तंबाकू के खतरे से निपटने के लिए जन आंदोलन चलाया जाना चाहिए

नयी दिल्ली - स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ भागीदारी में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के उपलक्ष्य में तंबाकू और फेफड़ों का स्वास्थ्य विषय पर राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मंत्रालय की सचिव सुश्री प्रीति सूदन ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम और तंबाकू के उपयोग से लोगों के फेफड़ों के स्वास्थ्य और कैंसर से लेकर सांस लेने की गंभीर बिमारियों से जुड़े जोखिमों के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एक दीर्घकालीन प्रभावी और आंकड़ों तथा साक्ष्य पर आधारित ढांचा तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण है। इस कार्यक्रम में नीति आयोग के स्वास्थ्य सचिव डॉ. वी के पॉल ने प्रतिभागियों को तंबाकू निषेध शपथ दिलाई।


स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव संजीव कुमार, संयुक्त सचिव विकास शील और भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि डॉ. हैंक बेकेडम भी इस अवसर पर उपस्थित थे। अपने संबोधन में सुश्री प्रीति सूदन ने समुदाय सहभागिता की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि लोग और परिवार इस बारे में जानकारी प्राप्त करें कि धूम्रपान किस प्रकार जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि समुदाय सहभागिता के बिना हम सफल नहीं हो सकते। सरकार अब तंबाकू के प्रयोग से उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए हस्तक्षेप कर रही है। इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य पी के पॉल ने तंबाकू के सभी रूपों में उपयोग के खतरे से निपटने के लिए जन आंदोलन चलाने का आह्वान किया है। इसके लिए व्यवहार में परिवर्तन लाए जाने की जरूरत है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के भारत में प्रतिनिधि डॉ. हैंक बेकेडम ने कहा कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस तंबाकू के उपयोग से निपटने के लिए बहुआयामी रणनीतियों के बारे में ध्यान केंद्रित करने के लिए सभी हितधारकों को एक विशेष अवसर उपलब्ध कराता है। तंबाकू नियंत्रण हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू नियंत्रण के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए राजस्थान सरकार के चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग और दिल्ली विश्वविद्यालय के वी पी चैस्ट इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. राजकुमार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2019 के पुरस्कार से सम्मानित किया। मंत्रालय ने राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशालाओं के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए हैं। मंत्रालय ने तीन राष्ट्रीय तंबाकू परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं जो विभिन्न प्रकार के तंबाकू उत्पादों का विश्लेषण करने में विश्वस्तर की सुविधाओं से लैस हैं। 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

उर्दू अकादमी दिल्ली के उर्दू साक्षरता केंद्रों की बहाली के लिए आभार

राजा बहिरवाणी बने सिंधी काउंसिल ऑफ इंडिया दुबई चैप्टर के अध्यक्ष

डंडिया जी की कलम में है सच को सच कहने की हिम्मत : कटारिया

वाणी का डिक्टेटर – कबीर