‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ 1-4 नवम्बर के दौरान नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा
नयी दिल्ली - केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि 'वर्ल्ड फूड इंडिया 2019' खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के सभी वैश्विक एवं घरेलू हितधारकों का सबसे बड़ा सम्मेलन होगा। श्रीमती हरसिमरत ने कहा कि डब्ल्यूएफआई 2019 नई दिल्ली में 1 से 4 नवम्बर, 2019 तक आयोजित किया जाएगा और यह सम्मेलन भारत को विश्व के खाद्य प्रसंस्करण गंतव्य या देश के रूप में रेखांकित करेगा।
मंत्री ने डब्ल्यूएफआई 2019 के विभिन्न हितधारकों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। संबंधित मंत्रालय एवं विभाग, प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि इन हितधारकों में शामिल हैं। इसके बाद खाद्य प्रसंस्करण करने वाले प्रमुख देशों/खाद्य पदार्थों की खुदरा बिक्री करने वाले देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों के साथ दूसरी बैठक आयोजित की गई। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उपलब्ध निवेश अवसरों पर विचार-विमर्श करना और डब्ल्यूएफआई 2019 में भागीदारी के बारे में संबंधित लोगों को अवगत कराना था। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
मंत्री ने उपस्थित लोगों को यह जानकारी दी कि 'वर्ल्ड फूड इंडिया' का दूसरा संस्करण नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन और राजपथ प्रांगण में 1 से 4 नवम्बर, 2019 तक और भी बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाएगा। वर्ल्ड फूड इंडिया 2019 के दौरान अनेक शीर्ष स्तरीय संगोष्ठियों के साथ-साथ प्रदर्शनियां, सीईओ की उच्चस्तरीय गोलमेज बैठकें, कंट्री सेशन, बी2बी एवं बी2जी नेटवर्किंग इत्यादि भी आयोजित की जाएंगी। वर्ष 2019 के लिए मंत्रालय कम से कम 15 देशों के साथ साझेदारी करने और कम से कम 80 देशों की भागीदारी सुनिश्चित करने को लक्षित कर रहा है। इस आयोजन का स्लोगन 'विकास के लिए साझेदारी' होगा।
श्रीमती बादल ने बताया कि वर्ल्ड फूड इंडिया 2019 के लिए तैयारियां पहले ही शुरू कर दी गई हैं। 11 से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय और 8 घरेलू रोडशो करने की योजना है। सभी शीर्ष सीईओ और राजदूतों के साथ आज आयोजित की गई गोलमेज बैठक इस तरह का एक उच्चस्तरीय आयोजन था, जो घरेलू एवं वैश्विक उद्योग जगत के साथ संवाद करने की मंत्रालय की मंशा को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ महीनों के दौरान उनका मंत्रालय सभी राज्यों के साथ-साथ उद्योग जगत के अन्य हितधारकों, विशेषकर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) से संपर्क स्थापित करेगा। मंत्री ने इस चार दिवसीय आयोजन के दौरान उद्योग जगत से सुझाव भी आमंत्रित किए हैं।
अनेक देशों और उद्योगों ने इस आयोजन का हिस्सा बनने में अपनी रुचि दिखाई है। मंत्री ने राजदूतों और उद्योगों को खाद्य पदार्थ सेक्टर से जुड़े इस मेगा आयोजन का हिस्सा बनने और विकास एवं समृद्धि के लिए भारत में उपलब्ध व्यापक अवसरों का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित किया।
मंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र भारत सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत देश के 6 सुपरस्टार सेक्टरों में से एक है और इसके साथ ही इसमें भारत को दुनिया के एक प्रमुख खाद्य प्रसंस्करण गंतव्य या देश के रूप में रूपांतरित करने की व्यापक क्षमता है।
मंत्री ने कहा कि भारत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने 11 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ बड़ी तेजी से विकास किया है, जो वैश्विक उद्योग के विकास की गति के मुकाबले दोगुनी है।
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