अपना शोधपरक आलेख प्रस्तुत करते हुए कहा कि कहानी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। यद्यपि आज हम स्वतंत्र हैं। हमें अभिव्यक्ति की आज़ादी है लेकिन सावधान रहने की भी आवश्यकता है। दरअसल कहानी की माँग होती है कि वह संवेदना को समृद्ध करे। मुख्य अतिथि डॉ शोभनाथ शुक्ल संपादक कथासमवेत एवं अखिल भारतीय कहानी पुरस्कार के संयोजक ने मीनाक्षी दुबे की कहानी,"मुस्कुराती तस्वीर की जगह" की समीक्षा करते हुए कहा कि "यह रिश्तों का संक्रमण काल है। यहाँ रिश्ते टूट रहे हैं। उन्हें साजो कर रखने की ज़रुरत है। आपने कहानी की आलोचना और समालोचना की और विस्तार से उसका विश्लेषण भी किया। कहानी के सभी पात्रों के चरित्र का चित्रण बड़ी गंभीरता से किया। आपने कहा कि कहानी के सकारात्मक और नकारात्मक पक्षों को लेखक के सामने आना ज़रूरी है। स्थितियों के स्...

नवबर्ष में राममंदिर का प्राण प्रतिष्ठा व उद्घाटन की संभावना

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०  विनोद तकियावाला ०  नयी दिल्ली - राम भक्तों के लिए नववर्ष 2024 के पहले पखवाड़े में अयोध्या में र्निमाणाधीन राम मंदिर शुभ शुभारम्भ की मिल रहें संकेत से श्रद्घालुओं में खुशी की लहरमर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पवित्र जन्म भुमि अयोध्या में नव र्निमित राममंदिर को लेकर इस समय बड़ी जानकारी सामने आ रही है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे  रामभक्तों के लिए नववर्ष 2024 के पहले पखवाड़े में अयोध्या में र्निमाणाधीन राम मंदिर शुभ शुभारम्भ की मिल रहें संकेत से श्रद्घालुओं में खुशी की लहर विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र व सबसे बड़े आबादी वाला हमारा देश भारत हमेशा ही चर्चा के केन्द्र में रहा है।चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र हो या आर्थिक क्षेत्र हो ' विज्ञान क्षेत्र हो या अन संसाधन क्षेत्र,धर्म हो या संस्कृति व सभ्यता का क्षेत्र हो। तभी  अनेकता में एकता का देश कहा जाता है।जिसका सबसे बडा प्रमाण हमारा संविधान है।आज हम द्वापर युग में जनकल्याण के हेतु मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम नें आयें व मानव समाज में अनेकों उदाहरण पेश कर लीला की।यही कारण है  आज भी युग युगांतर बाद आज...

मुसलमानों के सामाजिक और आर्थिक पतन का मुख्य कारण शादी के खिलाफ ए शरीयत रीति-रिवाज : अलीम फल्की

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० संवाददाता द्वारा ०  सुन्नत के मुताबिक मुस्लिम शादी में लड़कियों पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ना चाहिए, लेकिन आज इसका उल्टा देखने को मिल रहा है. इस्लाम सादगी से विवाह समारोह संपन्न करने की शिक्षा देता है। लेकिन अत्यधिक फिजूलखर्ची, दिखावा, दहेज की मांग और लालच के कारण सही रिश्ता न मिल पाने के कारण कई मुस्लिम लड़कियों की शादी नहीं हो रही है।  अदालतों में कुरान और शरिया की रोशनी में केस पेश करने वाले वकीलों को अरबी भाषा का ज्ञान होना चाहिए. मुस्लिम समाज से जुड़े कुछ मुद्दों पर फैसले तो होते थे, लेकिन न्याय नहीं मिलता था. उन्होंने धार्मिक विद्वानों से उनके साथ चलने का आग्रह किया  नई दिल्ली , मुस्लिम समाज में दहेज का लेन-देन, महंगी रस्में, बड़ी-बड़ी दावतें, फिजूलखर्ची और समाज में अपनी इज्जत और शान बनाये रखने का दिखावा करना पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं और शिष्टाचार की खिलाफवर्जी है। इस व्यापक सामाजिक संकट के कारण, मुसलमान सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक पतन से पीड़ित हैं और गरीब परिवारों की कुछ मुस्लिम लड़कियों को अपने धर्म के बाहर शादी करने और अनैतिक पेशे अपनाने के लिए मजबूर होना पड़...