15 वां वित्त आयोग पंचायती राज मंत्रालय से मिला

 नयी दिल्ली - पंचायती राज मंत्रालय के सचिव राहुल भटनागर तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने 15 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह, आयोग के सदस्यों तथा वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया। 


संविधान के अनुच्छेद 280 (3) (बीबी) में यह प्रावधान है कि राज्य में पंचायतों के संसाधनों की पूरक व्यवस्था के लिए राज्य की संचित निधि को मजबूत बनाने के उपाय वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर किए जाने चाहिए।  


वित्त आयोग को दिए गए विभिन्न प्रस्तावों में मंत्रालय ने 15वें वित्त आयोग द्वारा पंचायतों को 10,00,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव है। यह 14 वें वित्त आयोग द्वारा दी गई राशि से 399 प्रतिशत अधिक है।


 बैठक में मंत्रालय के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं: 



  • विभिन्न श्रेणियों की पंचायतों को आवंटन।

  • कार्य प्रदर्शन अनुदान प्रावधान के लिए तौर-तरीकों में संशोधन।      

  • गैर-भाग IX क्षेत्रों / डीपी तथा आईपी तथा केन्द्रशासित पंचायतों को धन आवंटन।       

  • निर्माण को छोड़कर सतत विकास लक्ष्यों को गतिविधियों से जोड़ना।     

  • पंचायतों द्वारा डिजिटल प्रौद्योगिकी अपनाने में वृद्धि की आवश्यकता।          

  • स्व संसाधन राजस्व को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यवस्था विकसित करना। 


मंत्रालय और आयोग इस बार सहमत थे कि पंचायती राज संस्थानों के सभी तीन स्तरों को धन दिया जाना चाहिए और धन आवंटन का अनुपात एक सीमा में होना चाहिए।  आयोग सभी प्रस्तावों को देखेगा, ताकि अंतिम सिफारिश की जा सके।


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