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राजस्थान को नवाज़ा गया बेस्ट डेस्टिनेशन वेडिंग अवार्ड से

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० आशा पटेल ०  जयपुर। नई दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदान किया अवार्ड। गायत्री राठौड़ ने कहा यह अवार्ड राजस्थान की लोकप्रियता को और अधिक बढ़ाने में सहायक होगा। नई दिल्ली में आउटलुक ट्रेवलर अवार्ड समारोह -2023 का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राजस्थान को बेस्ट डेस्टिनेशन वेडिंग अवार्ड से नवाजा गया।  प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने यह अवार्ड ग्रहण किया। यह अवार्ड हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदान किया।  आईटीसी मौर्या में आयोजित इस अवार्ड समारोह में बेस्ट वेडिंग डेस्टिनेशन अवार्ड ग्रहण करने के बाद प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने कहा कि राजस्थान देश-विदेश में एक लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन बन गया है। बॉलीवुड के सितारे भी विवाह के लिए राजस्थान का चयन वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में कर रहे हैं। यह अवार्ड प्रदेश पर्यटन की लोकप्रियता को और बढ़ावा देने में सहायक होगा। गौरतलब है कि राज्य मे वेडिंग डेस्टिनेशन पर होने वाली शादियों का कारोबार करीब बीस हजार करोड़ रुपए क...

चर्चित लेखिका संतोष श्रीवास्तव को अंतर्राष्ट्रीय सेतु उत्‍कृष्‍टता सम्मान

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० संवाददाता द्वारा ०  भोपाल - चर्चित लेखिका संतोष श्रीवास्तव अंतर्राष्ट्रीय सेतु उत्‍कृष्‍टता सम्मान 2023 से सम्मानित , पिट्सबर्ग अमेरिका की द्विभाषी साहित्यिक पत्रिका ने भारत की संतोष श्रीवास्तव को उनके उत्कृष्ट लेखन के लिए पुरस्कृत किया है। यह जानकारी पत्रिका के संपादक अनुराग शर्मा ने दी। आठवें दशक की बहुचर्चित लेखिका संतोष श्रीवास्तव का इस वर्ष प्रकाशित उपन्यास "कैथरीन एवं नागा साधुओं की रहस्यमई दुनिया" बेस्ट सेलर की लिस्ट में है। उनकी अब तक आत्मकथा सहित विभिन्न विधाओं में 23 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। तथा देश-विदेश के 23 पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं । उनके लेखन पर भारत के सात विश्वविद्यालय से शोध कार्य एवं एमफिल हुए हैं। संतोष जी की रचनाएं चेन्नई के SRM विश्वविद्यालय में ba के कोर्स में , महाराष्ट्र बोर्ड के 11वीं के कोर्स में,CBSE बोर्ड के सातवीं एवं 12वीं के कोर्स में ,तथा गोवा ,महाराष्ट्र,कर्नाटक राज्य के 32 महाविद्यालयों के सरल हिंदी पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाती है। राही रैंकिंग द्वारा वर्ष 2014 से अब तक विश्व के 100 सर्वाधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में नाम सहित वर्ल...

मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया ने मजदूरों की जान बचाने वाले जांबाज मजदूरों का किया सम्मान

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० नूरुद्दीन अंसारी ०  नई दिल्ली - जब सारी कोशिशें नाकाम हो गई और मशीनों ने जवाब दे दिया तब जिन मजदूरों ने दिन रात मेहनत करके उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला उन्हें मुस्लिम काउंसिल ऑफ इंडिया ने सम्मानित किया और इनके बहादुरी भरे कारनामे को सलाम पेश किया। मुस्लिम काउंसिल आफ इंडिया की ओर से सर्टिफिकेट्स देकर सम्मानित किया गया और इनको शाबाशी दी। ज्ञात रहे कि पिछले महीने उत्तरकाशी निर्माणाधीन एक टनल में 41 मजदूर फंस गए थे  जिनको बाहर निकालने के लिए देश-विदेश से बहुत कोशिश करने के बावजूद भी वापस नहीं निकाला जा सका था। फिर 17 दिनों की निरंतर कोशिश के बाद इन 12 मजदूरों को यह टास्क दिया गया जिनको इन जांबाज मजदूरों ने बड़ी मेहनत और लगन के साथ अपनी जान की परवाह न करते हुए, बग़ैर किसी भेदभाव के अंजाम दिया, जिसकी वजह से आज हिंदुस्तान ही नहीं दूसरे देशों में भी उनके कामों की चर्चा और प्रशंसा हो रही है।  इन 12 मजदूरों की टीम के लीडर मुन्ना कुरैशी, वकील हसन रंगरेज भी इस सम्मान समारोह में शामिल रहे। मुस्लिम काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल रशीद ने इस अवस...

ऐतिहासिक समझौता बैंकिंग इतिहास में पहली बार बिना खडग बिना ढाल

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० आशा पटेल ०  जयपुर। 1986 से 12वें समझौते तक के वर्तमान एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में सुधार 5 दिवसीय बैंकिंग के लिए भारतीय बैंक संघ द्वारा केन्द्र सरकार को अनुशंसा कर दी है। बैंकिंग इतिहास में पिछले 11 द्विपक्षीय वेतन समझौते की तुलना में यह 12वाँ वेतन समझौता अनूठा, सर्वोत्तम एवं सबसे कम समय में सम्पन्न किया जाने वाला समझौता रहा। भारत सरकार के दिशा-निर्देशों पर बिना किसी संघर्ष के हड़ताल, बैंक कर्मचारी एवं संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन एवं नाराजगी की संभावनाओं को नकारते हुऐ शातेि पूर्वक ढंग से सम्पन्न किया गया। यह प्रथम अवसर है कि जब कर्मचारियों एवं उनके संगठनों को वेतन समझौते हेतु एक भी हड़ताल व विरोध प्रदर्शन नही करने पड़े और बैंककर्मियों की मांगों के अनुरूप वेतन, भत्तों एवं सुविधाओं में बढ़ोतरी का समझौता सम्पन्न हुआ। अभी तक कामरेड ट्रेड यूनियन्स द्वारा अपने निहित उद्देश्यों की पूर्ति एवं आकाओं के भरण पोषण के लिए वेतन समझौतों को लम्बे समय तक जबरन लटकाये रखा जाता था जिससे कर्मचारियों का एरियर अधिक बनता था एवं एरियर की राशि से भारी लेवी वसूली जाती थी। मोदी फेक्टर के चलते ...

स्वास्थ्य देखभाल मानव विकास के लिए मूलभूत आवश्यकता : डॉ. जी एन राव

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० आशा पटेल ०  जयपुर । "स्वास्थ्य देखभाल मानव विकास के लिए एक मूलभूत आवश्यकता है और यह संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (एसडीजी) का एक महत्वपूर्ण घटक है। एसडीजी में से कई लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल में वृद्धि हमारी क्षमता को प्रभावित करती है। फिर भी दुनिया का लगभग हर देश बुनियादी स्वास्थ्य बनाने में भारी चुनौतियों का सामना कर रहा है। "यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज" दुनिया के कई देशों की आकांक्षा है और केवल कुछ ही इसे लागू करने में सफल हो पाए हैं।  हालांकि इसे प्राप्त करने की सर्वाधिक जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन इसे साकार करने के लिए बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी भी आवश्यक है।" यह कहना था एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट, हैदराबाद के संस्थापक पद्मश्री डॉ. जी एन राव का। एचसीएम आरआईपीए में आयोजित नौवें एमएल मेहता मेमोरियल आरेशन को मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित कर रहे थे। आई बैंकिंग के बारे में उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सरकार या किसी आई बैंक के संस्थापक की नहीं, बल्कि पूरी कम्यूनिटी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि भारत में बड़ी संख्या में नागरिक समाज...

North East Festival @ Delhi भाषा,संस्कृति,कला का अनूठा महोत्सव

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वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर में भोजपुरी सिनेमा पर 'कभी अलविदा ना कहना'

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० संत कुमार गोस्वामी ०  मुंबई - एक्टर और प्रोड्यूसर यश कुमार की नई फिल्म 'कभी अलविदा ना कहना' का वर्ल्ड प्रीमियर 9 दिसम्बर को फिल्म का प्रीमियर शनिवार शाम 5 बजे से भोजपुरी का टीवी चैनल भोजपुरी सिनेमा पर किया जायेगा. इस फिल्म का पुनः प्रसारण 10 दिसम्बर को सुबह 10 बजे से किया जाएगा. यश कुमार की यह फिल्म रिश्तों के महत्त्व पर आधारित है, जिसे दर्शकों अब अपने परिवार के साथ घर में बैठ कर देख सकेंगे. यश कुमार ने कहा कि फिल्म की कहानी पति के प्यार और समर्पण की इमोशनल कहानी है. उन्होंने कहा कि इस फिल्म की कहानी एक ऐसे पति की है, जो अपनी पत्नी से बेइंतहा प्यार भी करता है और उसकी खुशी के लिए त्याग भी करता है. इसी स्टोरी लाइन पर इस फिल्म की कहानी बुनी गई है. इसमें यश कुमार अपने पिता के दोस्त की बेटी से उस हाल में शादी करता है, जब उसकी बेटी एक एक्सीडेंट में कोमा में चली जाती है. फिर यश उसे कोमा से बाहर लाता है, लेकिन फिर हालत ऐसे बनते हैं कि यश को अपनी पत्नी की शादी उसके पसंद के लड़के से करवानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि ''कभी अलविदा ना कहना' एक सम्पूर्ण पारिवारिक और मनोरंजक फिल्म ...