संदेश

सैफ़ी समाज के युवाओं को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए : Shaukat Ali Saifi ...

चित्र

आपकी कहानी क्या है..? थीम पर जामिया मिलिया इस्लामिया‌ में प्रोग्राम

चित्र
० इरफ़ान राही ०   नई दिल्ली - जामिया मिलिया इस्लामिया के बी.एड के दूसरे वर्ष के छात्र, शिक्षक प्रशिक्षण और गैर-औपचारिक शिक्षा (IASE) विभाग, शिक्षा संकाय के अंतर्गत बालवंतराय मेहता विद्या भवन, ग्रेटर कैलाश में डिस्लेक्सिया जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया। यह कार्यक्रम डिस्लेक्सिया जागरूकता सप्ताह के वार्षिक अवलोकन का हिस्सा था, इसमें अंतरराष्ट्रीय डिस्लेक्सिया दिवस भी शामिल है। कार्यक्रम में जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) से सहायक प्रोफेसर्स प्रोफेसर इरम नासिर और मो ज़ुबैर, पाठ्यक्रम समन्वयक, विशेष अतिथियों के रूप में आमंत्रित थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य डिस्लेक्सिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना और डिस्लेक्सिक छात्रों के लिए समावेशी शिक्षा पर व्यावहारिक जानकारी प्रदान करना था। इस कार्यक्रम ने डिस्लेक्सिया की गहरी समझ को बढ़ावा दिया और शिक्षा में समावेशी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। जामिया मिलिया इस्लामिया के शिक्षण छात्रों द्वारा डिस्लेक्सिया के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें इसके स्वरूप, “शब्द अंधापन” से इसके आधुनिक रूपांतरण तक की समझ का विकास, और डिस्लेक्सिय...

जे पी जयंती और डा लोहिया पुण्यतिथि पर समतामूलक समाज बनाने पर हुआ मंथन

चित्र
० आशा पटेल ०  जयपुर । लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती व डॉक्टर लोहिया की पुण्यतिथि पर सम्पूर्ण क्रांति व सप्त क्रांति की वर्तमान समय पर परिचर्चा का आयोजन वरिष्ठ अधिवक्ता प्रेमकृष्ण शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। राजस्थान नागरिक मंच के महासचिव बसन्त हरियाणा ने बताया कि इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की सम्पूर्ण क्रांति व लोहिया की सप्त क्रांति उद्देश्य समतामूलक समाज की स्थापना के लिए प्रत्येक प्रकार की गैर बराबरी को समाप्त करना था। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि दुनिया मे जो निरन्तर अशांति हो रही है उस अशांति व युद्ध को रोकने के लिए भी सम्पूर्ण क्रांति व सप्तक्रांति के आदर्शों को ना केवल प्रत्येक भारतवासी बल्कि पूरी दुनिया को अपनाना होगा। इस अवसर पर सवाई सिंह, राहुल टेकचंद, ममता जेटली,शब्बीर अहमद,सुमित्रा चौपड़ा, उपेन्द्र शंकर, नन्दकिशोर स्वर्णकार,धर्मवीर कटेवा,विष्णुदत्त शर्मा,विमल चौधरी, राजेन्द्र कुंभज, सहित अनेक वक्ताओ ने अपने विचार व्यक्त किए।

समावेशी विकास के लिए वंचित और पिछङे वर्ग को आत्मनिर्भर बनाएँ : भाणावत

चित्र
० आशा पटेल ०  जयपुर। पूर्व ग्रामीण विकास सचिव एवं शैक्षणिक आंदोलन से जुड़े राजेन्द्र भाणावत ने कहा है कि देश का समावेशी विकास तभी सम्भव है जबकि वंचित वर्ग, अति पिछङे और पिछङे वर्ग को आत्मनिर्भर बनाया जाए। ग्राम्य जीवन को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए जी.डी.पी. के साथ प्रति व्यक्ति आय में भी बढोतरी हो और पूँजी और तकनीकी कौशल की कमी दूर की जाए । अर्थ शक्ति का विकेन्द्रीकरण हो । मूलभूत सुविधाएँ जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और गरिमापूर्ण जीवन के लिए जॉबलैस ग्रोथ की जगह एम्प्लोयमैन्ट ओरिएन्टेड ग्रोथ का होना आवश्यक है तभी भारतीय संविधान में वर्णित उद्देश्यों की पूर्ति होगी। भाणावत योग साधना आश्रम में 'आर्थिक एवं सामाजिक विषमताएँ : समस्या और समाधान' विषयक मुक्त मंच, जयपुर की 89 वीं मासिक संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। संगोष्ठी की अध्यक्षता डॉ नरेन्द्र शर्मा 'कुसुम' ने की। संगोष्ठी का संयोजन 'शब्द संसार' के अध्यक्ष श्रीकृष्ण शर्मा ने किया। अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र शर्मा कुसुम ने कहा कि राजतन्त्र में समता-विषमता पर प्रजा को अभिव्यक्ति का अधिकार ...

एससी ईसाइयों को आरक्षण से वंचित करना असंवैधानिक : एआईयूसीएमईआर

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नई दिल्ली: ऑल इंडिया यूनाइटेड क्रिश्चियन्स मूवमेंट फॉर इक्वल राइट्स (एआईयूसीएमईआर) ने अनुसूचित जाति (एससी) ईसाइयों को आरक्षण के लाभ से वंचित करने की कड़ी निंदा की है और इसे असंवैधानिक और सांप्रदायिक करार दिया है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलने को संबोधित करते हुए एआईयूसीएमईआर के पदाधिकारियों ने कहा कि एआईयूसीएमईआर ने 1950 के संविधान (अनुसूचित जाति) आदेश के पैरा 3 को हटाने या संशोधित करने की मांग की, जो जातिगत आधार पर अनुसूचित जाति का दर्जा देने से ईसाई धर्म के अनुयायियों को वंचित करता है। एआईयूसीएमईआर के अध्यक्ष ब्रदर जोस डेनियल ने कहा, “अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण का उद्देश्य उन सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को दूर करना था, जिनका सामना वे परंपरागत रूप से करते आए हैं। धर्म के आधार पर इस लाभ से ईसाई अनुसूचित जातियों को बाहर रखना पूरी तरह से असंवैधानिक है और उनके साथ दोहरा अन्याय है। हम सरकार और न्यायपालिका से अनुरोध करते हैं कि इस भेदभावपूर्ण पैरा 3 को तुरंत हटाया जाए या इसमें संशोधन किया जाए, ताकि सभी अनुसूचित जातियों को समान रूप से अधिकार मि...

इकोफाई और टीवीएस मोटर कंपनी ने ईवी थ्री-व्‍हीलर फाइनेंसिंग की स्थिति को बदलने के लिये सहयोग किया

चित्र
० योगेश भट्ट ०  मुंबई : इकोफाई,जो एवरसोर्स कैपिटल वित्त प्रदान करने वाली कंपनी है, ने टीवीएस मोटर कंपनी के साथ साझेदारी की है। इकोफाई का उद्देश्य भारत के खुदरा क्षेत्र (रिटेल सेक्‍टर) में पर्यावरण से जुड़ी वित्तीय जरूरतों को पूरा करना है, जबकि टीवीएस मोटर जो टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर वाहनों का निर्माण करती है। इस साझेदारी का लक्ष्य तेजी से बढ़ रहे इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर क्षेत्र को बढ़ावा देना और देशभर में पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करना है। इकोफाई की को-फाउंडर, एमडी और सीईओ राजश्री नांबियार ने कहा, "टीवीएस मोटर कंपनी के साथ हमारा यह सहयोग स्थायी ऊर्जा के भविष्य के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे हम यात्री और माल ढुलाई के लिए इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स के लिए बेहतर वित्तीय समाधान पेश कर पाएंगे। टीवीएस मोटर के गहरे उद्योग अनुभव, मजबूत वितरण नेटवर्क और प्रतिष्ठित ब्रांड का फायदा उठाकर, इकोफाई इलेक्ट्रिक वाहन फाइनेंसिंग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाने के लिए तैयार है। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में बड़ी वृद्धि होगी।  रजत गुप्ता, कॉमर्शियल मोबिलिट...

अभिनेता एक,भूमिका अनेक–प्रो. रवि शर्मा ‘मधुप’

चित्र
० योगेश भट्ट ०  नयी दिल्ली - अन्य कलाओं की भाँति अभिनय भी एक कला है। इसमें निखार लाने के लिए जन्मजात प्रतिभा, सीखने की ललक और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है। मंच पर अभिनय, कैमरे के सामने अभिनय से कहीं अधिक कठिन होता है, क्योंकि इसमें गलती सुधारने का अवसर नहीं मिलता। मंच पर अभिनय का एक परंपरागत रूप है - रामलीला। इन दिनों देश-विदेश में रामलीला मंचन चल रहा है। ऐसा ही एक मंचन राजधानी दिल्ली के रानी बाग क्षेत्र में श्री नागरिक रामलीला एवं दशहरा कमेटी द्वारा किया जा रहा है| इसमें दो दर्जन से अधिक कलाकार एक महीने के अभ्यास के पश्चात श्री राम की लीला का भव्य मंचन करते हैं। इन कलाकारों में एक कलाकार हैं श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. रवि शर्मा 'मधुप'। वे इस रामलीला में विगत 43 वर्ष से विभिन्न भूमिकाएँ निभाते आ रहे हैं। इस वर्ष भी उन्होंने अयोध्यापति दशरथ, भगवान परशुराम, किष्किंधा नरेश बाली एवं महाबली कुंभकर्ण की भूमिका को मंच पर जीवंत कर दिया। इतनी विविधतापूर्ण भूमिकाओं को वे कैसे सफलतापूर्वक निभाते हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "यह मेरे पूर्व जन्म के...