किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सारा अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाए, यह सुनिश्चित करना लक्ष्य है: पासवान
नयी दिल्ली - केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने विशेष जोर देते हुए कहा कि मंत्रालय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों की कड़ी मेहनत से पैदा होने वाले अन्न का एक भी दाना व्यर्थ न जाए और किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सारा अनाज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा खरीदा जाए तथा इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि भ्रष्टाचार पूरी तरह समाप्त हो जाए। पासवान ने एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की भावी रूपरेखा पेश करने के दौरान ये बातें कहीं।
केन्द्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि शांता कुमार समिति की सिफारिशों के अनुसार यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जाएगी कि एफसीआई की कार्य शैली सुव्यवस्थित और अत्यंत तेज हो जाए। उन्होंने कहा कि देश में 100 लाख टन की गोदाम (साइलो) भंडारण क्षमता सृजित करने की योजना है। पिछली सरकार ने 6.75 लाख टन की भंडारण क्षमता निर्मित की थी, जबकि 22 लाख टन की भंडारण क्षमता का निर्माण कार्य जारी है। श्री पासवान ने कहा कि गोदामों के निर्माण की धीमी गति का मुख्य कारण यह है कि गोदामों के ठीक बगल में 1.5 किलोमीटर लम्बी रेल साइडिंग (रेल की दूसरी छोटी पटरी) का होना आवश्यक है। अब राइट्स को साइलो मॉडल बदलने की जिम्मेदारी सौंपी गई है और वह 90 दिनों में अपनी सिफारिशें एफसीआई को प्रस्तुत कर देगी। उन्होंने कहा कि शेष गोदामों के निर्माण कार्य को वर्ष 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य है, ताकि मार्च 2022 में खरीदे जाने वाले गेहूं का भंडारण इन गोदामों में किया जा सके।
पासवान ने विशेष जोर देते हुए कहा कि गेहूं और चावल की सरकारी खरीद पहले की ही तरह जारी रहेगी, जिससे कि किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित किए जाने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ आगे भी निरंतर मिलता रहे। हाल ही में समाप्त रबी सीजन में 338 लाख टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि वर्ष 2018-19 में 423 लाख टन चावल खरीदा गया है, जिनमें से 341 लाख टन चावल एफसीआई पहुंच चुका है।
रामविलास पासवान ने आगे कहा कि एफसीआई की सीधी भर्ती प्रक्रिया को ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है। यह ऑनलाइन परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जा रही है। पहला चरण 3 जून को पूरा हो चुका है, दूसरा चरण जुलाई के दूसरे सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। इसी प्रकार श्रेणी 1 के 77 पदों और श्रेणी 2 के 367 पदों की भर्ती जुलाई में शुरू होगी।
एफसीआई में 3 प्रकार के मजदूर हैं - विभागीय, दैनिक भुगतान प्रणाली (डीपीएस) और संविदा श्रम के साथ काम नहीं तो वेतन नहीं वाले कामगार। इनके बारे में बात करते हुए श्री पासवान ने कहा कि 3 विभिन्न प्रबंधों को समाप्त करने के लिए और एफसीआई के सभी कामगारों को एकल, एक समान प्रणाली के तहत लाने के लिए सरकार द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया जा रहा है। इससे सभी कामगारों के लिए कार्यकाल की स्थिरता और सुरक्षित वेतन उपलब्ध होगा। सभी कर्मचारी यूनियनों के साथ मिलकर एक सर्वसम्मति बनाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि एफसीआई में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में सुधार लाने के लिए मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) लागू की जाएगी। जिसका कार्य अगस्त, 2019 में शुरू होकर अगस्त, 2020 तक पूरा हो जाएगा। इस कदम से एफसीआई के 196 कार्यालयों में कार्यरत 22,000 कर्मचारियों को फायदा होगा।
पासवान ने यह भी कहा कि एफसीआई और सीडब्ल्यूसी की ऑनलाइन डिपो के लिए एकीकरण का कार्य राज्य सरकारों के परामर्श से किया जाएगा और इसके लिए राज्य सरकारों के खाद्य मंत्रियों और सचिवों की जुलाई में आयोजित की जाने वाली बैठकों में एकीकरण के लक्ष्यों को निर्धारित किया जाएगा।
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